अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में स्विगी को ₹799 करोड़ का घाटा:रेवेन्यू 31% बढ़कर ₹3,993 करोड़ रहा, कंपनी का शेयर आज 3.5% गिरा
ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 799 करोड़ रुपए का नुकसान (कॉन्सोलिडेटेड नेट लॉस) हुआ है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 574 करोड़ रुपए का लॉस हुआ था। सालाना आधार पर कंपनी का घाटा 39% बढ़ा है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का ऑपरेशन से रेवेन्यू 31% बढ़कर 3,993 करोड़ रुपए रहा। पिछले साल की समान तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर 2023-24 में कंपनी ने 3,049 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। स्विगी 13 नवंबर 2024 को शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से होने वाली कमाई को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। स्विगी 13 नवंबर 2024 को शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी, तब से अब तक इसके शेयर में 2% की गिरावट आई है। कंपनी का शेयर आज 3.5% गिरकर 418 रुपए पर बंद आज कंपनी का शेयर 3.5% की गिरावट के साथ 418 रुपए पर बंद हुआ है। बीते 1 महीने में कंपनी का शेयर 21%, छह महीने में 8% और एक साल में भी 8% गिरा है। कंपनी का मार्केट कैप 94.68 हजार करोड़ रुपए है।

अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में स्विगी को ₹799 करोड़ का घाटा: रेवेन्यू 31% बढ़कर ₹3,993 करोड़ रहा
Kharchaa Pani, लेखिका: साक्षी शर्मा, नेत्रा कुमारी, टीम नेटानागरी
परिचय
स्विगी, भारत की प्रमुख खाद्य वितरण कंपनी, ने अपनी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के वित्तीय परिणामों का घोषणा की है। इस तिमाही में कंपनी ने ₹799 करोड़ का घाटा झेला है, जबकि इसका रेवेन्यू 31% बढ़कर ₹3,993 करोड़ हो गया है। यह खबर उन निवेशकों के लिए चिंता का विषय है जो कंपनी के भविष्य के विकास में रुचि रखते हैं।
स्विगी का घाटा और रेवेन्यू वृद्धि
स्विगी का प्रबंधन तिमाही के परिणामों को लेकर मिलेजुले संवेग प्रकट कर रहा है। जहां रेवेन्यू में वृद्धि से कंपनी की स्थिरता का संकेत मिलता है, वहीं घाटे की बढ़ती राशि इस बात को दर्शाती है कि कंपनी अभी भी अपने लाभप्रदता के लक्ष्य प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना कर रही है। पिछले वर्ष की तुलना में इस तिमाही में रेवेन्यू 31% की वृद्धि ने आकर्षक आंकड़े प्रस्तुत किए हैं, लेकिन झंझटों के बावजूद ऐसा लगता है कि स्विगी को अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
शेयर बाजार पर प्रभाव
स्विगी के परिणामों का सीधा प्रभाव शेयर बाजार पर भी पड़ा है। आज कंपनी के शेयरों में 3.5% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों के मन में सवाल उठने लगे हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि घाटा और आय का असंतुलन निवेशकों की चिंता को बढ़ा रहा है। ऐसे में, स्विगी को अपने वित्तीय प्रबंधन व रणनीतियों में सुधार करना आवश्यक है ताकि वह अपने निवेशकों का भरोसा फिर से जीत सके।
भविष्य की योजनाएँ और रणनीतियाँ
स्विगी ने अपने घाटे को कम करने के लिए कई योजनाएँ बनाई हैं। कंपनी ने ग्राहकों की संतुष्टि और अधिक आकर्षक सेवाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके अलावा, स्विगी ने अपने वितरण नेटवर्क को बेहतर बनाने और तकनीकी नवाचारों में निवेश करने की योजना बनाई है। ये कदम कंपनी को दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान कर सकते हैं।
निष्कर्ष
स्विगी का अक्टूबर-दिसंबर तिमाही परिणाम यह दर्शाता है कि कंपनी वर्तमान में विकास के साथ-साथ घाटे की भी चुनौतियों का सामना कर रही है। रेवेन्यू में वृद्धि एक सकारात्मक संकेत है; लेकिन घाटा चिंता का विषय है। भविष्य में कंपनी की रणनीतियाँ और निवेशकों की प्रतिक्रिया इस बात का निर्धारण करेंगे कि स्विगी अपनी स्थिति को कैसे संभालती है। हमारी नजर कंपनी के अगली तिमाही के परिणामों पर बनी रहेगी।
अधिक अपडेट के लिए, kharchaapani.com पर जाएँ।
Keywords
Swiggy loss, October-December quarter, Indian startups, revenue growth, investor concerns, stock market impact, financial results, food delivery services, business strategies, earnings reportWhat's Your Reaction?






