उमर ने गुलमर्ग फैशन शो की जांच का आदेश दिया:अर्धनग्न मॉडल्स ने रैंप वॉक किया था; धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
कश्मीर के गुलमर्ग में 8 मार्च को एक फैशन शो का आयोजन हुआ था। यह आउटडोर फैशन शो फैशन डिजाइनर जोड़ी शिवन और नरेश ने आयोजित किया था। आरोप है कि इस शो में कई अर्धनग्न मॉडलों ने बर्फ पर रैंप वॉक किया। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। वीडियो और फोटोज को देखकर स्थानीय लोगों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। लोगों का कहना है कि सरकार कैसे रमजान में ऐसे फैशन शो के आयोजन की अनुमति दे सकता है। इस शो को लेकर और कठुआ के बिलावर में नागरिकों की हत्याओं को लेकर जम्मू विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। NC और कांग्रेस के विधायको ने इन घटनाओं पर चर्चा की मांग भी की। मामले को देखते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने फैशन शो की जांच के आदेश दिए हैं जिसे समाजिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। उमर अब्दुल्ला ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, "जो कुछ भी मैंने देखा, वह किसी भी समय और खासतौर पर रमजान के महीने में आयोजित नहीं किया जाना चाहिए था।" उमर अब्दुल्ला बोले- फैशन शो निजी पार्टियों द्वारा आयोजित किया गया था उमर अब्दुल्ला ने यह भी स्पष्ट किया कि यह इवेंट निजी पार्टियों द्वारा आयोजित किया गया था और इसमें सरकार का कोई इनवॉलमेंट नहीं था। उन्होंने कहा, "यह एक निजी पार्टी थी और इसमें कोई सरकारी अनुमति नहीं ली गई थी। अगर किसी भी कानून का उल्लंघन हुआ है तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे।" खुरशीद अहमद शेख ने कहा- रमजान के दौरान ऐसी घटना शर्मनाक फैशन शो के बाद राज्य के नेताओं ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। जम्मू-कश्मीर अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक खुरशीद अहमद शेख ने इस इवेंट को राज्य की संस्कृति पर सीधा हमला बताया। उन्होंने कहा, रमजान के दौरान ऐसी घटना शर्मनाक है, यह हमारी संस्कृति पर सीधा हमला है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और मुख्यमंत्री से इस पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं। तनवीर सादिक बोले- आधे नग्न शो का आयोजन अस्वीकार्य है जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने कहा, "यह शो नहीं होना चाहिए था। जम्मू- कश्मीर सूफी संतों की भूमि है, यहां पर आधे नग्न शो का आयोजन अस्वीकार्य है। मुख्यमंत्री ने इस घटना का संज्ञान लिया है और रिपोर्ट मांगी है वे सख्त कार्रवाई का आश्वासन दे चुके हैं।" बलवंत सिंह मंकोटिया ने कहा- कुछ लोग जम्मू-कश्मीर में शांति को बिगाड़ना चाहते है बीजेपी के विधायक बलवंत सिंह मंकोटिया ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और केंद्रीय सरकार चाहते हैं कि जम्मू और कश्मीर में सामान्य स्थिति लौटे। 5 अगस्त 2019 के बाद कश्मीर में शांति का माहौल बना है और दुनिया भर से लोग कश्मीर आना चाहते हैं। लेकिन कुछ लोग चाहते हैं कि कश्मीर में शांति ना हो। ये लोग बेवजह मुद्दे उठाकर शांति को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बिलावर में तीन नागरिकों की हत्या पर चिंता जताई इस बीच उमर अब्दुल्ला ने कठुआ जिले के बिलावर में तीन नागरिकों की हत्या पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, "बिलावर में जो हुआ है उसकी जांच चल रही है। लेकिन इस मामले को राजनीति से जोड़ा जा रहा है, यह ठीक नहीं है।" उमर अब्दुल्ला ने कहा कि डिप्टी सीएम को क्षेत्र में जाने से रोकने का निर्णय गलत था मुख्यमंत्री ने इस पर भी टिप्पणी की कि डिप्टी सीएम को बिलावर क्षेत्र में जाने से रोक दिया गया था। उन्होंने कहा, डिप्टी सीएम भी वहां जाना चाहते थे लेकिन उन्हें मना कर दिया गया। उन्होंने मुझे फोन किया और मैंने उन्हें जाने से मना किया। उमर अब्दुल्ला ने यह भी सवाल उठाया कि फिर विपक्षी नेता सुनील शर्मा को वहां जाने की अनुमति क्यों दी गई।

उमर ने गुलमर्ग फैशन शो की जांच का आदेश दिया: अर्धनग्न मॉडल्स ने रैंप वॉक किया था; धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
Kharchaa Pani, टीम नेटानागरी
राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में गुलमर्ग में आयोजित एक फैशन शो की जांच का आदेश दिया है, जिसमें अर्धनग्न मॉडल्स ने रैंप वॉक किया था। इस शो के बाद धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप लग रहे हैं, जिससे राजनीति में हलचल मच गई है।
फैशन शो की पृष्ठभूमि
गुलमर्ग का यह फैशन शो हाल ही में आयोजित किया गया था, जिसमें कई मॉडल्स ने अर्धनग्न अवस्था में रैंप पर चलकर दर्शकों का ध्यान खींचा। आयोजकों का कहना है कि उनका उद्देश्य फैशन और कला को प्रमोट करना था, लेकिन यह मामला जल्द ही एक विवाद में बदल गया।
धार्मिक भावनाओं को ठेस
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से वायरल हुए इस वीडियो ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। इसके बाद से विभिन्न धार्मिक संगठनों ने इस शो को लेकर कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि इस प्रकार के आयोजनों से समाज में असहिष्णुता बढ़ती है।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आयोजकों को जांच के लिए नोटिस देने का फैसला किया है। उनका कहना है कि “किसी भी प्रकार का कार्यक्रम जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
आरोपों की जांच
जांच में यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि क्या शो के आयोजकों ने किसी नियम का उल्लंघन किया है या फिर यह केवल एक फैशन शो की सामान्य प्रक्रिया थी। ऐसे मामलों की जांच को लेकर सरकार की कार्रवाई दर्शाती है कि वे समाज में सांस्कृतिक संवेदनशीलता के प्रति सचेत हैं।
निष्कर्ष
इस फैशन शो के विवाद ने एक बार फिर से यह सिद्ध कर दिया है कि कला और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति की सीमाएं क्या होनी चाहिए। जांच के परिणाम के बाद ही इस मामले पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसके माध्यम से यह भी दर्शाया जा सकता है कि समाज में एक दूसरे के प्रति सम्मान होना जरूरी है।
आयोजिकों की अगली बैठक में इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया जाएगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का क्या असर पड़ेगा और क्या इसे आम सहमति के साथ सुलझाया जा सकेगा।
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