भाजपा में शामिल हुए AAP छोड़ने वाले 8 विधायक:एक दिन पहले चुनाव में टिकट नहीं मिलने और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर इस्तीफा दिया था
आम आदमी पार्टी (AAP) छोड़ने वाले 8 विधायकों ने शनिवार का भाजपा जॉइन कर ली। एक दिन पहले ही इन विधायकों ने चुनाव में टिकट नहीं मिलने और भ्रष्टाचार को अपने इस्तीफे की वजह बताया था। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग है। इसके 4 दिन पहले इन नेताओं का भाजपा में शामिल होना AAP के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। पार्टी को मिलने वाले वोट पर असर पड़ सकता है। AAP विधायक ऋतुराज झा ने भाजपा पर इन विधायकों को लालच देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि मुझे भी पार्टी छोड़ने का लालच दिया गया था, लेकिन मैं आखिरी दम तक AAP में रहूंगा। AAP ने 21 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच यानी 30 दिनों में कुल 5 लिस्ट में 70 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए थे। इसमें 26 विधायकों के टिकट काट दिए गए थे जबकि 4 विधायकों की सीट बदली गई थी। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग होनी है। रिजल्ट 8 फरवरी को आएगा। दैनिक भास्कर ने 11 दिसंबर को ही बता दिया था कि जिन विधायकों के टिकट काटे गए हैं, वे पार्टी से बगावत कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें 10 दिसंबर को सीलमपुर विधायक ने दिया था इस्तीफा आम आदमी पार्टी ने 21 नवंबर को कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी की थी। इसमें सीलमपुर विधायक अब्दुल रहमान का नाम नहीं था। इस पर अब्दुल रहमान खुलकर अरविंद केजरीवाल के विरोध में आ गए थे। दैनिक भास्कर से चर्चा में उन्होंने बताया था कि मुझे टिकट नहीं दिया और ये बताया भी नहीं कि टिकट क्यों नहीं दिया। केजरीवाल के ऊपर शनि सवार है। वे खुद ही पार्टी को खत्म करने पर तुले हैं। 10 दिसंबर को अब्दुल रहमान ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर मुस्लिमों के प्रति बेरुखी का आरोप लगाया था। विधायकों ने ये बताई इस्तीफे की वजह 1. नरेश यादव, महरौली: सीट से विधायक रहे यादव ने कहा कि पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल में हैं। दिल्ली की जनता जानती है कि AAP ने भ्रष्टाचारियों को ही पार्टी में शामिल कर लिया है। 2. पवन शर्मा, आदर्श नगर: आम आदमी पार्टी जिस विचारधारा पर बनी थी, उस विचारधारा से भटक चुकी है। AAP की दुर्दशा देखकर मन बहुत दुखी है। 3. भूपेंदर सिंह जून, बिजवासन: आम आदमी पार्टी (AAP) की स्थापन जिन मूल्यों पर की गई थी, अब उन नैतिक मानदंडों की घोर उपेक्षा चिंताजनक है। पार्टी ने आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को टिकट दिया। 4. मदनलाल, कस्तूरबा नगर: मेरा आम आदमी पार्टी से भरोसा पूरी तरह से खत्म हो चुका है, इसलिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। 5. रोहित मेहरौलिया, त्रिलोकपुरी: जिन्हें बाबासाहेब अंबेडकर की केवल फोटो चाहिए, उनके विचार नहीं, ऐसे मौका-परस्त और बनावटी लोगों से आज से मेरा नाता खत्म। मैं AAP की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा देता हूं। 6. राजेश ऋषि, जनकपुरी: AAP भ्रष्टाचार मुक्त शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों पर आधारित थी। पार्टी से मैंने इन मूल्यों से एक महत्वपूर्ण दूरी देखी है। पार्टी करप्शन और भाई-भतीजावाद का कटोरा बन गई है। 7. भावना गौड़, पालम: मेरा पार्टी से विश्वास पूरी तरह से खत्म हो चुका है, इसलिए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं। 