दिल्ली में 8 हरियाणवी चुनाव लड़े:सिरसा-जींद, झज्जर के नेताओं की जीत, हिसार के केजरीवाल हारे; फरीदाबाद वाले की जमानत जब्त
दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा को विधानसभा चुनाव में बहुमत मिला है। हरियाणा के रहने वाले 8 नेता दिल्ली में चुनाव लड़ रहे थे। इनमें 5 हार गए, जबकि 3 ही चुनाव जीतने में सफल रहे। भाजपा के दोनों उम्मीदवारों मनजिंदर सिंह सिरसा और पवन शर्मा ने जीत दर्ज की। कांग्रेस उम्मीदवार अर्जुन भड़ाना अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। सबसे ज्यादा आम आदमी पार्टी के 5 उम्मीदवार हरियाणा की पृष्ठभूमि से थे, लेकिन एक ही नेता चुनाव जीत पाया। हिसार के रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी चुनाव हार गए। झज्जर के रहने वाले वीरेंद्र सिंह दिल्ली छावनी विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। अब सिलसिलेवार ढंग से जानिए हरियाणा के नेताओं ने कहां से चुनाव लड़ा 1. सिरसा के मनजिंदर और जींद के पवन चुनाव जीते सिरसा के रहने वाले मनजिंदर सिंह सिरसा ने भाजपा के टिकट पर राजौरी गार्डन सीट से जीत दर्ज की है। उन्हें 64,132 वोट मिले। यहां आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार धनवति चंदेला दूसरे स्थान पर रहीं। उन्हें 45,942 वोट मिले। इसी तरह, जींद के नरवाना के रहने वाले पवन शर्मा ने भाजपा के टिकट पर उत्तम नगर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। उन्हें 1,03,613 वोट मिले। यहां आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार पॉश बालियान दूसरे स्थान पर रहीं। 2. केजरीवाल हिसार के रहने वाले, मुख्यमंत्री चेहरा थे पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल हिसार के सिवानी गांव के रहने वाले हैं। वह ग्रेजुएशन तक हिसार में पढ़े हैं। केजरीवाल के मामा भी हिसार ही रहते हैं। केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा। यहां भाजपा उम्मीदवार प्रवेश साहिब शर्मा ने उन्हें हरा दिया। प्रवेश को 30,088 वोट मिले, जबकि केजरीवाल को 25,999 वोट मिले। 3. झज्जर के रहने वाले वीरेंद्र कादियान जीते झज्जर के दूबलधन गांव के रहने वाले वीरेंद्र सिंह कादियान ने जीत दर्ज की है। उन्होंने AAP के टिकट पर दिल्ली छावनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और 22,191 वोट मिले। इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार भुवन तंवर 20,162 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे। 4. आप के राखी, दीपक और महेंद्र भी हारे कैथल के रहने वाले महेंद्र गोयल को AAP ने रिठाला विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। वह 74,755 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे। यहां भाजपा के कुलवंत राणा ने जीत हासिल की। इसी तरह झज्जर के छारा गांव की रहने वाली राखी बिरला को AAP ने मादीपुर सीट से टिकट दिया था, लेकिन वह भी हार गईं। उन्हें 41,120 वोट मिले। यहां भाजपा उम्मीदवार कैलाश गंगवाल ने जीत हासिल की। हिसार के उकलाना के रहने वाले दीपक सिंगला को AAP ने विश्वास नगर से उम्मीदवार बनाया था। वह 47,09, वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे। 5. फरीदाबाद के पूर्व सांसद भड़ाना के बेटे की जमानत जब्त हरियाणा की फरीदाबाद लोकसभा सीट से के पूर्व कांग्रेस सांसद अवतार सिंह भड़ाना के बेटे अर्जुन भड़ाना को कांग्रेस ने दिल्ली की बदरपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया था। मगर, अर्जुन की चुनाव में जमानत जब्त हो गई। 3,145 वोट के साथ पर वह तीसरे स्थान पर रहे। इस सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राम सिंह ने जीत दर्ज की है। अर्जुन भड़ाना के चचेरे भाई मनमोहन भड़ाना हरियाणा की समालखा सीट से भाजपा विधायक हैं। ******************* दिल्ली चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- दिल्ली चुनाव, मान के प्रचार वाली सभी सीटें हारी AAP:पंजाब CM 12 सीटों पर गए थे; कांग्रेस विधायक दल नेता बोले- केजरीवाल यहां मुख्यमंत्री बनेंगे पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के CM भगवंत मान ने दिल्ली में जिन-जिन सीटों पर प्रचार किया, उन सभी पर पार्टी हार गई। CM भगवंत मान ने यहां 12 सीटों पर प्रचार किया था। जिनमें पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीट भी शामिल थी। हालांकि ये दोनों भी चुनाव हार गए। पढ़ें पूरी खबर

दिल्ली में 8 हरियाणवी चुनाव लड़े: सिरसा-जींद, झज्जर के नेताओं की जीत, हिसार के केजरीवाल हारे; फरीदाबाद वाले की जमानत जब्त
Kharchaa Pani द्वारा, लेखिका: सुमित्रा रानी, राधिका वर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
दिल्ली में हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों ने राजनीतिक माहौल में उथल-पुथल मचा दी है। इस बार 8 हरियाणवी नेताओं ने चुनाव लड़ा, जिनमें सिरसा, जींद, और झज्जर के नेताओं की जीत ने सबकी नजरें खींची हैं। खासकर हिसार में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल को नाकामी का सामना करना पड़ा है। इस लेख में हम चुनाव परिणामों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।
चुनाव परिणाम और प्रमुख जीत
चुनाव परिणामों के अनुसार, सिरसा और जींद में स्थानीय नेताओं ने जोरदार जीत हासिल की है। ये नेता अपने क्षेत्र में लोकप्रियता के चलते अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराने में सफल रहे। झज्जर में भी स्थानीय उम्मीदवारों ने सीटें जीतीं, जिससे वहां की राजनीतिक स्थिति मजबूत होती है। इन चुनावों में हरियाणा में राजनीतिक बदलाव की लहर ने एक नई ऊर्जा का संचार किया है।
हिसार में केजरीवाल का नाकाम होना
हिसार के चुनावों में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को जनता के समर्थन से दूर रहना पड़ा। यह चुनाव परिणाम कलह और असहमति की कहानी कहने के लिए काफी है। ताज्जुब की बात यह है कि AAP यहाँ पर अपने उच्च कद के बावजूद हार गई। इनमें से कुछ की पहचान स्थानीय मुद्दों पर ध्यान नहीं देने के कारण की जा रही है।
फरीदाबाद में जमानत जब्त की स्थिति
फरीदाबाद में चुनाव में उतरे उम्मीदवार की जमानत जब्त कर ली गई है, जो साफ दर्शाता है कि जनता ने उन्हें वोट देने में कोई रुचि नहीं दिखाई। यह घटना चुनावी प्रक्रिया में अनूठी है और इसे चुनावी सुधार के लिए एक संकेत माना जा सकता है।
निष्कर्ष
हालिया हरियाणवी विधानसभा चुनावों ने दिल्ली में एक नया राजनीतिक आयाम प्रस्तुत किया है। स्थानीय मुद्दों पर फोकस, सरकार की नीतियों का प्रभाव, और उम्मीदवारों की पहचान इस बार चुनावों में मुख्य भूमिका में रही। सिरसा, जींद, और झज्जर के नेताओं की जीत से यह स्पष्ट है कि जनता अब अपने हितों की रक्षा करने में संजीदा हो गई है। इससे यह भी जिम्मेदारी बनती है कि आने वाले चुनावों में स्थानीय मुद्दों का सही उत्तर देना होगा।
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