बजट 2025- एक्सपर्ट एनालिसिस:12.75 लाख तक की कमाई टैक्स-फ्री, लेकिन शर्तें लागू; सरकार 1 लाख करोड़ का घाटा उठाकर बड़ा टारगेट पूरा कर रही

वित्त मंत्री का 1 घंटे 17 मिनट लंबा बजट भाषण और करीब 50 लाख करोड़ रुपए का बजट। आम लोगों के लिए इसे पूरी तरह समझना बेहद मुश्किल है। इसीलिए भास्कर के 3 एक्सपर्ट्स ने आसान भाषा में इस बजट की 8 जरूरी बातें डिकोड की हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए… 1. 12.75 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन शर्तें लागू* 'बिन मांगे मोती मिले, मांगें मिले न भीख'... इस बार के बजट में मिडिल क्लास को वो मोती मिल ही गया है। 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। लेकिन इसमें 2 शर्तें लागू हैं... i. ये बदलाव सिर्फ नए टैक्स रिजीम वालों के लिए हुआ है। यानी जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा। ii. ये फायदा खासतौर पर उन्हें मिलेगा, जिनकी इनकम सैलरी से आती है। अगर आपने कैपिटल गेन किया है यानी शेयर मार्केट में पैसा लगाया, म्युचुअल फंड में पैसा लगाया, घर की खरीद-फरोख्त की और उस पर टैक्स की देनदारी है, तो ये व्यवस्था लागू नहीं होगी। 2. सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा इनकम टैक्स पर हुए ऐलान के बाद केंद्र सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए, वहीं इनडायरेक्ट टैक्स में 2,600 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। हालांकि इनमें से एक बड़ा हिस्सा वापस सरकार के पास आ जाएगा। उदाहरण के लिए- अगर टैक्स में बदलाव से आपके 10 हजार रुपए बचे। इनमें से आपने 8 हजार रुपए की शॉपिंग कर ली, तो GST, कस्टम ड्यूटी जैसी चीजों से इसका एक हिस्सा वापस सरकार के पास पहुंच जाएगा। इसलिए सरकार को बहुत नुकसान नहीं होता। 3. लोगों के हाथ में पैसे आएंगे, वो ज्यादा खर्च करेंगे तो इकोनॉमी बूस्ट होगी देश में 85% लोग 12 लाख रुपए से कम कमाते हैं। टैक्स को लेकर हुए ऐलान के बाद लोगों के पास पैसे बचेंगे और लोग यह पैसे दूसरी चीजों पर खर्च करेंगे। इससे FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। ये बजट ऐसा है जिसमें कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं virtuous cycle यानी सुचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का यदि आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इसी को अर्थशास्त्र में सूचक्र यानी virtuous cycle कहते हैं। 4. ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करने के संकेत इस बार के बजट में पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने इस बारे में संसद में कोई चर्चा भी नहीं की। पुराने टैक्स रिजिम में सेक्शन 80C के तहत छूट और बाकी डिडक्शन हैं, लेकिन आज के ऐलान के बाद न्यू टैक्स रिजीम ज्यादा प्रभावी लग रहा है। आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में ये हो सकता है कि पुराने टैक्स को खत्म करने के लिए कोई समय सीमा दे दी जाए। चाहे वो 2, 3 या 4 साल की हो। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी वो भी न्यू टैक्स रिजीम। 5. इनकम टैक्स के अलावा भी दो बड़ी घोषणाएं- TDS और TCS इनकम टैक्स के अलावा दो और महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं- TDS यानी Tax Deducted at Source और TCS यानी Tax Collected at Source। धारा 194A के तहत सीनियर सिटिजन को पहले 50 हजार रुपए तक की इंट्रेस्ट इनकम पर TDS लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं, अन्य लोगों के लिए ये इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स 40,000 से बढ़ा कर 50,000 कर दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ की जो TDS के जरिए जो पैसा चला जाया करता था और साथ ही साथ आपका इनकम टैक्स भले ही न बनता हो पर रिफंड पाने के लिए जो आप रिटर्न दाखिल करते थे। उसकी आपको जरूरत नहीं पड़ेगी। एक तरफ आपके लिए रिटर्न आसान हो गया और दूसरी तरफ आपके हाथ पैसे आ जाएंगे। 6. सरकार ने कृषि को ‘सेक्टर ऑफ फ्यूचर’ माना, कई बड़े ऐलान किए एग्रीकल्चर को लेकर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है। इकोनॉमी सर्वे को देखा जाए तो एग्रीकल्चर को ‘सेक्टर ऑफ द फ्यूचर’ यानी भविष्य का क्षेत्र कहा गया है। सरकार ने दाल के लिए मिशन लॉन्च करने की बात कही है। ये बहुत जरूरी है, क्योंकि देश में दाल और सरसों तेल बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट किए जाते हैं। हालांकि जब से रुपया कमजोर हुआ तब से ये अंदेशा लगाया जा रहा कि दाल और सरसों तेल और महंगे हो सकते हैं। हाल के कुछ महीनों में इनकी कीमतें बढ़ी भी हैं। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने जो मिशन लॉन्च करने की बात है वो कृषि क्षेत्र के लिए अच्छी पहल है। आने वाले समय में किसान धान, गेहूं के बाद इन फैसलों की पैदावर बढ़ाने पर जोर देंगे। 7. बिहार में इस साल चुनाव, इसलिए बाकी राज्यों से ज्यादा मिला बिहार के लिए बजट ज्यादा सुविधाजनक रहा है इसमें कोई शक नहीं है। बजट में बिहार के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, पटना IIT का विस्तार, मखाना के लिए अलग से बोर्ड बनाना और मिथिलांचल में बाढ़ से निपटने के लिए नई योजना का ऐलान किया गया है। वहीं, बिहार में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव के भी होंगे साथ ही केंद्र और राज्य में एक ही सरकार है इस कारण पहले ही उम्मीद थी बिहार के लिए कुछ खास ऐलान हो सकता है। 8. पूंजीगत खर्च उम्मीद के मुताबिक नहीं, ये निराशाजनक इस बार के बजट का फोकस 'कंजंप्शन लेड ग्रोथ' है। इसलिए पूंजीगत खर्च में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। ये विकास की जरूरतों के हिसाब से कम है। ऐसा लगता है कि सरकार ने ज्यादातर ध्यान ये दिया है कि अगर अभी खपत बढ़ जाएगी तो उससे आगे पूंजीगत खर्च बढ़ाने का रास्ता मिल जाएगा। -------- एक्सपर्ट पैनल शिशिर सिन्हाः द हिंदू

