ब्रिटेन में भारतवंशी महिला को नस्लीय गाली दी:ट्रेन में अप्रवासी शब्द सुनते ही भड़का शराबी, कहा- भारत पर हमने राज किया
ब्रिटेन में लंदन से मैनचेस्टर जा रही ट्रेन में नशे में धुत्त शराबी ने एक भारतीय मूल की ब्रिटिश महिला के साथ नस्लीय दुर्व्यवहार किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। मेट्रो न्यूज के मुताबिक रविवार को यह हादसा तब हुआ जब भारतीय मूल की गैब्रिएल फोर्सिथ ट्रेन से घर लौटते वक्त अपने दोस्त से बात कर रही थी। गैब्रिएल ने दोस्त को बताया कि उन्होंने अप्रवासियों की मदद करने वाली चैरिटी के साथ काम किया है। इसे सुनकर शराबी ने चिल्लाना शुरू कर दिया और नस्लीय गाली देने लगा। उसने डींग हांकते हुए बताया कि कैसे इंग्लैंड ने पूरी दुनिया पर कब्जा किया था। शराबी ने कहा कि तुम जो भी दावा कर रही हो वो इसलिए कि तुम इंग्लैंड में हो, अगर तुम इंग्लैंड में नहीं होती तो कोई दावा नहीं कर रही होती। अंग्रेजों ने दुनिया पर जीत हासिल की थी। हमने भारत पर भी जीत हासिल की थी लेकिन हम इसे रखना नहीं चाहते थे। इसलिए हमने इसे तुम्हें लौटा दिया। पुलिस से की शिकायत गैब्रिएल ने वीडियो को X पर पोस्ट करते हुए लिखा- उसने जैसे ही आप्रवासी शब्द सुना वह भड़क गया। उसके हाव भाव काफी आक्रामक थे। वह घटना बहुत ही परेशान करने वाली थी। वह पागलपन की हालत में था। मैंने सुरक्षा के लिए वीडियो बनाया। एक अन्य ट्वीट में गैब्रिएल ने लिखा कि 'भारतीय और एक अप्रवासी की बेटी होना, अपने इतिहास और विरासत से जुड़े रहना एक आशीर्वाद है। मैं शुक्रगुजार हूं कि मैं इस काबिल हूं कि अपने और अश्वेत लोगों के लिए खड़ी हो सकती हूं।' इस घटना की शिकायत ब्रिटिश ट्रांसपोर्ट पुलिस से की गई है। पूर्व ब्रिटिश PM ने भी सहा था रंगभेद ब्रिटेन में भारतीय समुदाय लंबे वक्त से नस्लीय और धार्मिक भेदभाव का समाना कर रहा है। 2023 में लंदन स्थित हेनरी जैक्सन सोसाइटी ने इसे लेकर सर्वे किया था। सर्वे में शामिल 51% हिंदू पेरेंट्स का कहना था कि उनके बच्चे को स्कूल में हिंदू विरोधी नफरत का सामना करना पड़ा है। ब्रिटेन के पूर्व भारतवंशी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी बताया था कि उन्हें बचपन में रंगभेद का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा था मुझे तब और बुरा लगता था, जब छोटे भाई-बहनों के सामने इस तरह का बर्ताव होता था। 2 साल पहले मॉन्टफोर्ट यूनिवर्सिटी से M Tech कर रहे 150 भारतीय छात्रों को एक पेपर में फेल कर दिया गया था। कोर्स में शामिल 200 में से पास होने वाले सभी 50 छात्र श्वेत थे। तब भी भारतीयों के साथ भेदभाव का आरोप लगा था। मेगन मर्केल ने भी लगाए थे रंगभेद के आरोप किंग चार्ल्स के छोटे बेटे प्रिंस हैरी की पत्नी मेगन मर्केल ने भी आरोप लगाया था कि पैलेस में उन पर नस्लभेदी टिप्पणी की गई थीं। मेगन ने कहा था कि जब वो प्रेगनेंट थीं तो पैलेस में काम करने वाले एक सदस्य ने उनके बच्चे के रंग को लेकर सवाल किए थे

ब्रिटेन में भारतवंशी महिला को नस्लीय गाली दी: ट्रेन में अप्रवासी शब्द सुनते ही भड़का शराबी, कहा- भारत पर हमने राज किया
Kharchaa Pani
लेखक: प्रिया शर्मा, नीतू वाघेला, टीम नेटानगर
परिचय
ब्रिटेन में हाल ही में एक भारतवंशी महिला के साथ एक नस्लीय घटना हुई है जिसने समाज को हिला दिया है। एक शराबी व्यक्ति ने जब ट्रेन में 'अप्रवासी' शब्द सुना, तो वह भड़क उठा और नस्लीय गालियाँ देना शुरू कर दिया। इस घटना ने न केवल उस महिला को बल्कि सभी अप्रवासियों को चुनौती दी है।
घटनाक्रम
यह घटना लंदन के एक रेलवे स्टेशन पर घटी। जब एक भारतवंशी महिला ने एक बात-चीत में 'अप्रवासी' शब्द का उपयोग किया, तो एक शराबी व्यक्ति ने दखल दिया और गालियाँ देना शुरू कर दिया। इस व्यक्ति ने कहा कि 'भारत पर हमने राज किया', जिससे यह स्पष्ट होता है कि उसकी सोच कितनी संकुचित है।
महिला की प्रतिक्रिया
महिला ने इस घटना को सोशल मीडिया पर साझा किया, जिससे कई लोगों ने समर्थन जताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की मानसिकता केवल एक व्यक्ति की नहीं है, बल्कि यह एक बड़ी समस्या है जो समाज में व्याप्त है। इस घटना की निंदा करते हुए कई भारतीय समुदायों ने एकजुटता दिखाई और कहा कि हमें इस तरह के नस्लीय भेदभाव का सामना करने के लिए मजबूती से खड़ा होना होगा।
समाज की भूमिका
इस घटना ने यह दर्शाया है कि समाज में नस्लीय भेदभाव अभी भी सक्रिय है। ऐसे समय में जब हम विविधता का जश्न मना रहे हैं, यह अति आवश्यक है कि हम इस तरह के भेदभाव का सामना करें। कई संगठनों ने इस घटना के खिलाफ आवाज उठाई है और सरकार से इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने की अपील की है।
नसबंदी, शिक्षा और जागरूकता
नस्लीय भेदभाव पर नियंत्रण पाने के लिए शिक्षा और जागरूकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। लोगों को सही जानकारी देना और उन्हें इस विषय में शिक्षित करना जरूरी है। कई शैक्षिक एवं सामाजिक संगठनों ने इस दिशा में पहल की है, ताकि समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।
निष्कर्ष
इस घटना ने एक बार फिर इसे स्पष्ट कर दिया है कि नफरत और भेदभाव का कोई स्थान नहीं है। हमें एकजुट होकर इस विषय पर चर्चा करनी होगी और नस्लीय भेदभाव को समाप्त करने के लिए प्रयास करना होगा। जब हम आपस में मिलकर खड़े होते हैं, तभी हम समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
हमेशा याद रखें, हर व्यक्ति का सम्मान होना चाहिए, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से क्यों न हो। आइए हम सभी मिलकर एक तटस्थ और सौहार्दपूर्ण समाज की ओर बढ़ें।
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