सेंसेक्स 600 अंक गिरकर 74,700 पर कारोबार कर रहा:निफ्टी भी 200 अंक लुढ़का, रियल्टी और सरकारी बैंकों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट
हफ्ते के पहले दिन आज यानी सोमवार (24 फरवरी) सेंसेक्स 600 अंक की गिरावट के साथ 74,700 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में भी 200 अंक की गिरावट है, ये 22,600 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 29 में गिरावट और केवल एक में तेजी है। निफ्टी के 50 शेयरों में से 48 में गिरावट और केवल दो में तेजी है। NSE सेक्टोरल इंडेक्स में सभी में गिरावट है। सबसे ज्यादा रियल्टी सेक्टर में 1.17% और PSU यानी सरकारी बैंकों के इंडेक्स में 1.01% की गिरावट है। ग्लोबल मार्केट में गिरावट पिछले हफ्ते शेयर बाजार में गिरावट रही हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी 21 फरवरी को सेंसेक्स 424 अंक की गिरावट के साथ 75,311 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 117 अंक की गिरावट रही, ये 22,795 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 22 में गिरावट और 8 में तेजी रही। निफ्टी के 50 शेयरों में से 37 में गिरावट और 13 में तेजी रही। NSE सेक्टोरल इंडेक्स के ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा 2.58% की गिरावट रही।

सेंसेक्स 600 अंक गिरकर 74,700 पर कारोबार कर रहा: निफ्टी भी 200 अंक लुढ़का, रियल्टी और सरकारी बैंकों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट
Kharchaa Pani
लेखिका: साक्षी वर्मा, पूनम जैन, टीम नेतानागरी
परिचय
आज, भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है। सेंसेक्स 600 अंक गिरकर 74,700 पर कारोबार कर रहा है। वहीं, निफ्टी में भी 200 अंकों की गिरावट आई है। रियल्टी और सरकारी बैंकों के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली है। इस समाचार में हम देखेंगे कि इसके पीछे के कारण क्या हो सकते हैं और निवेशकों के लिए क्या सुझाव दिए जा सकते हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट के कारण
वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों और वैश्विक बाजारों के उतार-चढ़ाव के चलते भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई है। कई निवेशक अब सतर्क हो गए हैं और उन्होंने अपनी पूंजी को सुरक्षित करने के लिए भागने का निर्णय लिया है। कई बड़े रियल्टी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है, जिनमें प्रमुख नाम जैसे कि डीएलएफ, ओएनजीसी और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं।
रियल्टी और सरकारी बैंकों के शेयरों में गिरावट
विशेषज्ञों का मानना है कि रियल्टी और सरकारी बैंकों के शेयरों में गिरावट का मुख्य कारण बढ़ती ब्याज दरें और अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका है। निवेशक इस स्थिति में अस्थिरता के कारण अपना निवेश कम करने लगे हैं। इसके अलावा, कई कंपनियों की तिमाही बुनियादी प्रदर्शन रिपोर्ट भी निराशाजनक रही है, जिसने इन क्षेत्रों में कड़ी प्रतिक्रिया उत्पन्न की है।
निवेशकों के लिए सुझाव
विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस समय निवेशकों को धैर्यपूर्वक काम करना चाहिए और अपने निवेश के बारे में सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए। हालांकि, बाजार में गिरावट के समय कुछ शेयरों में नई खरीदारी के अवसर भी मिल सकते हैं। सही समय पर निवेश से बेहतर लाभ मिल सकता है।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट ने एक बार फिर निवेशकों को सतर्क कर दिया है। सेंसेक्स के गिरने से यह स्पष्ट है कि अब समय है सोच-समझकर निवेश करने का। रियल्टी और सरकारी बैंकों के शेयरों का प्रदर्शन बाजार के लिए चिंता का विषय है। अंततः, यह महत्वपूर्ण है कि निवेशक अपने निर्णयों में विवेक और धैर्य रखें।
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