एक देश-एक चुनाव पर JPC की दूसरी बैठक आज:पहली मीटिंग में सांसदों को 18 हजार पेज की रिपोर्ट मिली, बजट सत्र में पेश होगी

एक देश-एक चुनाव के लिए संसद में पेश हुए 129वें संविधान संशोधन बिल पर आज जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की दूसरी बैठक होगी। बैठक संसद के एनेक्सी भवन के मुख्य समिति कक्ष में दोपहर 3 बजे बुलाई गई है। भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली 39 सदस्यीय कमेटी में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हैं। विपक्षी सांसदों ने JPC का कार्यकाल बढ़ाकर एक साल करने ही भी मांग की। JPC को बजट सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन तक अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश करनी है। इससे पहले 8 जनवरी को JPC की पहली बैठक हुई थी। इसमें सभी सांसदों को 18 हजार से ज्यादा पेज की रिपोर्ट वाली एक ट्रॉली दी गई थी। इसमें हिंदी और अंग्रेजी में कोविंद समिति की रिपोर्ट और अनुलग्नक की 21 कॉपी शामिल है। इसमें सॉफ्ट कॉपी भी शामिल है। पहली बैठक की चर्चा, पॉइंट्स में... संसद में बिल पेश करने के लिए वोटिंग कराई गई थी कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने 17 दिसंबर को लोकसभा में एक देश-एक चुनाव को लेकर संविधान संशोधन बिल रखा था। विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया था। इसके बाद बिल पेश करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराई गई थी। कुछ सांसदों की आपत्ति के बाद वोट संशोधित करने के लिए पर्ची से दोबारा मतदान हुआ। इस वोटिंग में बिल पेश करने के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े। इसके बाद कानून मंत्री ने बिल दोबारा सदन में रखा। कांग्रेस बोली- बिल पेश करते समय सरकार 272 सांसद नहीं जुटा पाई कांग्रेस ने एक देश एक चुनाव विधेयक को लेकर 20 दिसंबर को कहा कि भाजपा इस बिल को कैसे पास कराएगी? क्योंकि संविधान संशोधन के लिए उसके पास सदन में दो तिहाई बहुमत (362 सांसद) नहीं हैं। बिल भले ही JPC के पास भेजा गया, लेकिन कांग्रेस इसका विरोध करती है। दरअसल, 20 दिसंबर को राज्यसभा में इस बिल से जुड़े 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किया। सभापति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से राज्यसभा के सदस्यों को समिति में मनोनीत करने के लिए प्रस्ताव पेश करने को कहा था। इसके बाद संसद की संयुक्त समिति को दोनों विधेयकों की सिफारिश करने वाला प्रस्ताव पारित किया गया। फिर बिल को 39 सदस्यीय JPC के पास भेजने का फैसला किया गया। एक देश-एक चुनाव क्या है... भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए अलग-अलग समय पर चुनाव होते हैं। एक देश-एक चुनाव का मतलब लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से है। यानी मतदाता लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय वोट डालेंगे। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। उसके बाद दिसंबर, 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई। एक देश-एक चुनाव के लिए बनाई गई समिति ने मार्च में राष्ट्रपति को सौंपी थी रिपोर्ट एक देश-एक चुनाव पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 2 सितंबर, 2023 को एक कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने करीब 191 दिनों में स्टेकहोल्डर्स और एक्सपर्ट्स से चर्चा के बाद 14 मार्च, 2024 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी थी। एक देश-एक चुनाव को लागू करने के लिए संविधान संशोधन के जरिए संविधान में 1 नया अनुच्छेद जोड़ने और 3 अनुच्छेदों में संशोधन करने की व्यवस्था की जाएगी। संविधान संशोधन से क्या बदलेगा, 3 पॉइंट... --------------------------------------- एक देश-एक चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... क्या 2029 से देश में होगा वन इलेक्शन, फायदे-खामियों पर सब कुछ जो जानना जरूरी आजाद भारत का पहला चुनाव 1951-52 में हुआ। उस वक्त लोकसभा और राज्यों की विधानसभा के चुनाव एक साथ होते थे। 1957, 1962 और 1967 तक ये परंपरा जारी रही। अब 2029 में ये परंपरा फिर से शुरू हो सकती है। इससे जुड़ा बिल संसद में पेश हो सकता है। वहीं, विपक्षी नेताओं ने इस सवाल उठाए हैं। पूरी खबर पढ़ें...

Jan 31, 2025 - 05:34
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एक देश-एक चुनाव पर JPC की दूसरी बैठक आज:पहली मीटिंग में सांसदों को 18 हजार पेज की रिपोर्ट मिली, बजट सत्र में पेश होगी
एक देश-एक चुनाव के लिए संसद में पेश हुए 129वें संविधान संशोधन बिल पर आज जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी

एक देश-एक चुनाव पर JPC की दूसरी बैठक आज: पहली मीटिंग में सांसदों को 18 हजार पेज की रिपोर्ट मिली, बजट सत्र में पेश होगी

Kharchaa Pani - आज की चर्चा के केंद्र में है 'एक देश-एक चुनाव' का मुद्दा, जिसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) द्वारा चर्चा के लिए उठाया गया है। यह बैठक इस महत्वकांक्षी योजना के क्रियान्वयन पर प्रकाश डालने का प्रयास करेगी।

परिचय

संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की दूसरी बैठक आज आयोजित की जाएगी, जिसमें 'एक देश-एक चुनाव' के मुद्दे पर गहन चर्चा की जाएगी। पहली बैठक में सांसदों को 18 हजार पृष्ठों की एक विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिसका विश्लेषण महत्वपूर्ण है। यह पूरी प्रक्रिया भारत के चुनावी प्रणाली में सुधार लाने की दिशा में एक कदम हो सकती है।

एक देश-एक चुनाव की अवधारणा

'एक देश-एक चुनाव' का विचार लंबे समय से राजनीतिक विचार-विमर्श का हिस्सा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में चुनावी प्रक्रिया को सरल और सुसंगत बनाना है। अगर यह योजना सफल होती है, तो केंद्र और राज्य के चुनाव एक साथ आयोजित किए जा सकेंगे। इससे चुनावी खर्च में कमी और राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद की जा रही है।

JPC की पहली बैठक में कौन-कौन था शामिल?

JPC की पहली बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों ने भाग लिया। सभी को 18 हजार पृष्ठों की रिपोर्ट दी गई, जिसमें चुनावी प्रणाली और इसे सुधारने के सुझाव शामिल हैं। रिपोर्ट में चुनावों की तिथियों, प्रक्रिया और संभावित समस्याओं का विस्तृत विश्लेषण किया गया है।

क्या होगा आज की बैठक में?

आज की बैठक में इस रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी, जिससे यह तय किया जाएगा कि इस विषय पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे। काफी उम्मीदें हैं कि बजट सत्र में इस मुद्दे को पेश किया जाएगा। इससे पहले, सांसदों को इस प्रस्ताव पर अपने विचार रखने का अवसर मिलेगा।

निष्कर्ष

एक देश-एक चुनाव की योजना को लेकर JPC की बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती प्रदान कर सकती है। इस प्रस्ताव पर सांसदों की राय और सरकार के कदम देश के भविष्य की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। सभी की नजरें आज की बैठक पर हैं कि क्या यह योजना आखिरकार क्रियान्वित हो पाएगी या नहीं।

बातचीत का यह सिलसिला जारी रहेगा और आने वाले दिनों में इस महत्वपूर्ण विषय पर और भी जानकारी मिलती रहेगी। For more updates, visit kharchaapani.com.

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