स्वीडन के एजुकेशन सेंटर में गोलीबारी, 10 की मौत:हमले का कारण साफ नहीं, हमलावर सीरियाई मूल के होने का दावा

स्वीडन में व्यस्कों के एक स्कूल में मंगलवार को गोलीबारी में 10 लोगों की मौत हो गई। हमले में एक शख्स गंभीर रूप से जख्मी है। स्थानीय अखबार स्वीडिश हेराल्ड के मुताबिक दोपहर करीब 1 बजे राजधानी स्टॉकहोम से 200 किमी पश्चिम ओरेब्रो शहर के रिसबर्गस्का स्कूल में गोलीबारी हुई। यह घटना तब हुई जब अधिकांश छात्र स्कूल में मौजूद थे। स्वीडिश पुलिस ने कहा- पुलिस ने कहा कि वे मृतकों की पहचान कर रहे हैं। हमलावरों के मकसद का पता कर रहे हैं, फिलहाल उन्हें नहीं लगता कि इस घटना का आतंकवाद से कोई संबंध है। घायलों की संख्या बढ़ भी सकती है। फिलहाल खतरा अभी टला नहीं है इसलिए लोगों को इलाके से दूर रहने की सलाह दी गई है। कई स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में हमलावर सीरियाई मूल का बताया जा रहा है। हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। डेली एक्सप्रेस यूके की रिपोर्ट के मुताबिक इसी साल जनवरी में स्वीडन में 31 जगह विस्फोट हुए थे। इसके अलावा कुरान जलाकर दुनियाभर में सुर्खियां बटोरने वाले सलवान मोमिका की भी हत्या हुई थी। इस हत्या में विदेशी संबंध तलाशे जा रहे हैं। स्टॉहोम में हिंसा के मामले बढ़े, बगदाद से तुलना रिपोर्ट के मुताबिक धमाकों के बाद स्टॉकहोम में दहशत इतनी बढ़ गई है कि इसकी तुलना ‘बगदाद’ से होने लगी है। अब किराए पर घर दिलाने वाले एजेंट जब विज्ञापन देते हैं तो कॉलम में यह विशेष रूप से लिखते हैं कि इस इलाके में कोई बम विस्फोट की घटना नहीं हुई है। स्वीडिश लोगों के लिए बम विस्फोट की घटना इतनी आम हो गई है कि कई बार छोटे विस्फोट की घटनाएं अगले दिन अखबार में भी नहीं आतीं। स्वीडिश रिसर्चर गोरान एडमसन ने बताया कि देश की स्थिति हद से ज्यादा खराब हो चुकी है। स्वीडन जो कि हैप्पीनेस इंडेक्स, हाई स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग, हेल्थ केयर के लिए जाना जाता है अब वहां सड़कों पर हिंसा की घटनाएं आम हो चुकी हैं। स्वीडिश PM ने कहा था- हिंसा पर उनका कोई कंट्रोल नहीं 29 जनवरी को सलवान मोमिका को उनके घर के बाहर ही हत्या हो गई थी। इस हत्या के बाद स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने कहा कि यह हिंसा स्वीडन को विरासत में मिली है। इस पर अब उनका कोई कंट्रोल नहीं रह गया है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्वीडन में दिसंबर 2024 में 40 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 1 करोड़ लोगों की आबादी वाले यूरोपीय देश के लिए यह बहुत बुरा आंकड़ा है। एक्सपर्ट का मानना है कि स्वीडन में हिंसा के पीछे मिडिल ईस्ट और बाल्कन देशों से आए मुस्लिम आप्रवासी हैं। यूरोप में बंदूक से होने वाली मौतों के मामले में अल्बानिया और मोंटेनेग्रो ही स्वीडन से आगे है। स्वीडन में इस्लामी देशों से आए आप्रवासी गिरोहों में शामिल अमेरिका स्थित थिंक टैंक रेयर फाउंडेशन की एमी मेक ने कहा कि बीते कुछ दशक में बड़े पैमाने पर मुस्लिम देशों से लोग स्वीडन गए हैं। जो स्वीडन कभी दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक था, अब दुनिया का सबसे खतरनाक मुल्कों में से एक बन चुका है। क्रिम्नोलॉजिस्ट अर्दवान खोशनूद ने कहा कि स्वीडन के लगभग 90% अपराधी ऐसे हैं जिनका बैकग्राउंड आप्रवासी से संबंध रखता है लेकिन, वे किसी धर्म के आधार पर नहीं बने। उन्होंने कहा कि ये लोग नशीली पदार्थों की तस्करी से जुड़े हैं। यही वजह है कि देश में गैंगवॉर जैसी घटनाएं बढ़ गई हैं। ............................................. स्वीडन से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... स्वीडन में कुरान जलाने वाले सलवान मोमिका की हत्या:हमलावरों ने गोली मारी, हत्या के वक्त टिकटॉक पर लाइव था स्वीडन में मस्जिद के सामने कुरान जलाने वाले प्रदर्शनकारी सलवान मोमिका की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी। BBC के मुताबिक 38 साल के सलवान को स्टॉकहोम के सोडरटेलजे में एक अपार्टमेंट में गोली मार दी गई। हत्या के समय सलवान बालकनी में खड़ा था और टिकटॉक पर लाइव स्ट्रीमिंग कर रहा था। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Feb 5, 2025 - 00:34
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स्वीडन के एजुकेशन सेंटर में गोलीबारी, 10 की मौत:हमले का कारण साफ नहीं, हमलावर सीरियाई मूल के होने का दावा

