चैत्र पूर्णिमा, हनुमान प्रकट उत्सव और शनिवार का योग:12 अप्रैल को पानी में गंगाजल मिलाकर करें स्नान, पीपल को चढ़ाएं जल और तेल से करें शनिदेव का अभिषेक
शनिवार, 12 अप्रैल चैत्र मास की पूर्णिमा है, इसी तिथि पर हनुमान जी का प्रकट उत्सव भी मनाया जाता है। जब ये तिथि शनिवार को पड़ती है तो इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों, व्रत-उपवास, दान-पुण्य और आध्यात्मिक साधनाओं का अक्षय पुण्य प्राप्त होता है, ऐसा पुण्य जिसका शुभ असर जीवनभर बना रहता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए हनुमान प्रकट उत्सव, शनिवार और चैत्र पूर्णिमा के योग में कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं...

चैत्र पूर्णिमा, हनुमान प्रकट उत्सव और शनिवार का योग: 12 अप्रैल को पानी में गंगाजल मिलाकर करें स्नान, पीपल को चढ़ाएं जल और तेल से करें शनिदेव का अभिषेक
Kharchaa Pani
लेखिका: प्रियंका शर्मा और साक्षी वर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
12 अप्रैल, 2023 को चैत्र पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा, जिसके साथ ही हनुमान प्रकट उत्सव और शनिवार का योग भी है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन विशेष रूप से गंगाजल का स्नान करने और पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाने की परंपरा है।
चैत्र पूर्णिमा का महत्व
चैत्र पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा के दिन आती है, जो भगवान हनुमान के जन्मदिन के अवसर पर मनाई जाती है। भगवान हनुमान को शक्ति, साहस और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भजन-कीर्तन और हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों को समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है।
हनुमान प्रकट उत्सव
हनुमान प्रकट उत्सव के दौरान लोग विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को फूलों और फल-फूलों से सजाए जाते हैं। भक्तजन इसका खास ध्यान रखते हैं कि इस दिन का आरंभ भगवान हनुमान के नाम से किया जाए। यही नहीं, इस दिन गंगाजल मिलाकर स्नान करने से सभी पाप भी धुल जाते हैं।
शनिवार का योग
12 अप्रैल को शनिवार होने के कारण शनिदेव की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस दिन शनिदेव का अभिषेक जल और तेल से करना शुभ माना जाता है। इसके लिए भक्त जन पीपल के वृक्ष के नीचे जाकर जल चढ़ाते हैं और इसका विशेष अभिषेक करते हैं। इस दिन की गई पूजा से व्यक्ति को अपने कर्मों का फल सकारात्मक रूप में प्राप्त होता है।
पूजन विधि
इस विशेष दिन पर स्नान करने के लिए गंगाजल का उपयोग करें। स्नान के बाद भगवान हनुमान की पूजा करें। इसके लिए उनके चित्र पर लाल रंग का फूल चढ़ाना न भूलें। इसके बाद शनिदेव के लिए पीपल के नीचे जाकर जल और तेल से अभिषेक करें। इस दौरान 'ॐ श्रं शनैश्चराय नम:' का जाप करते रहें।
निष्कर्ष
चैत्र पूर्णिमा का पर्व, हनुमान प्रकट उत्सव और शनिवार का संयोजन भक्तों के लिए विशेष फायदे लेकर आता है। इस दिन की गई पूजा सभी कष्टों को समाप्त करने और सुख-समृद्धि बढ़ाने में सहायक होती है। इसलिए इस दिन सभी भक्तों से आग्रह है कि वे इस पर्व का सही तरीके से पालन करें और अपने जीवन में सकारात्मकता लानें का प्रयास करें।
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