अरविंद केजरीवाल आज सोनीपत कोर्ट में होंगे पेश:यमुना के पानी को जहरीला बताया था, जल सेवा डिवीजन इंजीनियर की याचिका पर सुनवाई होगी

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज सोनीपत कोर्ट में पेश होना है। यमुना नदी के पानी में जहर मिलाने के आरोपों के बाद पिछले दिनों हरियाणा सरकार ने केजरीवाल के खिलाफ सोनीपत में याचिका दायर की थी। सोनीपत सीजेएम कोर्ट में उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 2-डी और 54 के तहत याचिका दायर होने के बाद कोर्ट में उनकी पेशी के लिए 17 फरवरी की तारीख तय की गई थी। दिल्ली चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा से दिल्ली में बहने वाली यमुना नदी को लेकर ऐसा बयान दिया था कि इससे राजनीति में बड़ा भूचाल आ गया था और भूचाल ही नहीं बल्कि सोनीपत कोर्ट में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को समन भेजकर मामले की सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख तय की थी। अब आज उन्हें सोनीपत कोर्ट में पेश होना है। यह मामला हरियाणा के राई जल सेवा डिवीजन के कार्यकारी इंजीनियर आशीष कौशिक की शिकायत पर दर्ज किया गया था। मामला क्या था अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के चुनाव को लेकर यमुना नदी के माध्यम से दिल्ली में जाने वाले पानी को जहरीला बताया था। जिसके चलते राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तरफ से सोनीपत के राई जल सेवा प्रभाग के कार्यकारी अभियंता आशीष कौशिक ने सोनीपत की अदालत में केस दायर किया था। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया था कि 28 जनवरी को यमुना नदी से सटे हुए आसपास के गांव की भीड़ सिंचाई विभाग के कार्यालय में एकत्रित हो गई थी और इसको लेकर सिंचाई विभाग से लोग पूछताछ करने लगे और कहा कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी में जहर क्यों डाला है। इससे जानवरों और लोगों की मौत हो जाएगी। इसको लेकर लोगों से जब कारण पूछा गया तो लोगों ने सोशल मीडिया पर चलने वाली एक वीडियो क्लिप दिखाई और जिसमें अरविंद केजरीवाल यह बयान दे रहे थे कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी के पानी में जहर मिला दिया है। स्थानीय लोगों द्वारा यह भी कहा गया की वीडियो में यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि दिल्ली जड़ बोर्ड के अधिकारियों के अलर्ट के कारण पानी में जहर की जानकारी मिल गई है और जिसके चलते दिल्ली के कई निवासियों की जान बचाई गई है। उसके बाद यह भी बताया गया है कि बाद में लोगों को शांत किया गया और उन्हें आश्वासन दिया गया की वायरल वीडियो में जिस प्रकार का दावा किया गया है ,वैसा कुछ भी नहीं है। पानी में किसी भी प्रकार का कोई जहर नहीं है और यह अरविंद केजरीवाल का बयान बिल्कुल गलत है। उसके बाद भीड़ शांत हुई और लोग वापस चले गए। इसी के चलते अरविंद केजरीवाल के खिलाफ याचिका दायर की। कोर्ट में पेश नहीं हुए तो क्या होगा फैसला सोनीपत में सीजेएम की कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि अगर केजरीवाल 17 फरवरी को कोर्ट के सामने हाजिर नहीं होंगे तो यह माना जाएगा कि उन्हें मामले में कुछ नहीं कहना और उसके बाद आगे की कार्रवाई कानून के अनुसार शुरू की जाएगी। नायब सैनी सरकार ने बताया था गैर-जिम्मेदाराना बयान हरियाणा सरकार ने केजरीवाल के बयान को गैर-जिम्मेदाराना और भ्रामक बताया था। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के आरोप बिना किसी ठोस सबूत के लगाए गए हैं, जिससे जनता में भय और असमंजस की स्थिति पैदा हो सकती है। इस पूरे मामले पर हरियाणा के सीएम ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि राज्य सरकार यमुना के जल की गुणवत्ता को लेकर पूरी तरह सतर्क है और किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जा रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया था। अब सभी की निगाहें आज होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। देखना होगा कि केजरीवाल कोर्ट में अपना पक्ष कैसे रखते हैं और इस मामले में आगे क्या रुख अपनाया जाता है।

Feb 17, 2025 - 08:34
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अरविंद केजरीवाल आज सोनीपत कोर्ट में होंगे पेश:यमुना के पानी को जहरीला बताया था, जल सेवा डिवीजन इंजीनियर की याचिका पर सुनवाई होगी

अरविंद केजरीवाल आज सोनीपत कोर्ट में होंगे पेश: यमुना के पानी को जहरीला बताया था, जल सेवा डिवीजन इंजीनियर की याचिका पर सुनवाई होगी

Kharchaa Pani
इस खबर को निःसंदेह समय की आवश्यकता के अनुसार लिखा गया है। टीम नेतानागरी की ओर से, हम आपके सामने पेश कर रहे हैं एक महत्वपूर्ण कहानी जिसका संबंध दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से है।

परिचय

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज सोनीपत कोर्ट में पेश होने वाले हैं। यह सुनवाई उस याचिका के संदर्भ में होगी जिसमें जल सेवा डिवीजन के एक इंजीनियर ने केजरीवाल पर यमुना नदी के पानी को जहरीला बताने का आरोप लगाया है। मामला काफी संवेदनशील है और इससे न केवल राजनीति, बल्कि पर्यावरण पर भी गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

याचिका का अवलोकन

यमुना नदी दिल्ली और हरियाणा के लिए जीवनदायिनी जल स्रोत है। अरविंद केजरीवाल ने पहले एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि यमुना का पानी जहरीला है और इसे सीधे पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस बयान को लेकर जल सेवा डिवीजन के इंजीनियर ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें केजरीवाल को उनके बयान के लिए उत्तरदायी ठहराने की मांग की गई थी।

कोर्ट में सुनवाई का महत्व

आज की सुनवाई यह तय करेगी कि क्या केजरीवाल के बयान से जल गुणवत्ता की समस्या पर ध्यान आकर्षित हुआ या नहीं। इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए पुनः विचार-विमर्श की आवश्यकता है। पर्यावरणीय मुद्दों पर नेताओं की जिम्मेदारी होनी चाहिए, ताकि वे जनता को सही जानकारी प्रदान कर सकें।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस घटना पर राजनीति भी गर्म हो गई है। कई विपक्षी दलों ने केजरीवाल के बयान की निंदा की है और इसे उनकी सरकार की विफलता का एक उदाहरण बताया है। अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर बेहद उच्च है, और ऐसे में केजरीवाल का बयान अपनी जगह महत्वपूर्ण है। हालांकि, यह भी सही है कि सार्वजनिक मंच पर ऐसा बयान देना, शायद उचित नहीं है।

निष्कर्ष

अरविंद केजरीवाल की आज की कोर्ट पेशी उस राजनीतिक और सामाजिक स्थिति का उदाहरण है, जहाँ नेताओं को अपनी जिम्मेदारियों का ध्यान रखना चाहिए। यह सुनवाई न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे दिल्ली-हरियाणा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। इससे यह भी स्पष्ट होगा कि राजनीति में पर्यावरण से संबंधित मुद्दों को कैसे उठाना चाहिए।

इस मामले पर आगे की जानकारी के लिए, कृपया उपरोक्त वेबसाइट पर जाएं: kharchaapani.com.

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