स्वीडन के एजुकेशन सेंटर में गोलीबारी, 10 की मौत: हमले का कारण साफ नहीं, हमलावर सीरियाई मूल के होने का दावा

Kharchaa Pani

लेखिका: नीतू शर्मा, टीम नीतानागरी

परिचय

स्वीडन के एक एजुकेशन सेंटर में हुई भयानक गोलीबारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इस हमले में 10 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हुए हैं। घटना का कारण अभी स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, हमलावर का सीरियाई मूल का होने का दावा किया गया है। यह हमला स्वीडन की शिक्षा व्यवस्था और सुरक्षा प्रणाली पर बड़े सवाल उठाता है।

घटना का विवरण

जानकारी के अनुसार, यह गोलीबारी स्वीडन के एक प्रमुख एजुकेशन सेंटर में हुई, जहाँ पर विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी थी। हमलावर ने बीच दिन में गोलीबारी की, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमने जब गोली की आवाज सुनी, तो भागने लगे।

हादसे का कारण और संदिग्ध की पहचान

पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक हमले के कारण का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। परंतु समाचार रिपोर्ट्स के अनुसार, हमलावर का सीरियाई मूल का होने का दावा किया गया है। इस विषय पर स्थानीय अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें हमलावर की पहचान मानने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं।

स्वीडन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

इस मामले ने स्वीडन के सुरक्षा तंत्र और नीति को सवालों के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया है। पूर्व में स्वीडन को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण देश माना जाता रहा है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में वहाँ हुई कुछ घटनाओं ने सुरक्षा के प्रति चिंताओं को बढ़ा दिया है।

समाज पर प्रभाव

इस गोलीबारी ने न केवल पीड़ितों के परिवारों को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे समाज में भय और चिंता उत्पन्न कर दी है। विभिन्न समुदायों के नेता और शिक्षाविद् इस हमले की निंदा कर रहे हैं और शांति की अपील की जा रही है।

निष्कर्ष

स्वीडन में हुई यह घटना न केवल सुरक्षा के मुद्दों पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में शांति और सद्भाव को बनाए रखने की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। सरकार और स्थानीय पुलिस को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा ताकि आगे ऐसी घटनाएं न हों। हमले का असली कारण जल्द ही सामने आएगा।

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