रिलायंस को ₹24,522 करोड़ का डिमांड नोटिस मिला:मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस ने कंपनी को यह नोटिस भेजा

भारत सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को 2.81 बिलियन डॉलर यानी 24,522 करोड़ रुपए का डिमांड नोटिस भेजा है। कंपनी को यह नोटिस मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस की तरफ से मिला है। कंपनी को यह नोटिस दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद जारी किया गया। यह मामला ONGC ब्लॉक (KG-D6) से जुड़ा है। जिसके तहत रिलायंस पर आरोप है कि उसने ONGC ब्लॉक से गैस का माइग्रेशन किया था। यह मामला इंटरनेशनल कोर्ट तक पहुंचा था, जिसके बाद इंटरनेशनल आर्बिट्रेटर ने रिलायंस लेड कंसोर्टियम के पक्ष में साल 2018 में 1.55 बिलियन डॉलर यानी 13,528 करोड़ रुपए का फैसला सुनाया था। मई 2023 में सिंगल जज बेंच ने रिलायंस के पक्ष में फैसला सुनाया था इस फैसले के खिलाफ भारत सरकार की तरफ से दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। मई 2023 में सिंगल जज बेंच ने रिलायंस के पक्ष में फैसला सुनाया था। सरकार की तरफ से दोबारा डिविजन बेंच के सामने इसे चुनौती दी गई। अब दिल्ली हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने सिंगल जज की इस रूलिंग को पलट दिया है। जिसके बाद भारत सरकार की तरफ से रिलायंस इंडस्ट्रीज को यह फ्रेश डिमांड नोटिस भेजा गया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर आज 0.41% गिरा रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर आज मंगलवार (4 मार्च) को 0.41% की गिरावट के साथ 1,166 रुपए के स्तर पर कारोबार कर रहा है। कंपनी का शेयर पिछले 5 दिन में 3.05% और एक महीने में 9.26% गिरा है। वहीं पिछले 6 महीने में इसमें 23.00% और एक साल में 22.64% की गिरावट रही। रिलायंस को तीसरी तिमाही में ₹18,540 करोड़ का मुनाफा रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 16 जनवरी को वित्त वर्ष 2024-25 के तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए थे। तीसरी तिमाही में कंपनी को 18,540 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। सालाना आधार पर इसमें 7.38% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की इसी तिमाही में कंपनी का कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 17,265 करोड़ रुपए रहा था। वहीं अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 2.44 लाख करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 2.28 लाख करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। सालाना आधार पर इसमें 7% की बढ़ोतरी हुई है। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर कंपनी है रिलायंस रिलायंस भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर कंपनी है। ये अभी हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन, पेट्रोलियम रिफाइनिंग और मार्केटिंग, पेट्रोकेमिकल्स, एडवांस मटेरियल और कंपोजिट, रिन्यूएबल एनर्जी, डिजिटल सर्विस और रिटेल सेक्टर में काम करती है।

Mar 4, 2025 - 15:34
 160  402.7k
रिलायंस को ₹24,522 करोड़ का डिमांड नोटिस मिला:मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस ने कंपनी को यह नोटिस भेजा

रिलायंस को ₹24,522 करोड़ का डिमांड नोटिस मिला: मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस ने कंपनी को यह नोटिस भेजा

Kharchaa Pani
लेखक: साक्षी शर्मा, मोना वर्मा, टीम नेतानागरी

परिचय

भारत की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनियों में से एक, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड को हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस द्वारा ₹24,522 करोड़ का डिमांड नोटिस प्राप्त हुआ है। यह नोटिस मुख्यतः कंपनी की कुछ नीतियों और नियमों के उल्लंघन के आधार पर जारी किया गया है। इस घटनाक्रम ने उद्योग में हलचल मचा दी है, जिससे रिलायंस की वित्तीय स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर सवाल उठने लगे हैं।

डिमांड नोटिस का कारण

मिनिस्ट्री का कहना है कि रिलायंस को कुछ कराधान नियमों का सही अनुपालन नहीं करने के कारण यह नोटिस जारी किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने प्राकृतिक गैस के उत्पादन और वितरण में कुछ नियमों का पालन नहीं किया। इसके साथ ही, नियमों के तहत निर्धारित मूल्यांकन की प्रक्रिया का भी सही तरीके से पालन नहीं किया गया, जिससे यह भारी दंड लगाया गया।

रिलायंस का जवाब

रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के प्रवक्ता ने एक बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि कंपनी इस नोटिस के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेगी। उनका कहना है कि कंपनी ने सभी कानूनी प्रावधानों का पालन किया है और उन्हें उम्मीद है कि यह मामला जल्द ही सुलझ जाएगा।

सरकारी दृष्टिकोण

सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिस को गंभीरता से लिया जा रहा है। उद्योग के जानकारों का कहना है कि यह कदम सरकार की नीति का हिस्सा है, जिसमें स्वच्छता और पारदर्शिता को प्रमुखता दी जा रही है। मिनिस्ट्री ने स्पष्ट किया है कि वे सभी कंपनियों को समान मानकों के आधार पर जांचेंगे ताकि उद्योग में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिले।

बाजार पर प्रभाव

इस डिमांड नोटिस ने शेयर बाजार में रिलायंस के शेयरों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। इस खबर के बाद, रिलायंस के शेयरों में गिरावट देखी गई है। निवेशक वर्तमान में कंपनी की वित्तीय स्थिति और भविष्य पर नजर बनाए हुए हैं।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, रिलायंस को भेजा गया ₹24,522 करोड़ का डिमांड नोटिस उद्योग की बड़ी कंपनियों के लिए एक चेतावनी है। यह निश्चित रूप से आगामी दिनों में भारतीय पेट्रोलियम क्षेत्र में और भी बदलाव लाने की संभावना है। सभी की निगाहें अब इस मामले पर होंगी कि रिलायंस इसे किस प्रकार से प्रबंधित करता है।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएं kharchaapani.com.

Keywords

reliance, ₹24,522 crore demand notice, Ministry of Petroleum and Natural Gas, compliance issues, legal action, oil and gas sector news, Reliance Industries news, corporate governance in India

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow