वक्फ संशोधन विधेयक- JPC ने लोकसभा स्पीकर को रिपोर्ट सौंपी:बजट सत्र में संसद में पेश की जाएगी, ओवैसी बोले थे- इसका विरोध करेंगे
वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संसद की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) ने गुरुवार को ड्रॉफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी। इस दौरान जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे सहित अन्य भाजपा सांसद मौजूद रहे। विपक्ष का कोई सांसद नजर नहीं आया। जेपीसी ने एक दिन पहले ही ड्रॉफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला। वहीं 11 मेंबर्स ने विरोध किया। कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, हमें 655 पन्नों की ड्रॉफ्ट रिपोर्ट मिली थी। 655 पन्नों की रिपोर्ट को एक रात में पढ़ना असंभव था। मैंने असहमति जताई है और संसद में भी इस विधेयक का विरोध करूंगा। विपक्ष का रुख क्या है... JPC में हंगामे के बाद निलंबित हुए थे 10 मेंबर्स JPC की 24 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि BJP दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। समिति ने बनर्जी-ओवैसी सहित 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया। बजट सत्र में पेश की जाएगी रिपोर्ट, 4 अप्रैल से शुरू जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान पेश करेगी। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। सेंट्रल बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है। 22 अगस्त को पहली बैठक हुई थी संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के JPC को भेज दिया गया था। वक्फ बिल संशोधन पर बनी 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी। बिल में 44 अमेंडमेंट्स पर चर्चा होनी थी। ------------------------------------ JPC से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... वक्फ बोर्ड के पास 3 दिल्ली जितनी जमीन, मुस्लिम संस्था के पास कहां से आई इतनी संपत्ति 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया। इस बिल के सदन में पेश होते ही देश की सबसे बड़ी और ताकतवर मुस्लिम संस्था वक्फ बोर्ड एक बार फिर से चर्चा में है। दिल्ली का कुल एरिया करीब 3.6 लाख एकड़ है, जबकि वक्फ बोर्ड के पास 9 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन है। पढ़ें पूरी खबर... यूपी सरकार का दावा- वक्फ की 78% जमीन हमारी, अयोध्या का बहू-बेगम मकबरा भी लखनऊ में वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की बैठक हुई। जिसमें यूपी सरकार की तरफ से कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया- यूपी में वक्फ की 14 हजार हेक्टेयर जमीन है। इसमें से 11 हजार (करीब 78 प्रतिशत) सरकारी जमीन है। शिया वक्फ बोर्ड ने इसका विरोध किया। पढ़ें पूरी खबर...

वक्फ संशोधन विधेयक- JPC ने लोकसभा स्पीकर को रिपोर्ट सौंपी: बजट सत्र में संसद में पेश की जाएगी, ओवैसी बोले थे- इसका विरोध करेंगे
Kharchaa Pani | इस समाचार को लिखा है राधिका शर्मा और प्रिया वर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
हाल ही में, वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) ने लोकसभा स्पीकर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। यह विधेयक आगामी बजट सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। इस विधेयक को लेकर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध की धमकी दी है, जिससे भारत की राजनीतिक पृष्ठभूमि में गर्मागर्मी बढ़ गई है।
विधेयक का महत्व
वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए लाए जाने वाले इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य धार्मिक स्थलों और वक्फ संपत्ति के विषय में सुधार करना है। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग धार्मिक उद्देश्यों के लिए सही ढंग से किया जा सके तथा उनकी सुरक्षा को भी बढ़ाया जा सके। इसके अंतर्गत वक्फ संपत्तियों के संचालन में पारदर्शिता लाने पर जोर दिया गया है।
ओवैसी का विरोध
इस विधेयक के खिलाफ ओवैसी का समर्थन मुस्लिम समुदाय की विभिन्न विचारधाराओं से मिल रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि इस विधेयक का उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ओवैसी ने कहा, "हम इसके विरुद्ध विरोध करेंगे। यह मुस्लिम धर्म को मान्यता और सुरक्षा देने के प्रयासों के विपरीत है।"
JPC की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
JPC की रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण सिफारिशें शामिल हैं। जो कि निम्नलिखित हैं:
- वक्फ संपत्तियों की नियमित ऑडिटिंग और परीक्षण कराना।
- स्थानीय स्तर पर वक्फ बोर्डों की शक्तियों को बढ़ाना।
- वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाना।
संसद में पेश होने की प्रक्रिया
इस विधेयक को संसद में पेश करने के लिए सरकार ने सभी विधायकों से सहमति प्राप्त करने का निर्णय लिया है। बजट सत्र के दौरान इसकी चर्चा होने की संभावना है, जिससे यह मुद्दा देश भर में ध्रुवीकृत हो सकता है।
निष्कर्ष
वक्फ संशोधन विधेयक का संसद में पेश होना धार्मिक स्थानों के प्रबंधन और वक्फ संपत्तियों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इसकी स्वीकार्यता और उसकी व्याख्या में विभिन्न मत हैं। आगे क्या परिणाम निकलेंगे, यह देखने लायक होगा। ओवैसी के बयान ने स्थिति को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।
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