मंत्र जप और ध्यान से दूर होता है तनाव:परिवार और साधु-संतों की संगत में रहेंगे तो नकारात्मक विचारों से मिलेगी मुक्ति

आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में अधिकतर लोग तनाव यानी स्ट्रेस का शिकार हैं। तनाव की वजह से जरूरी काम करने में, घर-परिवार में रिश्ते बनाए रखने में, सेहत के मामले में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। तनाव दूर करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो लाभ मिल सकता है... नकारात्मक लोगों से दूर रहें उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, हमें ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए, जिनके विचार नकारात्मक हैं। महाभारत में दुर्योधन पूरे समय शकुनि की संगत में रहता था। शकुनि के विचार नकारात्मक थे और उसके विचारों का सीधा असर दुर्योधन पर हुआ। रामायण में रावण की संगत की वजह से मारीच, मेघनाद, कुंभकर्ण मारे गए। हनुमान, सुग्रीव, विभीषण श्रीराम की संगत में रहें, जिससे उनका जीवन सफल हो गया। महाभारत में पांडव श्रीकृष्ण के साथ रहे, जिससे उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं। इसलिए हमें भी ऐसे लोगों की संगत में रहना चाहिए, जिनकी सोच सकारात्मक है और जो दूसरों की भलाई के बारे में सोचते हैं। ऐसे लोगों के साथ रहेंगे तो हमारे विचार भी सकारात्मक बनेंगे और हम तनाव से बचे रहेंगे। पूजा-पाठ, मंत्र-जप और ध्यान करें पूजा-पाठ, मंत्र-जप और ध्यान करने से मन की एकाग्रता बनी रहती है। विचारों में पवित्रता आती है, नकारात्मकता दूर होती है। इसी वजह से ग्रंथों में, साधु-संत और विद्वान रोज पूजा, मंत्र-जप और ध्यान करने की सलाह देते हैं। अगर विधिवत पूजा-पाठ नहीं कर पाते हैं तो अपने समय के अनुसार ही ये शुभ काम कर सकते हैं। समय-समय पर तीर्थ यात्रा करनी चाहिए तीर्थ यात्रा यानी पौराणिक महत्व वाली जगहों पर दर्शन-पूजन करना। जब लंबे समय तक एक जैसा जीवन चलते रहता है, एक जैसी परेशानियां बनी रहती हैं तो जीवन में निरसता आ जाती है। इस निरसता को दूर करने के लिए समय-समय पर तीर्थ स्थान जैसे द्वादश ज्योतिर्लिंग, 51 शक्तिपीठ, चार धाम जैसी पौराणिक जगहों पर जा सकते हैं। तीर्थ यात्रा करने से नई-नई जगहें देखने को मिलती हैं, नए लोगों से मिलना होता है, जीवन में नयापन आता है। जब हम डेली लाइफ से कुछ दिनों का ब्रेक लेते हैं तो जीवन में ताजगी आ जाती है और तनाव दूर होता है। इसी वजह से साधु-संतों द्वारा और ग्रंथों में तीर्थ यात्रा करने की सलाह दी जाती है। ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें जब भी मन ज्यादा निराश हो, गुस्सा आए तो हमें ब्रीदिंग एक्ससाइज करनी चाहिए। 4-7-8 ब्रीदिंग टेक्नीक से सांस लेनी चाहिए। इस टेक्नीक में 4 सेकंड तक सांस लेते हैं, फिर 7 सेकंड तक सांस को रोकते हैं, और फिर 8 सेकंड तक धीरे-धीरे सांस छोड़ते हैं। इस तरह गहरी और नियंत्रित सांस लेने से शरीर की फाइट-ऑर-फ्लाइट की स्थिति शांत होती है और तनाव दूर होता है। फिजिकल एक्सरसाइज से भी दूर होता है तनाव तनाव दूर करने के लिए फिजिकल एक्सरसाइज करना भी एक अच्छा विकल्प है। एक्सरसाइज करने से हमारे शरीर में तनाव कम करने वाले हैप्पी हार्मोन एक्टिव होते हैं, जिससे तनाव दूर होता है। रनिंग, साइकलिंग, या डांसिंग करने से मूड बेहतर होता है। योगा करेंगे तो मांसपेशियों का तनाव दूर होता है, दिमाग को शांति मिलती है। तनाव दूर करने के लिए हर रोज पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। नींद की कमी से भी तनाव बढ़ता है।

