तेलंगाना टनल हादासा, पहला शव पंजाब के गुरप्रीत का निकला:पीड़ित परिवार को 25 लाख की मदद का ऐलान; 17वें दिन भी रेस्क्यू जारी
तेलंगाना की श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल से रविवार (16वां दिन) को एक शव बरामद हुआ। बॉडी की पहचान पंजाब के गुरप्रीत सिंह के रूप में हुई। गुरप्रीत की मौत पर तेलंगाना CM सीएम रेवंत रेड्डी पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की ऐलान किया। अधिकारियों ने बताया था कि शव गाद (कीचड़) में 10 फीट नीचे मशीन में फंसा था। उसके केवल हाथ नजर आए थे। मशीन काट को शव को निकाला गया था। इसके बाद नागरकुर्नूल के सरकारी अस्पताल में शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। अन्य 7 मजदूरों की तलाश जारी है। तेलंगाना के सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी बताया कि 7 मार्च को स्निफर डॉग्स (खोजी कुत्ते) को टनल में ले जाया गया था। खोजी कुत्तों ने खास जगह पर तेज गंध (इंसान की गंध) का पता लगाया था। तीन लोगों के होने की आंशका है। रेस्क्यू में 525 कर्मी लग हुए हैं। श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल का एक हिस्सा 22 फरवरी को धंस गया था। इस वजह से अंदर काम कर रहे 8 मजदूर फंस गए थे। राज्य सरकार ने कहा था कि उनके बचने की संभावना बहुत हम है, लेकिन हम हर संभव प्रयास करेंगे। 5 साल पहले चेतावनी दी थी, कोई एक्शन नहीं लिया गया 2020 में एमबर्ग टेक एजी नाम की कंपनी ने टनल का सर्वे किया था। कंपनी ने टनल में कुछ फॉल्ट जोन और कमजोर चट्टानों के खतरे को लेकर अलर्ट किया था। सर्वे रिपोर्ट टनल बनाने वाली कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को भी दी गई थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि 14 किमी लंबी टनल के 13.88 किमी से 13.91 किमी के हिस्से की चट्टानें कमजोर हैं। इस हिस्से में पानी भी भरा हुआ है। जमीन खिसकने का भी खतरा है। बचावकर्मियों के मुताबिक जिस हिस्से को रिपोर्ट में खतरनाक बताया गया था, वही हिस्सा गिरा है। हालांकि राज्य सरकार के सिंचाई विभाग को इसकी जानकारी थी या नहीं, यह साफ नहीं है। सिंचाई विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि उन्हें ऐसी किसी रिपोर्ट की जानकारी नहीं है। काम छोड़कर जा रहे मजदूर रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे के बाद टनल में काम कर रहे कुछ मजदूर डर के कारण काम छोड़कर चले गए हैं। सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया कि श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) प्रोजेक्ट में 800 लोग काम कर रहे हैं। इनमें से 300 लोकल और बाकी झारखंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेश से हैं। अधिकारी ने यह भी कहा कि शुरुआत में मजदूरों में डर जरूर है। हालांकि कंपनी ने उनके लिए आवासीय कैंप बनाए हैं। कुछ लोग वापस जाना चाह सकते हैं, लेकिन हमारे पास इस बात की कोई रिपोर्ट नहीं है कि सभी मजदूर एक साथ छोड़कर जा रहे हैं। रेस्क्यू से जुड़ी 3 तस्वीरें... सुरंग में हर मिनट 5 से 8 हजार लीटर पानी आ रहा सोशल एक्टिविस्ट नैनाला गोवर्धन से ने दैनिक भास्कर को बताया कि टनल की ऊपरी स्लैब से हर मिनट 5 से 8 हजार लीटर पानी गिर रहा है। इस खतरे का सही अनुमान लगाने में रॉबिन्सन और जेपी जैसी कंपनियां ही नहीं, तेलंगाना सिंचाई विभाग भी फेल रहा है। यही SLBC प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी नाकामी है। गोवर्धन के मुताबिक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की कालेश्वरम डैम प्रोजेक्ट और पोलावरम सिंचाई योजना में नियमों की अनदेखी हुई। यहां 460 करोड़ की लागत से बनी डायफ्रॉम वॉल ध्वस्त हो गई। मेडिगड्डा और अन्नारम में करोड़ों की विदेशी मोटर टूट चुकी हैं। अब यही चीजें SLBC टनल प्रोजेक्ट में सामने आ रही हैं। पूरी खबर पढ़ें... ....................................... हादसे से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें.... CM ने घटना स्थल का दौरा किया, भाजपा बोली- सरकार की लापरवाही से हादसा हुआ हादसे के 9वें दिन सीएम रेवंत रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा किया और हालात की जानकारी ली। सीएम ने कहा था कि जरूरत पड़ी तो रेस्क्यू में रोबोट की मदद ली जाएगी। भाजपा विधायकों ने भी टनल का दौरा किया था। पार्टी MLA ने आरोप लगाया कि हादसा सरकार के गलत मैनेजमेंट का नतीजा है। पूरी खबर पढ़ें...

