पाकिस्तान में हाईजैक हुई ट्रेन के पैसेंजर्स ने सुनाई आपबीती:फर्श पर सांस रोककर लेटे रहे; बलूच लड़ाके लोगों को उठा ले जाते, गोली मार देते

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हाईजैक हुई ट्रेन से रेस्क्यू किए गए बंधकों ने हाईजैक के 30 घंटों का हाल बताया। उन्होंने बताया कि कैसे हथियारबंद लड़ाके ट्रेन में घुसे और लोगों को मारना शुरू किया। कैसे लोग ट्रेन के फर्श पर 27 घंटे तक सांस रोककर लेटे रहे। बुरी तरह घायल हुए ट्रेन के ड्राइवर अमजद ने बताया कि लड़ाकों ने ट्रेन के इंजन के पास एक विस्फोटक ब्लास्ट किया, जिससे बोगियां पटरी से उतर गई। जैसे ट्रेन रुकी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के लड़ाकों ने हमला कर दिया। लड़ाके ट्रेन की खिड़कियां तोड़कर ट्रेन में दाखिल हुए। दरअसल, मंगलवार को क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को हथियारबंद बलूच लड़ाकों ने हाईजैक किया था। ट्रेन में 440 पैसेंजर्स थे। पाकिस्तानी सेना के साथ चली मुठभेड़ में 21 नागरिक और चार सुरक्षाबल मारे गए, जबकि सभी 33 लड़कों को मार गिराया गया। बलूच लड़ाकों ने लोगों को चुन-चुन कर मारा ट्रेन से रेस्क्यू किए गए लोगों ने ये भी बताया कि हमलावरों ने लोगों को उनके पैदा होने के इलाके के आधार पर अलग किया। एक पैसेंजर अर्सलान यूसुफ ने बताया कि बलूच लड़ाके कभी-कभी सैनिकों को ले जाते और उन्हें मार डालते। कभी वे किसी खास पैसेंजर को निशाना बनाते। अगर उन्हें किसी से कोई नाराजगी होती तो वे उसे मौके पर ही मार डालते। एक अन्य पैसेंजर महबूब अहमद को कई गोलियां लगीं। उन्होंने बताया कि कैसे कुछ बंधकों ने भागने की कोशिश की। हम दो बार कोशिश की, कुछ लोग भागने में सफल गए, लेकिन लड़ाकों ने ओपन फायर कर दिया, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। एक अन्य बंधकों मुहम्मद तनवीर ने बताया कि उन्हें जिंदा रहने के लिए सिर्फ पानी दिया। लड़ाकों की कैद से रिहा पैसेंजर्स की तस्वीर... चश्मदीद का दावा उसने 50-60 सैनिकों के शव देखे बलूच लड़ाकों की कैद से छूटे एक बंधक का दावा है कि उसने 50-60 पाकिस्तानी सैनिकों के शव देखें हैं। जबकि पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसके कुल 28 सैनिक मारे गए हैं, जिनमें से 27 ऑफ ड्यूटी थे, जबकि एक की मौत ऑपरेशन के दौरान हुई। बलूचिस्तान के बोलान जिले में हुआ हमला जाफर एक्सप्रेस मंगलवार सुबह 9 बजे क्वेटा से पेशावर के लिए चली थी। इसके सिबि पहुंचने का टाइम 1.30 बजे था। इससे पहले ही दोपहर करीब 1 बजे बलूचिस्तान के बोलान जिले के माशकाफ इलाके में बलूच लिबरेशन आर्मी ने गुडालार और पीरू कुनरी के बीच इस हमले को अंजाम दिया। यह पहाड़ी इलाका है, जहां 17 सुरंगें हैं, इसके चलते ट्रेन को धीमी स्पीड पर चलाना पड़ता है। इसका फायदा उठाकर BLA ने ट्रेन पर हमला किया। सबसे पहले बलूच आर्मी ने माशकाफ में टनल नंबर-8 में रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया। इससे जाफर एक्सप्रेस डिरेल हो गई। इसके बाद BLA ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में ट्रेन का ड्राइवर भी घायल हुआ। इस ट्रेन में सुरक्षाबल, पुलिस और ISI के एजेंट्स सफर कर रहे थे। सभी पंजाब जा रहे थे। इन्होंने BLA के हमले का जवाब दिया, लेकिन BLA ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया। इस दौरान कई सुरक्षाकर्मी मारे गए। घटना की जानकारी मिलने पर पाकिस्तान आर्मी ने BLA पर जमीनी फायरिंग की और हवा से बम भी बरसाए, लेकिन BLA लड़ाकों ने किसी तरह आर्मी के जमीनी ऑपरेशन को रोक दिया। पिछले साल 25 और 26 अगस्त 2024 की आधी रात BLA ने इस ट्रेन के रूट में कोलपुर और माच के बीच एक ब्रिज को उड़ा दिया था। इसके चलते ट्रेन की सर्विस रोक दी गई थी। 11 अक्टूबर 2024 से ट्रेन सर्विस फिर से शुरू हो गई थी। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है बलूचिस्तान में कई लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वे एक आजाद देश के तौर पर रहना चाहते थे, लेकिन बिना उनकी मर्जी से उन्हें पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया था। इस वजह से बलूचिस्तान में सेना और लोगों का संघर्ष आज भी जारी है। BLA की प्रमुख मांग पाकिस्तान से अलग होकर बलूचिस्तान देश का गठन करना है। बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वाले कई संगठन हैं। इनमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) सबसे ताकतवर संगठन है। ये संगठन 70 के दशक में अस्तित्व में आया, लेकिन 21वीं सदी में इसका प्रभाव बढ़ा है। BLA बलूचिस्तान को पाकिस्तानी सरकार और चीन से मुक्ति दिलाना चाहता है। उनका मानना है कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर उनका हक है। पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को 2007 में आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया था। ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर सिडनी स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस की तरफ से जारी वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (GTI) रिपोर्ट 2025 में पाकिस्तान को दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित देश बताया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित इलाके हैं। देश भर की कुल आतंकी घटनाओं में से 90% इसी इलाके में हुईं। रिपोर्ट में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को लगातार दूसरे साल पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन बताया गया। 2024 में इस ग्रुप ने 482 हमले किए, जिसकी वजह से 558 मौतें हुई थीं, जो 2023 के मुकाबले 91% ज्यादा हैं।