8. गिरीश सोनी: मेरा मानना है कि पार्टी अपने मूल सिद्धांत से भटक गई है। अब इसकी दिशा उन लक्ष्यों और मूल्यों की ओर नहीं है, जिन्हें मैंने हमेशा बनाए रखा है। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग, 8 फरवरी को रिजल्ट दिल्ली में 5 फरवरी को सभी 70 सीटों पर वोटिंग होगी। वहीं, 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 699 उम्मीदवार मैदान में हैं। विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है। -------------------------------------------------- दिल्ली विधानसभा चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... संदीप दीक्षित से डिबेट करने नहीं पहुंचे केजरीवाल, कांग्रेस नेता बोले- AAP चीफ ने नकल करके परीक्षा पास की नई दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जंतर-मंतर में डिबेट करने की चुनौती दी थी। हालांकि, केजरीवाल तय समय शुक्रवार दोपहर 3 बजे नहीं पहुंचे। इससे पहले शुक्रवार सुबह दीक्षित ने कहा- मुझे समझ में नहीं आता कि अरविंद केजरीवाल ने IIT में क्या पढ़ा है। इंजीनियर होते हुए भी वे ऐसी बेतुकी बातें कर रहे हैं जो 5वीं या 6वीं का छात्र भी नहीं कहेगा। पूरी खबर पढ़ें...

भाजपा में शामिल हुए AAP छोड़ने वाले 8 विधायक: एक दिन पहले चुनाव में टिकट नहीं मिलने और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर इस्तीफा दिया था
Kharchaa Pani, टीम नेटानगरी के द्वारा: दिल्ली के राजनीतिक दंगल में एक नया मोड़ आ गया है, जहां आम आदमी पार्टी (AAP) के 8 विधायकों ने विधानसभा चुनाव की तैयारी से ठीक एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का फैसला किया है। इन विधायकों ने AAP पर आरोप लगाते हुए चुनावी टिकट वितरण में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाया है।
क्यों बदला इरादा?
आम आदमी पार्टी में पिछले कुछ दिनों से अंदरूनी कलह चल रही थी। जिस समय AAP चुनावी मैदान में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए तैयार हो रही थी, उसी दौरान पार्टी के इन 8 विधायकों ने सामने आकर अपने इस्तीफे की घोषणा की। उनका कहना था कि पार्टी ने उन्हें चुनावी टिकट नहीं दिया और साथ ही उन्हें भ्रष्टाचार के मामलों में फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। इन विधायकों की नाराजगी ने एक नया सवाल खड़ा किया है कि क्या AAP अपने सदस्यों को ठीक से संभालने में असमर्थ है?
भाजपा में स्वागत
दिल्ली भाजपा के नेताओं ने इन विधायकों का स्वागत करते हुए कहा कि उनके अनुभव से पार्टी को मजबूती मिलेगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "ये विधायक हमारे दल में शामिल होने से दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे।" इस तरह के विलय से भाजपा को AAP के कमजोर पक्षों का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा।
राजनीतिक परिदृश्य का प्रभाव
इस ताजा घटनाक्रम का दिल्ली की राजनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। भाजपा, जो पहले से ही राज्य में मजबूत स्थिति में है, अब इन नए विधायकों के साथ अपनी स्थिति को और मजबूत करने की कोशिश करेगी। वहीं, आम आदमी पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका है, जिससे उसके भीतर के विवादों को और बढ़ावा मिल सकता है।
समाप्ति
भाजपा में शामिल होने के पीछे छिपे असली कारणों का पता लगाने के लिए राजनीतिक नजरें इस घटनाक्रम पर टिकी हुई हैं। क्या AAP इन विधायकों को खोने के बाद अपने आधार को बनाए रख पाएगी? या भाजपा इस अवसर को भुनाने में सफल होगी? वक्त ही बताएगा। इस राजनीतिक घमासान में जो भी परिणाम मिले, वो दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य को हमेशा के लिए बदल सकते हैं।
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