तेलंगाना टनल हादासा, पहला शव पंजाब के गुरप्रीत का निकला:पीड़ित परिवार को 25 लाख की मदद का ऐलान; 17वें दिन भी रेस्क्यू जारी
परिचय
तेलंगाना में हुए एक दुखद टनल हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। 17 दिन बीत जाने के बावजूद, राहत कार्य जारी है और जिन परिवारों पर यह दुख आया है, उनका साहस बना हुआ है। बुधवार को, पहला शव पंजाब के गुरप्रीत का निकाला गया, जिसके बाद राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की मदद देने का ऐलान किया।
टनल हादसे का विवरण
रविवार को एक निर्माणाधीन टनल में अचानक भूस्खलन होने से कई श्रमिक फंस गए थे। हालांकि, शुरूआत में बचाव कार्य तेजी से चल रहा था, लेकिन ठंडी और गीली परिस्थितियों ने राहत कर्मचारियों के लिए कार्य को कठिन बना दिया। प्रशासन ने खौफनाक मंजर को देखते हुए आसपास के क्षेत्रों में भी अलर्ट जारी किया था।
गुरप्रीत का महत्त्व
गुरप्रीत, जो पंजाब के अमृतसर का निवासी थे, ने अपने परिवार के लिए एक मुख्य सहारा बनने की कोशिश की थी। उनकी मौत ने पूरे गाँव में शोक की लहर दौड़ा दी है। परिवार द्वारा दी गई जानकारी अनुसार, गुरप्रीत की तीन छोटी बहनें हैं, जिनका भविष्य अब अधर में लटक गया है।
सरकार की सहायता
पंजाब सरकार ने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया है। इसके पहले, राज्य सरकार ने परिवार को हर संभव मदद प्रदान करने के लिए एक विशेष टीम गठित की थी। इस त्रासदी के चलते बच्चे व बुजुर्ग भी प्रभावित हुए हैं, जिसके कारण पूरे क्षेत्र में कई घरों में मातम का माहौल है।
रेस्क्यू ऑपरेशन की स्थिति
सरकार ने राहत कार्य में जुटे सभी कर्मचारियों और दमकल अधिकारियों की संख्या को बढ़ाने का निर्णय लिया है। वे अब तक 17 दिन से अधिक समय से काम कर रहे हैं, और उनकी निष्ठा और समर्पण का कोई मोल नहीं है। आसपास के गांवों के लोग भी इस कठिन परिस्थिति में राहत कार्य में जुटे हुए हैं।
निष्कर्ष
यह हादसा न केवल तेलंगाना बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। हमें सुरक्षा मानकों का पालन करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों। इस दुखद क्षण में हम सभी को एकजुट होना चाहिए और पीड़ित परिवारों के साथ खड़े रहना चाहिए। राहत कार्य में लगे सभी कर्मचारियों को भी हमारा सपोर्ट मिलना चाहिए।
कृपया इस त्रासदी के समय में सभी से अपील है कि वे अधिक से अधिक जानकारी और अपडेट्स के लिए हमारे साथ बने रहें। For more updates, visit kharchaapani.com.
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