Mar 14, 2025 - 20:34
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पाकिस्तान में हाईजैक हुई ट्रेन के पैसेंजर्स ने सुनाई आपबीती:फर्श पर सांस रोककर लेटे रहे; बलूच लड़ाके लोगों को उठा ले जाते, गोली मार देते

पाकिस्तान में हाईजैक हुई ट्रेन के पैसेंजर्स ने सुनाई आपबीती:फर्श पर सांस रोककर लेटे रहे; बलूच लड़ाके लोगों को उठा ले जाते, गोली मार देते

Kharchaa Pani

खबर: नेहा शर्मा और सुमिता वर्मा, टीम नेटानागरी

पाकिस्तान में एक ट्रेन हाईजैक की घटना ने देश के भीतर ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खलबली मचा दी है। हाल ही में बलूचिस्तान में हुई इस घटना के दौरान यात्रियों ने रोंगटे खड़े कर देने वाली आपबीती सुनाई। यात्रियों के अनुसार, उन्हें ट्रेन के फर्श पर लेटकर सांस रोककर रहना पड़ा, जब बलूच लड़ाकों ने ट्रेन पर आक्रमण किया।

घटना का विवरण

यह घटना उस समय हुई जब ट्रेन अपने निर्धारित मार्ग पर चल रही थी। अचानक बलूच लड़ाके ट्रेन में घुस आए और यात्रियों को आतंकित करने लगे। एक यात्री ने बताया, “हम फर्श पर लेटे रहे और सांस रोककर इधर-उधर देखते रहे। हमें नहीं पता था कि कब और कौन हमें अगवा कर लेगा।”

यात्रियों का अनुभव

यात्रियों ने कहा कि बलूच लड़ाके उन्हें अगवा करने के लिए घेर रहे थे। “कई बार उन्होंने हमसे पैसे मांगे, और जो लोग विरोध करते थे, उन्हें गोली मार देते थे। यह एक ऐसा डरावना अनुभव था, जिसका सामना किसी को नहीं करना चाहिए,” एक महिला यात्री ने कहा। उनकी माता-पिता इस यात्रा को लेकर चिंतित थे, लेकिन उन्होंने फिर भी सफर करने का निर्णय लिया था। अब वे खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि वे इस खतरनाक घटना से बच गए।

सुरक्षा व्यवस्थित करने का समय

इस घटना ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि वे इस मामले की गहराई से जांच करेंगे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सर्वोत्तम उपाय करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि जबसे बलूचिस्तान में अस्थिरता बढ़ी है, ऐसे हमले होना कोई नई बात नहीं है।

समाज पर प्रभाव

इस घटना ने न केवल यात्रियों को भयभीत किया है, बल्कि समाज में भी आतंक और असुरक्षा की भावना फैला दी है। लोगों ने सरकार से अपील की है कि वे सुरक्षा को मजबूत करें और हमें किसी भी प्रकार के आतंकवादी हमलों से सुरक्षित रखने के लिए स्वीकार्य कदम उठाएं।

निष्कर्ष

यह घटना सिर्फ एक ट्रेन हाईजैक की कहानी नहीं है, बल्कि एक ऐसे समाज की चिंता का संकेत है, जहां असुरक्षा की भावना संभव हो रही है। यात्रियों के अनुभव ने हम सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम अपने देश में सुरक्षित महसूस कर सकते हैं। सरकार को फौरन कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऐसे हादसे भविष्य में न हों।

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