शिमला पुलिस ने दिल्ली से पकड़े दो नशा तस्कर:हरियाणा के सगे भाई चिट्टा करते थे सप्लाई, उत्तर भारत में फैला नेटवर्क
शिमला पुलिस ने कोलकाता के चिट्टा किंगपिन संदीप शाह के गैंग से जुड़े दो और तस्करों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी हरियाणा के जींद जिले के रहने वाले है और रिश्ते में सगे भाई हैं। यह दोनों भाई शाह गैंग के लिए सप्लाई करते थे। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों की पहचान 20 वर्षीय आशीष उर्फ गांधी और 22 वर्षीय अजय उर्फ मनीष के रूप में हुई है। दोनों बीरबल नगर, निरवाना के वार्ड नंबर 4 के निवासी हैं। पुलिस ने आरोपियों को उनके ऑनलाइन लेनदेन के आधार पर ट्रेस किया। दोनों तस्कर शिमला समेत हिमाचल प्रदेश के अन्य जिलों में चिट्टे की सप्लाई करते थे। मिशन क्लीन अभियान के तहत शिमला पुलिस ने अब तक शाह गैंग से जुड़े 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की रडार पर अभी भी 200 से ज्यादा संदिग्ध तस्कर हैं। इनकी धरपकड़ के लिए विशेष टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। गैंग का मुखिया संदीप शाह पहले ही पुलिस की गिरफ्त में है। शाह का नेटवर्क शिमला के अलावा पूरे उत्तर भारत में फैला हुआ था। पुलिस ने इस गैंग के सदस्य कई सरकारी कर्मी समेत महिलाएं तस्कर बी पकड़ चुकी है।पुलिस की जांच मामले में जारी है।

शिमला पुलिस ने दिल्ली से पकड़े दो नशा तस्कर: हरियाणा के सगे भाई चिट्टा करते थे सप्लाई, उत्तर भारत में फैला नेटवर्क
खर्चा पानी
लेखिका: सिया वर्मा, टीम नेतानागरी
परिचय
शिमला पुलिस ने एक प्रमुख कार्रवाई करते हुए दिल्ली से दो नशा तस्करों को पकड़ा है। यह तस्कर हरियाणा के सगे भाई हैं, जो "चिट्टा" (नशीली पदार्थ) की आपूर्ति करते थे। उनकी आपराधिक गतिविधियों का नेटवर्क उत्तर भारत में फैला हुआ था, जिससे पूरे क्षेत्र में नशे की समस्या और बढ़ गई थी। इस खबर ने न केवल पुलिस विभाग बल्कि सामाजिक संगठनों और आम जनता के बीच भी चर्चाएँ पैदा कर दी हैं।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह तस्कर दिल्ली के एक छिपे हुए ठिकाने से चिट्टे की बड़ी मात्रा के साथ पकड़े गए। पुलिस ने उन्हें गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया, जिसके तहत उनकी गतिविधियों की निगरानी की जा रही थी। पकड़े गए भाईयों के पास से लगभग 2 किलोग्राम चिट्टा बरामद हुआ है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है।
नशा तस्करी का नेटवर्क
जानकारी के मुताबिक, ये भाई हरियाणा के रहने वाले हैं और उनका नशा सप्लाई नेटवर्क पंजाब, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड तक फैला हुआ है। वे चिट्टा अन्य राज्यों में भेजने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसमें निजी वाहनों का इस्तेमाल शामिल था। पुलिस के मुताबिक, इन भाईयों के साथ अन्य तस्करों की भी एक बड़ी टीम है जो इस अवैध कारोबार में शामिल है।
समाज पर प्रभाव
नशा तस्करी का यह मामला केवल कानून की समस्या नहीं है, बल्कि यह समाज में भी गंभीर समस्याओं का कारण बन रहा है। युवा पीढ़ी को नशे की लत में धकेलने वाले इस धंधे के खिलाफ सामाजिक जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। शिमला पुलिस ने इस कार्रवाई को समाज के प्रति एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा है।
आगे की रणनीति
पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए अन्य संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी है। शिमला पुलिस का कहना है कि वे नशीले पदार्थों की सप्लाई चेन को समाप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। इसके अलावा, उन्होंने लोगों को इस अवैध धंधे के खिलाफ जागरूक करने के लिए कई अभियान चलाने की योजना बनाई है।
निष्कर्ष
शिमला पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल नशा तस्करों को पकड़ने में मदद की है, बल्कि समाजिक जागरूकता को भी बढ़ाने की अपेक्षा जगाई है। हम सभी को इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि युवा पीढ़ी को इस नशे की लत से बचाया जा सके। आगे भी ऐसी गतिविधियाँ जारी रहनी चाहिए ताकि इस नेटवर्क को समाप्त किया जा सके।
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