राहुल बोले- देशभर में वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे:विपक्ष चाहता है गड़बड़ी पर चर्चा हो; DMK सांसदों का ट्राय-लैंग्वेज पर हंगामा
संसद के बजट सत्र का दूसरा फेज सोमवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा- देशभर में वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे हैं। पूरा विपक्ष बस यही कह रहा है कि वोटर लिस्ट पर चर्चा होनी चाहिए। इससे पहले सुबह सदन शुरू होते ही लोकसभा में DMK सांसदों ने हंगामा किया। DMK सांसद नई शिक्षा नीति (NEP) और ट्राय-लैंग्वेज को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वे शिक्षा मं9ी धर्मेंद्र प्रधान के करीब पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे। इसके बाद स्पीकर ने लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति और ट्राय-लैंग्वेज पॉलिसी लाई है। इसके तहत स्थानीय भाषा के अलावा अंग्रेजी और हिन्दी पढ़ाना अनिवार्य रखा गया है। तमिलनाडु सरकार इसका विरोध कर रही है। उसका कहना है कि हम पर हिन्दी जानबूझकर थोपी जा रही है। DMK सांसद इसी का विरोध कर रहे हैं। विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा- DMK के लोग बेईमान हैं। वे तमिलनाडु के छात्रों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं। वे तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। उनका एकमात्र काम भाषा की बाधाएं खड़ी करना है। वे राजनीति कर रहे हैं। वे अलोकतांत्रिक और असभ्य हैं।

राहुल बोले- देशभर में वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे: विपक्ष चाहता है गड़बड़ी पर चर्चा हो; DMK सांसदों का ट्राय-लैंग्वेज पर हंगामा
Kharchaa Pani
लेखिका: मनिषा शarma, नेतानाागरी टीम
परिचय
हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वोटर लिस्टों में अनियमितताओं को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने दावा किया है कि देशभर में वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे हैं, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ सकता है। विपक्ष के अन्य दलों ने भी इस मुद्दे पर आवाज उठाई है, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की चिंता
राहुल गांधी ने कहा कि देशभर में ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं, जहां वोटर लिस्ट में नाम नहीं हैं या फिर कुछ नाम गलत तरीके से जोड़े गए हैं। उनका मानना है कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह आवश्यक है कि चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता हो। उन्होंने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और आवश्यक कदम उठाएं। इसमें कोई शक नहीं है कि सही और पारदर्शी वोटर लिस्ट होना लोकतंत्र की नींव है।
विपक्ष की भूमिका
विपक्ष का कहना है कि जब तक वोटर लिस्ट पर चर्चा नहीं होती, तब तक कोई भी निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है। विभिन्न विपक्षी दलों ने मिलकर इस मामले को उठाते हुए मांग की है कि चुनाव आयोग तत्काल इस मुद्दे की जांच करे। उनका कहना है कि यह केवल वोटर लिस्ट की बात नहीं है, बल्कि यह देश की लोकतांत्रिक प्रणाली पर एक बड़ा सवाल है। विपक्षी नेता बार-बार इस मामले को संसद में भी उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
DMK सांसदों का हंगामा
इस बीच, डीएमके के सांसदों ने ट्राय-लैंग्वेज नीति के खिलाफ संसद में हंगामा शुरू कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ट्राय-लैंग्वेज नीति से भाषा के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। डीएमके सांसदों का कहना है कि भारत की विविधता को ध्यान में रखकर नीति बनाई जानी चाहिए। इस प्रकार के हंगामे ने संसद की कार्यवाही को प्रभावित किया है, जिससे अन्य मुद्दों पर भी चर्चा में बाधा आई है।
निष्कर्ष
देशभर में जारी यह राजनीतिक बहस और वोटर लिस्ट की चर्चाएं आगामी चुनावों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। राहुल गांधी तथा अन्य विपक्षी दलों की मांगों को सुनने के लिए चुनाव आयोग को सक्रियता दिखानी होगी। वहीं, ट्राय-लैंग्वेज पर डीएमके सांसदों का हंगामा यह दर्शाता है कि विभिन्न मुद्दों पर सभी दल अपनी-अपनी बातों को रख रहे हैं। संभवतः अगले कुछ हफ्तों में इस पर और गहराई से चर्चा देखने को मिलेगी।
फिलहाल, यह महत्वपूर्ण है कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं सही तरीके से और पारदर्शी रूप से संचालित हों ताकि सभी नागरिकों के मतों का सही उपयोग हो सके।
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