बलूच आर्मी का दावा- सभी 214 बंधकों को मार डाला:कहा- जंग अभी जारी; पाकिस्तानी सेना ने ट्रेन हाईजैक खत्म होने का दावा किया था
पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक करने वाली बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने दावा किया है कि उसने सभी 214 बंधकों को मार डाला है। आज BLA ने एक बयान में कहा कि हमने पाकिस्तानी सेना को बंधकों की अदला-बदली करने के लिए 48 घंटे का समय दिया था। लेकिन पाकिस्तान की जिद के चलते इतने लोगों की जान गई। BLA ने कहा कि यह युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ, बल्कि और तेज हो गया है। अपनी आजादी के लिए लड़ रहे बलूच लड़ाके लगातार हमले कर रहे हैं। पाकिस्तानी सेना अपने सैनिकों के शव नहीं निकाल पा रही है। BLA ने कहा कि ऑपरेशन दर्रा-ए-बोलान पूरा होने के बाद हम इसकी डिटेल जानकारी देंगे। BLA ने 12 मार्च को जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक किया था। इसके अगले ही दिन यानी 13 मार्च को पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि ट्रेन हाईजैक संकट खत्म हो गया है। उन्होंने कहा था कि हमने 33 बलूच लड़ाकों को मार गिराया है। इस ऑपरेशन में कुछ बंधक भी मारे गए हैं। बलूच आर्मी बोली- हमारे लड़ाकों को मारा नहीं गया, उन्होंने खुद शहादत चुनी BLA ने कहा कि हमारे लड़ाकों ने खुद शहादत चुनी, लेकिन अब पाकिस्तानी सेना हमारे फिदायीन लड़ाकों के शवों को अपनी सफलता के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रही है। जबकि हमारे लड़ाकों का असली मिशन आखिरी दम तक लड़ना था, वापस लौटना नहीं। बलूच सेना ने कहा कि हमने हमेशा युद्ध और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक काम किया है, लेकिन पाकिस्तानी सरकार ने अपने सैनिकों को बचाने के बजाय उन्हें युद्ध के ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया है। पाकिस्तानी सेना अपनी सभी सैन्य और खुफिया क्षमताओं के बावजूद बंधकों को छुड़ाने में विफल रही। पाकिस्तान बोला- ट्रेन हाईजैक में भारत का हाथ, भारत ने आरोप खारिज किए पाकिस्तान ने इस ट्रेन हाईजैक में भारत का हाथ होने के आरोप लगाया था। पाकिस्तान के आरोपों को भारत ने खारिज कर दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि दुनिया जानती है कि आतंकवाद का केंद्र कहां है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- हम पाकिस्तान के किसी भी आरोप का खंडन करते हैं। पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ग्लोबल टेररिज्म का केंद्र है। पाकिस्तान अपनी अंदरूनी समस्याओं और नाकामियों के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराता रहता है। इससे बेहतर होगा कि वह खुद को देखे। इससे पहले पाकिस्तानी फॉरेन ऑफिस ने ये दावा भी किया था कि बलूच लड़ाके हाईजैक के दौरान अफगानिस्तान में मौजूद अपने सरगनाओं के संपर्क में थे, उन्हें वहां से ऑर्डर मिल रहे थे। हालांकि, अफगान सरकार ने इस दावे को नकार दिया है। बलूचिस्तान के बोलान जिले में हुआ हमला जाफर एक्सप्रेस 11 मार्च की सुबह 9 बजे क्वेटा से पेशावर के लिए चली थी। इसके सिबि पहुंचने का टाइम 1.30 बजे था। इससे पहले ही दोपहर करीब 1 बजे बलूचिस्तान के बोलान जिले के माशकाफ इलाके में बलूच लिबरेशन आर्मी ने गुडालार और पीरू कुनरी के बीच इस हमले को अंजाम दिया। यह पहाड़ी इलाका है, जहां 17 सुरंगें हैं, इसके चलते ट्रेन को धीमी स्पीड पर चलाना पड़ता है। इसका फायदा उठाकर BLA ने ट्रेन पर हमला किया। सबसे पहले बलूच आर्मी ने माशकाफ में टनल नंबर-8 में रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया। इससे जाफर एक्सप्रेस डिरेल हो गई। इसके बाद BLA ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में ट्रेन का ड्राइवर भी घायल हुआ। इस ट्रेन में सुरक्षाबल, पुलिस और ISI के एजेंट्स सफर कर रहे थे। सभी पंजाब जा रहे थे। इन्होंने BLA के हमले का जवाब दिया, लेकिन BLA ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया। इस दौरान कई सुरक्षाकर्मी मारे गए। घटना की जानकारी मिलने पर पाकिस्तान आर्मी ने BLA पर जमीनी फायरिंग की और हवा से बम भी बरसाए, लेकिन BLA लड़ाकों ने किसी तरह आर्मी के जमीनी ऑपरेशन को रोक दिया। पिछले साल 25 और 26 अगस्त 2024 की आधी रात BLA ने इस ट्रेन के रूट में कोलपुर और माच के बीच एक ब्रिज को उड़ा दिया था। इसके चलते ट्रेन की सर्विस रोक दी गई थी। 11 अक्टूबर 2024 से ट्रेन सर्विस फिर से शुरू हो गई थी। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है बलूचिस्तान में कई लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वे एक आजाद देश के तौर पर रहना चाहते थे, लेकिन बिना उनकी मर्जी से उन्हें पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया था। इस वजह से बलूचिस्तान में सेना और लोगों का संघर्ष आज भी जारी है। BLA की प्रमुख मांग पाकिस्तान से अलग होकर बलूचिस्तान देश का गठन करना है। बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वाले कई संगठन हैं। इनमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) सबसे ताकतवर संगठन है। ये संगठन 70 के दशक में अस्तित्व में आया, लेकिन 21वीं सदी में इसका प्रभाव बढ़ा है। BLA बलूचिस्तान को पाकिस्तानी सरकार और चीन से मुक्ति दिलाना चाहता है। उनका मानना है कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर उनका हक है। पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को 2007 में आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया था। ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर सिडनी स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस की तरफ से जारी वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (GTI) रिपोर्ट 2025 में पाकिस्तान को दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित देश बताया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित इलाके हैं। देश भर की कुल आतंकी घटनाओं में से 90% इसी इलाके में हुईं। रिपोर्ट में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को लगातार दूसरे साल पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन बताया गया। 2024 में इस ग्रुप ने 482 हमले किए, जिसकी वजह से 558 मौतें हुई थीं, जो 2023 के मुकाबले 91% ज्यादा हैं।

बलूच आर्मी का दावा- सभी 214 बंधकों को मार डाला: कहा- जंग अभी जारी; पाकिस्तानी सेना ने ट्रेन हाईजैक खत्म होने का दावा किया था
Kharchaa Pani
यह लेख टीम नेटानागरी द्वारा लिखा गया है।
परिचय
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंसा की एक नई लहर ने लोगों को फिर से चिंतित कर दिया है। बलूच सेना ने हाल ही में एक गंभीर दावा किया है कि उन्होंने सभी 214 बंधकों की हत्या कर दी है। इस घटना ने न केवल सुरक्षा बलों को बल्कि आम जनता को भी हैरान कर दिया है। वहीं, पाकिस्तानी सेना ने इसके साथ ही ट्रेनों पर हुए हाईजैकिंग के मामले को समाप्त करने का दावा किया है।
घटनाक्रम का विवरण
सूत्रों के अनुसार, बलूच आर्मी ने अपनी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यह कार्यवाही उनकी रणनीतिक योजना का हिस्सा थी। उनका कहना है कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि उनके मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता। इस घटना ने बंधकों के परिवारों में दहशत फैला दी है। बलूच आर्मी के प्रवक्ता ने एक वीडियोकॉनफ्रेंसिंग के माध्यम से बताया कि बंधकों की जान लेना उनके लिए एक दुखद लेकिन आवश्यक कदम था।
पाकिस्तानी सेना का बयान
वहीं, इस दावे के बाद पाकिस्तानी सेना ने अपने एक बयान में कहा है कि उन्होंने ट्रेन हाईजैकिंग की घटना को नियंत्रित कर लिया है और वर्तमान में स्थिति पूरी तरह से सुरक्षित है। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि बलूच आर्मी का यह दावा न केवल बेबुनियाद है, बल्कि यह सुरक्षा बलों के खिलाफ एक बड़ी साजिश का हिस्सा भी हो सकता है।
लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना पर लोगों की प्रतिक्रिया भी आ रही है। कई मानवाधिकार संगठनों ने बलूच आर्मी के इस दावे की निंदा की है और सरकार से कार्रवाई करने का आग्रह किया है। लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिरकार कब तक इस प्रकार की हिंसा का सामना करना पड़ेगा।
वर्तमान स्थिति और आगे की राह
बलूचिस्तान में स्थिति चिंताजनक है। हाल की घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वहां की राजनीतिक स्थिति सामान्य नहीं है। जहां एक ओर बलूच आर्मी अपने दावे पर अड़ी हुई है, वहीं पाकिस्तानी सेना भी अपनी तैयारियों को मजबूत कर रही है। इस जंग का कोई अंत नजर नहीं आ रहा।
निष्कर्ष
बलूचिस्तान का यह संकट न केवल क्षेत्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। इस संकट के समाधान के लिए दोनों पक्षों को एक संवाद की टेबल पर आना होगा, तभी शांति स्थापित की जा सकेगी। बंधकों के परिवारों की उम्मीदें भी उनसे जुड़ी हुई हैं।
इस प्रकार, बलूचिस्तान में चल रही यह जंग न केवल वहां की सत्ता के लिए, बल्कि मानवता के लिए भी एक बड़ा प्रश्न बन गई है। इसे सुलझाना अब केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि यह मानवीय संवेदनाओं का भी विषय बन चुका है।
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