भारतीय शेयर मार्केट की वैल्यू 4 ट्रिलियन डॉलर से गिरी:रुपए में कमजोरी, बाजार में गिरावट और विदेशी निवेशकों की बिकवाली इसका कारण
भारतीय स्टॉक मार्केट की वैल्यूएशन आज यानी शुक्रवार (14 फरवरी) को 4 ट्रिलियन डॉलर (करीब 347.47 ट्रिलियन रुपए) के नीचे आ गई। कारोबार के दौरान यह 3.98 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया। हालांकि बाद में इसमें रिकवरी हुई और यह फिर से 4 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया। इसका कारण रुपए में कमजोरी और स्टॉक मार्केट में गिरावट है। 4 दिसंबर, 2023 के बाद (14 महीना) यह पहला मौका है जब मार्केट कैप इस बेंचमार्क के नीचे आया। इससे पहले दिसंबर में यह 5.14 ट्रिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई पर था। भारत के शेयर बाजार में 18.33% की बड़ी गिरावट है। वहीं, भारतीय रुपया इस साल अब तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगभग 1.5% कमजोर हुआ है। दुनियाभर के मार्केट की तुलना में इस साल यह सबसे बड़ी गिरावट है। इस साल अमेरिका की वैल्यू 3% बढ़ी ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, जिम्बाब्वे 18.3% और आइसलैंड 18% की गिरावट के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर है। जबकि, दुनिया के सबसे बड़े मार्केट अमेरिका की मार्केट वैल्यू इस साल करीब 3% बढ़ी है। जबकि चीन और जापान में 2.2% की बढ़ोतरी हुई है। हॉन्ग कॉन्ग, कनाडा, UKऔर फ्रांस सहित अन्य मेजर मार्केट में 1.2%, 7.2%, 7.1%और 9.9% की बढ़ोतरी देखी गई। भारतीय शेयर बाजार में 3.4% की गिरावट सेंसेक्स और निफ्टी में इस साल अब तक 3.4% से ज्यादा की गिरावट के कारण आई है। वहीं, BSE मिडकैप और स्मॉलकैप जैसे बेंचमार्क में 15% और 18% से ज्यादा की गिरावट हुई है। वहीं, विदेशी निवेशकों के बिकवाली के चलते मंदी और बढ़ गई है। इस साल धीमी विकास दर, कमजोर आय और हाई वैल्यूएशन की चिंताओं के बीच भारतीय इक्विटी से 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा की निकासी हुई है। इसके अलावा,अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ वाले बयान ने भी मार्केट सेंटिमेंट को प्रभावित किया है। इस हफ्ते 1,921 अंक गिरा सेंसेक्स हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन आज यानी 14 फरवरी को सेंसेक्स 199 अंक की गिरावट के साथ 75,939 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 102 अंक की गिरावट रही, ये 22,929 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, BSE स्मॉलकैप 1522 अंक गिरकर 45,411 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 25 में गिरावट और 5 में तेजी रही। निफ्टी के 50 शेयरों में से 41 में गिरावट और 9 में तेजी रही। NSE सेक्टोरल इंडेक्स के मीडिया सेक्टर में सबसे ज्यादा 3.40% की गिरावट रही। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें रुपया रिकॉर्ड ऑल टाइम लो पर: डॉलर के मुकाबले 44 पैसे गिरकर 87.94 पर आया, विदेशी वस्तुएं महंगी होंगी रुपया आज यानी 10 फरवरी को अपने रिकॉर्ड ऑल टाइम लो पर आ गया है। इसमें अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 44 पैसे की गिरावट है और यह 87.94 रुपए प्रति डॉलर के अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। इससे पहले डॉलर के मुकाबले रुपया 87.50 पर बंद हुआ था। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, रुपए में इस गिरावट की वजह हाल ही में भारतीय शेयर मार्केट में विदेशी निवेशकों के जरिए की जा रही बिकवाली है। इसके अलावा जिओ पॉलिटिकल टेंशन्स कारण भी रुपए पर नेगेटिव असर पड़ा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

भारतीय शेयर मार्केट की वैल्यू 4 ट्रिलियन डॉलर से गिरी: रुपए में कमजोरी, बाजार में गिरावट और विदेशी निवेशकों की बिकवाली इसका कारण
Kharchaa Pani - यह खबर भारतीय आर्थिक स्थिति के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ प्रस्तुत करती है। हाल ही में भारतीय शेयर मार्केट की वैल्यू 4 ट्रिलियन डॉलर से घटकर 3.89 ट्रिलियन डॉलर पर आ गई है, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई है। लेख हमारी टीम द्वारा लिखा गया है, जिसमें शामिल हैं - सिमा वर्मा, अंशु दास, और निधि शर्मा।
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का विश्लेषण
भारतीय शेयर मार्केट में सुस्त पन और गिरावट की वजह कई तत्व हैं। इसमें सबसे प्रमुख कारक रुपए में कमजोरी है। भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहा है, जिससे विदेशी निवेशकों के लिए बाजार में निवेश करना महंगा हो गया है। परिणामस्वरूप, विदेशी निवेशक अपनी हिस्सेदारी को बेचने पर मजबूर हो रहे हैं।
रुपए की कमजोरी का प्रभाव
खुदरा और संस्थागत निवेशकों के लिए डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपया नकारात्मक प्रभाव डालता है। विदेशी मुद्रा के मुकाबले रुपया कमजोर होने से उत्पादों की लागत बढ़ जाती है, जिससे महंगाई में वृद्धि होती है। ऐसे में निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित स्थान पर लगाने की कोशिश करते हैं, जो शेयर मार्केट में बिकवाली के बढ़ते दबाव का मुख्य कारण बन जाता है।
बाजार में गिरावट के अन्य कारण
बाजार में गिरावट के अन्य कारणों में कारोबारी अनिश्चितता और वैश्विक आर्थिक मौजूदा स्थिति भी शामिल हैं। पिछले कुछ महीनों में, कई बड़ी कंपनियों के नतीजे असंतोषजनक आए हैं, जिससे निवेशक सतर्क हो गए हैं। साथ ही, महंगाई दर के बढ़ने और ब्याज दर में संभावित वृद्धि भी चिंता का विषय है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली
भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं। हाल ही के रिपोर्ट्स के अनुसार, अकेले इस महीने में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने लगभग 10,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। इसकी मुख्य वजह बाजार में आने वाले नकारात्मक संकेत और रुपए की गिरावट है।
निवेशकों के लिए क्या करें?
इस मुश्किल समय में निवेशकों को समझदारी से निर्णय लेने की जरूरत है। अपने पोर्टफोलियो की रीसेटिंग करें और स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सही समय पर निवेश करें। नए निवेशकों को सतर्कता से कदम उठाने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष
अंत में, भारतीय शेयर मार्केट की गिरावट और रुपए के कमजोर होने से निवेशकों के लिए यह नया दृष्टिकोण लाने का समय है। ये सभी कारक मिलकर आर्थिक प्रणाली के स्थायित्व को प्रभावित कर सकते हैं। सही जानकारी और रणनीति के साथ सभी निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
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