Feb 17, 2025 - 07:34
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मंत्र जप और ध्यान से दूर होता है तनाव:परिवार और साधु-संतों की संगत में रहेंगे तो नकारात्मक विचारों से मिलेगी मुक्ति

मंत्र जप और ध्यान से दूर होता है तनाव: परिवार और साधु-संतों की संगत में रहेंगे तो नकारात्मक विचारों से मिलेगी मुक्ति

Kharchaa Pani

लेखिका: सिया शर्मा, टीम नेतानगरी

परिचय

तनाव हमारी दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। हालांकि, इसे दूर करने के लिए भारत में सदियों से अपनाए जाने वाले कुछ प्रभावी उपाय हैं। मंत्र जप और ध्यान ऐसी प्राचीन तकनीकें हैं जो न सिर्फ मानसिक शांति प्रदान करती हैं, बल्कि तनाव को कम करने में भी मददगार साबित होती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे साधु-संतों की संगत और सकारात्मक वातावरण तनाव को दूर करने में लाभकारी है।

मंत्र जप और ध्यान का महत्व

मंत्र जप और ध्यान का मतलब सिर्फ शब्दों का उच्चारण नहीं है, बल्कि यह एक गहन मानसिक प्रक्रिया है। जब हम नियमित रूप से मंत्र का जप करते हैं, तो यह हमारे मन को एकाग्र करता है और हमें मानसिक शांति प्रदान करता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मंत्रों में अद्भुत शक्तियाँ होती हैं जो आत्मा को शुद्ध करती हैं और नकारात्मक विचारों से राहत दिलाती हैं।

साधु-संतों की संगत

हमेशा साधु-संतों की संगत में रहना हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाने में मदद करता है। जब हम ऐसे लोगों के साथ समय बिताते हैं, जिन्हें ध्यान और मंत्र जप में गहरी रुचि होती है, तो हमारे मन में भी सकारात्मकता उत्पन्न होती है। संतों का अनुभव और ज्ञान हमारे मानसिक तनाव को कम करने में सहायक हो सकता है। उनकी उपस्थिति में हम अपने विचारों को सही दिशा में ढाल सकते हैं।

परिवार का महत्व

परिवार भी तनाव को कम करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब परिवार के सदस्य एक-दूसरे के साथ मिलकर ध्यान और मंत्र जप करते हैं, तो यह न केवल संबंध को मजबूत करता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। परिवार का साथ हमें साहस और समर्थन प्रदान करता है, जिससे हम तनाव से निपटने में सक्षम होते हैं।

निष्कर्ष

आज के प्रतिस्पर्धी युग में जब तनाव एक आम समस्या बन गई है, मंत्र जप, ध्यान, और साधु-संतों के संग में रहना एक शक्ति बन सकता है। यह न केवल हमें नकारात्मकता से बचाता है, बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। हमें अपनी जीवन शैली में ध्यान और मंत्र जप को शामिल करना चाहिए ताकि हम तनाव मुक्त और सुखद जीवन जी सकें।

इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि मानसिक तनाव को दूर करने के लिए साधु-संतों की संगत और परिवार का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए, आज ही अपने जीवन में इन सकारात्मक उपायों को शामिल करें और एक खुशहाल जीवन का अनुभव करें।

Keywords

stress relief, mantra chanting, meditation, spirituality, family support, negative thoughts, mental wellness, Indian traditions

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