जोहो के फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने CEO पद छोड़ा:अब चीफ साइंटिस्ट होंगे, AI और डीप-टेक पर रिसर्च करेंगे; को-फाउंडर शैलेश कुमार नए CEO होंगे
सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो के फाउंडर और लंबे समय से CEO रहे श्रीधर वेम्बू ने अपना पद छोड़ दिया है। अब वे कंपनी के चीफ साइंटिस्ट के तौर पर काम करेंगे। यहां वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप-टेक पर फोकस्ड रिसर्च और इनोवेशन पर काम करेंगे। कंपनी के को-फाउंडर शैलेश कुमार दावे अब कंपनी के नए चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर होंगे। श्रीधर वेम्बू ने सोमवार (27 जनवरी) को अपने X अकाउंट पर लिखा, 'मौजूदा समय के चुनौतियों, अवसर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में हुए डेवलपमेंट को देखते हुए मैंने फैसला किया है कि अब मुझे अपने पर्सनल रूरल डेवेलपमेंट मिशन के साथ साथ फुल टाइम रिसर्च एंड डेवेलपमेंट (RD) के काम पर फोकस करना चाहिए।' को-फाउंडर टोनी थॉमस जोहो US को लीड करेंगे। उन्होंने कहा, 'हमारे को-फाउंडर शैलेश कुमार दावे नए ग्रुप CEO के रूप में काम करेंगे। को-फाउंडर टोनी थॉमस जोहो US को लीड करेंगे। राजेश गणेशन हमारे मैनेज-इंजन डिवीजन का नेतृत्व करेंगे और मणि वेम्बू जोहो डॉट कॉम डिवीजन को लीड करेंगे।' पद्म श्री से सम्मानित हैं श्रीधर वेम्बू श्रीधर वेम्बू ने अपने करियर की शुरुआत सैन डिएगो कैलिफोर्निया से क्वालकॉम के साथ वायरलेस इंजीनियर के रूप की थी। पिछले साल भारत के 39वें सबसे अमीर व्यक्ति थे। 2021 में उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। 1996 में शुरू हुई थी जोहो जोहो एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी है जो क्लाउड-बेस्ड बिजनेस एप्लिकेश एंड टूल्स का एक सेट प्रोवाइड करती है। कंपनी की स्थापना 1996 में श्रीधर वेम्बू और टोनी थॉमस ने की थी और इसका मुख्यालय चेन्नई में है। कंपनी प्रोडक्ट्स और सर्विसेज का एक सेट प्रोवाइड करती है, जो अलग-अलग जरूरतों को पूरा करते हैं। ----------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... जोहो के फाउंडर से खास बातचीत: श्रीधर वेम्बू बोले-दक्षिण के बाद अब उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में प्रोजेक्ट शुरू कर रहे, यहां बेतहाशा टैलेंट गांवों से चलने वाली देश की पहली टेक्नोलॉजी कंपनी जोहो अब उत्तर भारत में भी अपने प्रोजेक्ट्स शुरू करेगी। कंपनी के सीईओ श्रीधर वेम्बू कहते हैं हमारे ऑफिस में कई कर्मचारी उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से हैं इसलिए हम अब उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में प्रोजेक्ट्स शुरू कर रहे हैं ताकि यहां के युवाओं को माइग्रेट न करना पड़े। सोनभद्र के अलावा भी हम यूपी के देवरिया जैसे शहरों में योजना शुरू करने की सोच रहे हैं। पढ़िए दैनिक भास्कर के साथ श्रीधर वेम्बू के साथ खास बातचीत...

जोहो के फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने CEO पद छोड़ा: अब चीफ साइंटिस्ट होंगे, AI और डीप-टेक पर रिसर्च करेंगे; को-फाउंडर शैलेश कुमार नए CEO होंगे
Kharchaa Pani द्वारा
दिया गया: टीम नेतानागरी
परिचय
सॉफ्टवेयर उद्योग में एक बड़ी हलचल मचाते हुए, जोहो के संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने CEO पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। वेम्बू अब कंपनी के चीफ साइंटिस्ट के रूप में कार्य करेंगे, जहां वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीप-टेक पर रिसर्च में योगदान देंगे। इस परिवर्तन के साथ, कंपनी के को-फाउंडर शैलेश कुमार नए CEO के रूप में कार्यभार संभालेंगे। यह खबर जोहो के प्रशंसकों और उद्योग के विशेषज्ञों को काफी उत्साहित कर रही है।
संगठन में बदलाव की वजह
श्रीधर वेम्बू का कहना है कि उन्हें तकनीकी अनुसंधान पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता महसूस हुई है। वेम्बू ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, "हम तकनीक के भविष्य को आकार देने में विश्वास रखते हैं। AI और डीप-टेक क्षेत्र में आगे बढ़ने से हमें नए समाधानों के विकास में मदद मिलेगी।" इस प्रकार, उनका यह कदम नए विचारों और खोजों को विकसित करने का आधार तैयार करेगा।
शैलेश कुमार का अधिग्रहण
शैलेश कुमार जोho के सह-संस्थापक हैं और वेम्बू की तरह ही कंपनी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। वेम्बू के CEO पद छोड़ने के बाद, शैलेश कुमार ने कहा, "मैं श्रीधर की दृष्टि का आदर करता हूँ और उनके मार्गदर्शन में हम इस नई यात्रा को एक नई दिशा देने के लिए तैयार हैं।" उनकी नेतृत्व क्षमता और अनुभव से कंपनी में न सिर्फ नवोन्मेष बल्कि भी विकास की नई दिशा मिलेगी।
जोहो का भविष्य और नया दृष्टिकोण
जोहो ने हमेशा innovativion पर जोर दिया है और आने वाले समय में AI और डीप-टेक अनुसंधान में और अधिक गहराई से उतरने की योजना बना रहा है। कंपनी का यह नया दृष्टिकोण तकनीकी दुनिया में एक नए युग की शुरुआत कर सकता है। ऐसे समय में जब अन्य कंपनियां अपने AI अभियानों को बढ़ा रही हैं, जोहो अपने अनुसंधान के माध्यम से बाजार में प्रतिस्पर्धा बनाए रखेगा।
निष्कर्ष
गुणवत्ता के साथ-साथ नवोन्मेष में अग्रणी रहने की जोहो की इच्छा एक सकारात्मक संकेत है। श्रीधर वेम्बू का अनुभव और शैलेश कुमार का नेतृत्व हमें नई संभावनाओं की ओर ले जाएगा। आने वाले समय में जोहो के नए अनुसंधान और विकास के कार्यों से उद्योग को और भी लाभ होने की उम्मीद है। ऐसे बदलाव जो तकनीकी रूपांतरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, निश्चित रूप से ऑटोमेशन, स्मार्ट सॉल्यूशंस और ग्राहक संतोष में सुधार करेंगे।
अंत में, इस नई शुरुआत के साथ जोहो और भी मजबूत होकर उभरेगा। आगे चलकर AI और D-tech पर होने वाले अनुसंधान में न केवल कंपनी को बल्कि पूरे तकनीकी क्षेत्र को फायदा होगा। अधिक जानकारी के लिए, kharchaapani.com पर जाएं।
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