पंजाब में बच्चा चोर गिरोह के 9 लोग अरेस्ट:किडनैप किया 2 साल का बच्चा मिला, MP ले जाना था, 1 आरोपी लुधियाना बैंक डकैती से जुड़ा
बरनाला पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए बच्चा चोरी के राष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवार के 2 वर्षीय बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है। पुलिस ने एक महिला समेत नौ लोगों गिरफ्तार किया है। 4 अप्रैल को हुए अपहरण के मामले में पुलिस ने लुधियाना के एक अवैध अस्पताल से बच्चे को बरामद किया। अपहरणकर्ताओं ने बच्चे का सिर मुंडवा दिया था। जांच में पता चला कि आरोपी बच्चे को मध्य प्रदेश में एक तांत्रिक को 2 लाख रुपए में बेचने की योजना बना रहे थे। डीआईजी मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी सहायता से आरोपियों का पता लगाया गया। पुलिस ने लुधियाना के एक डॉक्टर समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के दो सदस्य लुधियाना में हुई 8 करोड़ रुपए की लूट में भी शामिल थे। पुलिस उठाएगी बच्चे की पढ़ाई का खर्च डीआईजी ने बच्चे को उसके परिवार को सौंपते हुए घोषणा की कि पंजाब पुलिस बच्चे की 10वीं तक की पढ़ाई का खर्च उठाएगी। उन्होंने मामले को सुलझाने वाली पुलिस टीम के लिए पदक और पदोन्नति की भी घोषणा की है। डीआईजी मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि 4 अप्रैल को बरनाला की अनाज मंडी की झुग्गी-झोपड़ी निवासी व्यक्ति के दो वर्षीय बच्चे का अपहरण हो गया था। इस संबंध में बरनाला एसएसपी मोहम्मद सरफराज आलम के अगुवाई में अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की गईं, जिन्होंने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी और खुफिया जानकारी की मदद से आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई के दौरान मध्य प्रदेश पुलिस के साथ संयुक्त अभियान के दौरान आरोपी दविंदर सिंह, रोहित और दशरथ सिंह को मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से गिरफ्तार किया गया। नि:संतान दंपतियों को बेचते थे बच्चे उन्होंने बताया कि आरोपी दमनप्रीत सिंह, आदित्य उर्फ नन्नी, मानव अरोड़ा, रविंदर कौर और डॉ. विकास तिवारी को लुधियाना से गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके कब्जे से अपहृत बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी रविंदर कौर ने निःसंतान दंपती को ढूंढकर बच्चे को आरोपी डॉ. विकास तिवारी के माध्यम से 2 लाख रुपए में बेचने की साजिश रची थी। आरोपी कोहिनूर सिंह, जो कि रविंदर कौर का बेटा है, ने आरोपी आदित्य उर्फ नन्नी और दमनप्रीत सिंह उर्फ अमन उर्फ, जो उसके साथ जेल में थे, के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया। आरोपी मानव अरोड़ा और दमनप्रीत सिंह ने 4 अप्रैल को बरनाला की झुग्गी-झोपड़ी अनाज मंडी से बच्चे का अपहरण कर लिया और रास्ते में आरोपी आदित्य उर्फ नन्नी भी उनके साथ शामिल हो गया और आगे बच्चे को कोहिनूर सिंह और दविंदर सिंह को सौंप दिया गया, जो वाहन में यात्रा कर रहे थे, जो उसे लुधियाना के सार्थिक हेल्थ केयर मुंडिया खुर्द में रविंदर कौर और डॉ. विकास तिवारी के पास ले गए। लुधियाना के बैंक में डाली थी डकैती गिरोह में शामिल दमनप्रीत सिंह उर्फ अमन उर्फ फूली और आदित्य उर्फ नन्नी ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर इससे पहले वर्ष 2023 में लुधियाना में 8 करोड़ रुपए की बैंक डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। उन्होंने बताया कि बच्चे का सिर मुंडा हुआ है। आरोपियों ने बच्चे को मध्य प्रदेश में जिस स्थान पर ले जाना था, वहां किसी तरह के तांत्रिक अनुष्ठान का माहौल बनाया हुआ था। पूरे मामले की आगे जांच की जा रही है। डीआईजी ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक बाइक, एक कार और अन्य सामान बरामद किया है।यह एक राष्ट्रीय स्तर का गिरोह है जो कई राज्यों में काम कर रहा है।

पंजाब में बच्चा चोर गिरोह के 9 लोग अरेस्ट:किडनैप किया 2 साल का बच्चा मिला, MP ले जाना था, 1 आरोपी लुधियाना बैंक डकैती से जुड़ा
Kharchaa Pani - यह मामला पंजाब के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है जब पुलिस ने बच्चा चोर गिरोह के 9 सदस्यों को गिरफ्तार किया। गिरोह ने 2 साल के एक बच्चे का किडनैप किया था, जिसका उद्देश्य मध्य प्रदेश ले जाना था। इस मामले में एक आरोपी बैंक डकैती से भी जुड़ा हुआ है। यह घटना न केवल समाज के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि इस प्रकार की आपराधिक गतिविधियाँ कैसे बढ़ती जा रही हैं।
घटना का विवरण
पंजाब पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए इस गिरोह के 9 सदस्यों को गिरफ्तार किया। जानकारी के अनुसार, गिरोह ने 2 साल के एक बच्चे का अपहरण किया और उसे मध्य प्रदेश में ले जाने की योजना बनाई थी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और बच्चे को सुरक्षित प्राप्त किया, जिसे रिहा किया गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक का नाम पहले भी लुधियाना में बैंक डकैती से जुड़ चुका है, जो इस मामले को और भी गंभीर बनाता है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने तुरंत नाकाबंदी की और गिरोह के सभी सदस्यों को पकड़ने में सफल रही। अधिकारियों का कहना है कि इस गिरोह का मुख्य लक्ष्य छोटी उम्र के बच्चों का अपहरण करना था, जिसका उपयोग वे विभिन्न आपराधिक गतिविधियों के लिए करते थे। गिरोह ने बच्चे के अपहरण के लिए एक योजना बनाई थी और इसके पीछे की वजहों की जांच शुरू कर दी गई है।
समाज में जागरूकता का सर्कार
इस घटना ने समाज में एक नई जागरूकता की लहर पैदा की है। माता-पिता को अब अपने बच्चों के प्रति और सतर्क रहने की आवश्यकता है। पुलिस ने भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें माता-पिता को अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति सचेत किया जाएगा।
समापन विचार
पंजाब में इस अच्छे कार्य के लिए पुलिस को बधाई दी जानी चाहिए कि उन्होंने समय पर कार्रवाई की और एक परिवार को अपने बच्चे को पुनः प्राप्त करने में मदद की। यह घटना यह दर्शाती है कि हमें हमेशा अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए। ऐसे मामलों में पुलिस की तत्परता बहुत महत्वपूर्ण होती है।
कम शब्दों में कहें तो, पंजाब में 9 बच्चा चोर गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी से स्थानीय समाज में एक नई चिंता का संचार हुआ है।
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