अमेरिकी संसद में ट्रम्प का पहला भाषण:बोले- भारत 100% से ज्यादा टैरिफ वसूलता है, हम भी 2 अप्रैल से उतना ही टैरिफ लगाएंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार सुबह (भारतीय समय के मुताबिक) अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के जॉइंट सेशन को संबोधित किया। उन्होंने रिकॉर्ड 1 घंटा 44 मिनट का भाषण दिया। अपने पिछले कार्यकाल में उन्होंने सिर्फ 1 घंटा भाषण दिया था। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत अमेरिका इज बैक, यानी अमेरिका का दौर लौट आया है से की। ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने 43 दिन में जो किया है वह कई सरकारें अपने 4 या 8 साल के कार्यकाल में नहीं कर पाईं। ट्रम्प ने 2 अप्रैल से जैसा को तैसा टैरिफ लगाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि भारत हमसे 100% से ज्यादा टैरिफ वसूलता है, हम भी अगले महीने से ऐसा ही करने जा रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प के पहले भाषण की 10 अहम बातें… 1. जैसे को तैसा टैरिफ: 2 अप्रैल से जैसे को तैसा टैरिफ लागू होगा। दूसरे देश हम पर भारी टैरिफ और टैक्स लगाते हैं, अब हमारी बारी है। अगर कोई कंपनी अमेरिका में प्रोड्क्ट नहीं बना रही है तो उसे टैरिफ देना होगा। 2. यूक्रेन जंग: जेलेंस्की जल्द से जल्द यूक्रेन जंग खत्म करने को लेकर बातचीत के लिए आने को तैयार हैं। हमने रूस के साथ गंभीर बातचीत की है। हमें मॉस्को से मजबूत संकेत मिले हैं कि वे शांति के लिए तैयार हैं। 3. अप्रवासी मुद्दा: पिछले चार साल में 2.1 करोड़ लोग अवैध रूप से अमेरिका में घुसे हैं। हमारी सरकार ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ा बॉर्डर और इमिग्रेशन क्रैकडाउन शुरू किया है। 4. जो बाइडेन: बाइडेन अमेरिकी इतिहास के सबसे खराब राष्ट्रपति हैं। उनके कार्यकाल में हर महीने लाखों अवैध लोग देश में दाखिल हुए। उनकी नीतियों के चलते देश में महंगाई बढ़ी। 5. गोल्ड कार्ड वीजा: हम गोल्ड कार्ड वीजा सिस्टम लाने जा रहे हैं। यह ग्रीन कार्ड की तरह है लेकिन उससे ज्यादा एडवांस है। इससे बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी और कंपनियों को फायदा होगा। 6. पनामा नहर और ग्रीनलैंड: हम किसी भी तरह पनामा नहर पर कंट्रोल हासिल करेंगे। इसके साथ ही हम किसी भी तरह ग्रीनलैंड को अपने में शामिल करेंगे। हम वहां के लोगों की हिफाजत करेंगे। 7. WHO और ह्यूमन राइट्स: अमेरिका को ‘बेकार’ पेरिस जलवायु समझौते, ‘भ्रष्ट’ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और ‘अमेरिका विरोधी’ UN ह्यूमन राइट्स कमीशन की जरूरत नहीं। इनसे बाहर आएंगे। 8. फ्री स्पीच: हमने सरकारी सेंसरशिप पूरी तरह रोक दी है और अमेरिका में फ्री स्पीच वापस ले आए हैं। हमने ऐसे सरकारी तंत्र को खत्म कर दिया है जिसका इस्तेमाल हथियार के तौर पर किया जाता है। 9. तेल और गैस: अमेरिका के पास दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा 'लिक्विड गोल्ड' (तेल और गैस) है। हम अलास्का में बहुत बड़ी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन बिछाएंगे। इसमें कई देश अरबों रुपए निवेश करना चाहते हैं। 10. स्पेस प्रोगाम: हम विज्ञान की नई सीमाओं को पार करेंगे, इंसान को अंतरिक्ष में आगे ले जाएंगे, और मंगल ग्रह पर अमेरिकी झंडा फहराएंगे। हम दुनिया की सबसे उन्नत और शक्तिशाली सभ्यता का निर्माण करेंगे। ट्रम्प के संबोधन से जुड़ीं 4 तस्वीरें... ट्रम्प के संबोधन से जुड़े पल-पल के अपडेट्स के लिए नीचे के ब्लॉग से गुजर जाइए...

अमेरिकी संसद में ट्रम्प का पहला भाषण: बोले- भारत 100% से ज्यादा टैरिफ वसूलता है, हम भी 2 अप्रैल से उतना ही टैरिफ लगाएंगे
Kharchaa Pani द्वारा: नेहा शर्मा, टीम नेतानागरी
परिचय
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी संसद में अपना पहला भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारत के खिलाफ एक नया व्यापारिक ट्रंप कार्ड खेला। उन्होंने कहा कि भारत 100% से ज्यादा टैरिफ वसूलता है और अब अमेरिका भी भारत के समान टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है। यह बयान विश्व व्यापार में एक नया मोड़ ला सकता है।
ट्रम्प का बयान
ट्रम्प ने अपने भाषण में स्पष्ट रूप से कहा कि "यदि भारत को हमें 100% टैरिफ चुकाना पड़ता है, तो हम भी 2 अप्रैल से उतना ही टैरिफ लगाएंगे।" यह बयान इस बात का संकेत है कि अमेरिका ने भारत के साथ व्यापारिक असमानताओं को दूर करने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी बताया कि यह कदम अमेरिका के व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।
भारत का व्यापारिक परिदृश्य
भारत ने कई वर्षों से विभिन्न उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाए हैं, जिनमें कृषि उत्पाद, ऑटोमोबाइल्स और इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल हैं। इससे न केवल अमेरिकी कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा है, बल्कि यह भी चिंता का विषय बनता जा रहा है कि इससे भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा कम होगी। ट्रम्प का यह बयान भारत के लिए एक चेतावनी है कि उसे अपने व्यापारिक नीति में बदलाव करने की आवश्यकता है।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
यदि अमेरिका 2 अप्रैल से अपने टैरिफ बढ़ाता है, तो इसका सीधा प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। व्यापारिक तनावों में वृद्धि से दुनिया भर के निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ेगी। यह स्थिति न केवल अमेरिका और भारत के लिए, बल्कि अन्य देशों के लिए भी चुनौती बन सकती है। यह आर्थिक स्थिति अमेरिका और भारत के बीच रिश्तों को भी प्रभावित कर सकती है।
वीडियो बाइट्स
इस भाषण के बाद सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा हो रही है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका का यह कदम न केवल भारतीय बाजार को प्रभावित करेगा, बल्कि यह वैश्विक व्यापार नीति में भी बदलाव ला सकता है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रम्प का यह पहला भाषण एक महत्वपूर्ण संकेत है कि अमेरिका अपनी व्यापारिक नीतियों को बदलने का विचार कर रहा है। यह भारत सहित अन्य विकसित देशों के लिए एक कठिन चुनौती बन सकता है। आगे देखना होगा कि इस स्थिति का क्या असर दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ेगा।
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