सेंसेक्स में 300 अंक से ज्यादा की गिरावट:निफ्टी भी 70 अंक गिरा, ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा बिकवाली

सेंसेक्स आज यानी 20 फरवरी को 300 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 75,640 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में भी 70 अंक की गिरावट है, ये 22,850 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 21 में गिरावट और 9 में तेजी है। निफ्टी के 50 शेयरों में से 29 में गिरावट और 21 में तेजी है। NSE सेक्टोरल इंडेक्स के ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा 1.03% की गिरावट है। विदेशी निवेशकों ने ₹1,881.30 करोड़ के शेयर बेचे कल गिरावट के साथ बंद हुआ था बाजार इससे पहले कल यानी 19 फरवरी को सेंसेक्स 28 अंक की गिरावट के साथ 75,939 के स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी में भी 12 अंक की गिरावट रही, ये 22,932 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं, BSE स्मॉलकैप 1,071 चढ़कर 45,455 के स्तर पर बंद हुआ था। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 17 में गिरावट और 13 में तेजी थी। निफ्टी के 50 शेयरों में से 25 में गिरावट और 25 में तेजी थी। NSE सेक्टोरल इंडेक्स के IT सेक्टर में सबसे ज्यादा 1.30% की गिरावट थी।

Feb 20, 2025 - 09:34
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सेंसेक्स में 300 अंक से ज्यादा की गिरावट:निफ्टी भी 70 अंक गिरा, ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा बिकवाली
सेंसेक्स आज यानी 20 फरवरी को 300 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 75,640 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी

सेंसेक्स में 300 अंक से ज्यादा की गिरावट: निफ्टी भी 70 अंक गिरा, ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा बिकवाली

Kharchaa Pani - लेखिका: सुष्मिता शर्मा, तंसीया वर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

बीते दिन भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ा गिरावट देखने को मिला। सेंसेक्स 300 अंक से ज्यादा गिरकर 60,000 अंक के स्तर से नीचे चला गया, जबकि निफ्टी 70 अंक की गिरावट के साथ 17,800 अंक के नज़दीक बंद हुआ। इस गिरावट का मुख्य कारण ऑटो सेक्टर में तेज बिकवाली मन जा रहा है।

सेंसेक्स और निफ्टी का हाल

सेंसेक्स का कारोबार दिन की शुरुआत से ही सुस्त रहा। सुबह का खुला 60,300 अंक पर हुआ था, जिसके बाद इसमें गिरावट शुरू हुई। दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद अंततः यह 60,120 अंक पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी ने भी इस गिरावट का साथ दिया और 17,854 अंक से गिरकर 17,782 अंक पर बंद हुआ।

ऑटो सेक्टर में बिकवाली की वजहें

ऑटो सेक्टर में बिकवाली की कई वजहें हैं। सबसे प्रमुख कारण है, उच्च चिंताएं जो उपभोक्ता मांग को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के बढ़ते दाम भी उपभोक्ताओं के लिए महंगाई का कारण बन रहे हैं। इन सब के प्रभाव से ऑटो कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट देखी जा रही है।

पार्टीशनिंग और क्षेत्रीय प्रभाव

इस गिरावट से न केवल ऑटो सेक्टर प्रभावित हुआ, बल्कि व्यक्तिगत रूप से कई अन्य क्षेत्रों में भी ठहराव देखा गया है। बैंक, वित्तीय सेवाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर ने भी नरम रुख अपनाया है। बाजार में व्यापारी अधिकतम सावधानी बरत रहे हैं, जिससे नए निवेश में कमी आई है।

विश्लेषकों की राय

विश्लेषक मानते हैं कि निवेशकों को अभी और संभलकर रहना चाहिए। हालांकि, कुछ एनालिस्ट्स यह भी विश्वास जताते हैं कि दीर्घकालिक निवेशक इन अवसरों का लाभ उठा सकते हैं। इसका मुख्य कारण है, बुनियादी आर्थिक संकेतक जो अभी भी मजबूत बने हुए हैं।

निष्कर्ष

वर्तमान समय में भारतीय शेयर बाजार में जो गिरावट आई है, वह कई चिंताओं का परिणाम है। निवेशकों को चाहिए कि वे इस स्थिति में संयम बरतें और बाजार की स्थिरता की प्रतीक्षा करें। समय के साथ, बाजार में सुधार की संभावना हमेशा बनी रहती है।

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