Feb 1, 2025 - 17:34
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बजट 2025- एक्सपर्ट एनालिसिस:12.75 लाख तक की कमाई टैक्स-फ्री, लेकिन शर्तें लागू; सरकार 1 लाख करोड़ का घाटा उठाकर बड़ा टारगेट पूरा कर रही

बजट 2025- एक्सपर्ट एनालिसिस: 12.75 लाख तक की कमाई टैक्स-फ्री, लेकिन शर्तें लागू; सरकार 1 लाख करोड़ का घाटा उठाकर बड़ा टारगेट पूरा कर रही

Kharchaa Pani

लेखक: सृष्टि शर्मा, नेहा वर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

भारत का बजट 2025 एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गया है, जिसमें सरकार ने टैक्स-फ्री कमाई की सीमा को 12.75 लाख रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, इस सुझाव के साथ कुछ महत्वपूर्ण शर्तें भी लागू हैं। इस लेख में हम इस बजट के प्रमुख पहلو और विशेषज्ञों के विश्लेषण पर चर्चा करेंगे।

बजट की मुख्य बातें

वित्त मंत्री ने इस बार का बजट पेश करते समय यह स्पष्ट किया कि सरकार को 1 लाख करोड़ रुपये का घाटा सहन करना पड़ेगा, लेकिन इसके बावजूद वे बड़े लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बजट में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है:

  • 12.75 लाख रुपये तक की आय टैक्स-फ्री रहेगी।
  • शर्तों के तहत यह छूट व्यक्तिगत करदाता और उनकी आय स्तर के आधार पर लागू होगी।
  • सरकार का उद्देश्य 1 लाख करोड़ रुपये के घाटे को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से संतुलित करना है।

विशेषज्ञों का नजरिया

आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम देश की मध्यम वर्गीय आबादी को अच्छी राहत प्रदान करेगा। मुंबई के जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ. राधाकृष्णन का कहना है, "इस बजट से मध्यम वर्ग को जिन्हे आमदनी बढ़ाने में मुश्किल आ रही है, उन्हें कुछ राहत मिलेगी।" हालांकि, शर्तें लगाए जाने के कारण जनता को सावधान रहने की भी आवश्यकता है।

शर्तें और प्रतिबंध

सरकार द्वारा बताए गए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं जिन पर विचार करना आवश्यक है:

  • टैक्स-फ्री आय की सीमा केवल उन व्यक्तियों पर लागू होगी, जिनकी कर योग्य आय इस सीमा के तहत आती है।
  • ऐसे करदाताओं के लिए जो अन्य स्रोतों से आमदनी उत्पन्न करते हैं, उन पर शर्तें लागू होंगी।
  • बजट में दिए गए फंड का उपयोग जनहित योजनाओं, आधारभूत संरचना और विकास के लिए किया जाएगा।

आर्थिक योजनाएं

बजट 2025 में कुछ नई आर्थिक योजनाओं की भी घोषणा की गई है, जैसे:

  • रोजगार सृजन हेतु नई तकनीकी और शैक्षिक योजनाओं का प्रारंभ।
  • ग्रामीण विकास के लिए विशेष फंड का आवंटन।
  • स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए रियायती फंडिंग।

निष्कर्ष

बजट 2025 निश्चित रूप से देश के आर्थिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण पहल है। टैक्स-फ्री आय का प्रावधान मध्यम वर्ग के लिए एक सकारात्मक कदम है, लेकिन शर्तें और सीमाएँ इसे चुनौतीपूर्ण बना सकती हैं। इस बजट का उद्देश्य घाटे को सही तरीके से प्रबंधित करना और विकास को प्राथमिकता देना है। अगर सरकार अपने लक्ष्यों को हासिल करती है, तो यह आर्थिक सुधार के लिए एक बड़ी दिशा में कदम होगा।

अधिक अपडेट के लिए, visit kharchaapani.com.

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