कर्ज लेकर पुर्तगाल भेजा, कर्ज से ही डेडबॉडी मंगाई:कुरुक्षेत्र के संटी को लड़की देखने भारत आना था, परिवार से बात करते हार्ट अटैक आया
परिवार ने पहले कर्ज लेकर बेटे को कमाने के लिए पुर्तगाल भेजा और अब दोबारा कर्ज लेकर उसकी डेड बॉडी मंगानी पड़ी। कुरुक्षेत्र के पिहोवा का रहने वाला संटी मेहरा का शव आज घर आएगा। इसके बाद अंतिम संस्कार होगा। वह 8 साल से पुर्तगाल में रह रहा था। 21 जनवरी को परिवार से फोन पर बात करते हुए हार्ट अटैक आने से उसकी मौत हो गई। 4 दिन बाद ही उसे भारत लौटना था। घर में संटी की शादी की बात चल रही थी। उसे भारत आने के बाद लड़की देखने के लिए जाना था। घर में इकलौते कमाने वाले संटी की मौत के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। 8 साल पहले पुर्तगाल गया था संटी पिहोवा के टली फार्म के रहने वाले बंटी ने बताया कि 2016 में उसका छोटा भाई संटी पुर्तगाल गया था। उसे पुर्तगाल की नागरिकता मिल चुकी थी। कुछ समय में उसे रेड पासपोर्ट मिलने वाला था। पुर्तगाल जाने के बाद संटी एक बार भी घर नहीं आया। 24 जनवरी को उसका भारत लौटने का प्लान था। 21 जनवरी को वह परिवार के लोगों के लिए शॉपिंग करने के लिए ऑस्ट्रिया गया था। परिवार से बात करते हुए चीख निकली वहां वह फोन पर अपनी मां सोमा देवी, भाभी हर्षदीप कौर और भतीजी रहमतप्रीत कौर से बात कर रहा था। बात करते-करते अचानक संटी के हाथ और पैर सुन्न हो गए। उसकी चीख निकली और फोन में आवाज आनी बंद हो गई।परिवार के लोगों ने उसके दोस्तों को घटना के बारे में बताया। इसके बाद उन्होंने करीब 23 बार लगातार संटी को कॉल किया, लेकिन किसी ने कॉल नहीं उठाई। उन्होंने मैसेज भी भेजे, लेकिन कोई रिप्लाई नहीं आया। दोस्त कमरे में पहुंचे तो मौत हो चुकी थी परिवार ने संटी के दोस्तों को उसे देखने के लिए भेजा। घटना के 4 से 5 घंटे के बाद जब संटी के दोस्त कमरे पर पहुंचे तो उसकी मौत हो चुकी थी। संटी के हाथ में उसका मोबाइल था। दोस्तों ने इसके बाद घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया। रिपोर्ट में सामने आया कि संटी की मौत हार्ट अटैक से हुई। किसी ने मदद नहीं की, कर्ज लेकर डेडबॉडी मंगाई बंटी ने आगे बताया कि संटी का शव मंगाने के लिए उन्होंने डीसी ऑफिस से लेकर भाजपा के नेताओं तक गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। उन्होंने कर्ज लेकर उसे पुर्तगाल भेजा था। संटी की कमाई से ही परिवार का पालन-पोषण हो रहा था। आखिर में उन्होंने रिश्तेदारों और लोगों से कर्ज लेकर उसकी डेड बॉडी भारत मंगाई। घरवाले संटी की शादी करना चाहते थे। उसके लिए लड़की भी देख ली थी। 24 जनवरी को संटी के भारत लौटने के बाद 21 फरवरी को उन्होंने शादी के लिए लड़की देखने जाना था। मगर, उससे पहले ही उसकी हार्ट अटैक से जान चली गई।

कर्ज लेकर पुर्तगाल भेजा, कर्ज से ही डेडबॉडी मंगाई: कुरुक्षेत्र के संटी को लड़की देखने भारत आना था, परिवार से बात करते हार्ट अटैक आया
Kharchaa Pani
लेखकों की टीम: नेतनागरी, शिल्पा, प्रिया
परिचय
कुरुक्षेत्र के संटी का मामला हाल ही में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक साधारण लड़के की अनोखी प्रेम कहानी ने उसे कर्ज में डाल दिया और अंततः उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। संटी की दिलचस्प कहानी में एक ऐसी यात्रा है जो न केवल उसके जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि समाज के गहरे आर्थिक संकटों को भी दर्शाती है।
हृदय विदारक घटना
संटी ने पिछले साल पुर्तगाल में एक लड़की को देखने के लिए यात्रा का फैसला लिया। उसके परिवार में इस यात्रा के लिए पैसे की कमी थी, इसलिए उसने अपार कर्ज लिया। संटी का सपना था कि वह लड़की से शादी करेगा और उसके साथ एक सुखमय जीवन व्यतीत करेगा। लेकिन यात्रा के दौरान, एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई।
कर्ज का बोझ
पुर्तगाल पहुंचने के बाद, संटी ने परिवार से बातचीत की और उसे हार्ट अटैक आ गया। मौके पर मौजूद लोग उसे तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन नर्सों ने बताया कि संटी की स्थिति गंभीर है। परिवार ने उसे वापस लाने के लिए कर्ज से ही उसके शव को मंगाने का निर्णय लिया। यह घटना मात्र एक व्यक्तिगत tragedy नहीं थी, बल्कि यह समाज की आर्थिक स्थिति को भी दर्शाती है, जहां लोग कर्ज में डूबकर अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करते हैं।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
संटी की कहानी से यह सोचने का विषय बनता है कि कैसे आर्थिक तंगी और कर्ज का बोझ युवा पीढ़ी को प्रभावित कर रहा है। हमें इस मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि अगली पीढ़ी को ऐसे दुखद घटनाओं का सामना ना करना पड़े।
निष्कर्ष
कुरुक्षेत्र के संटी की कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें अपने सपनों को पूरा करने से पहले अपनी आर्थिक स्थिति को समझना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रेम का सफर एक सुखद अनुभव हो और ना कि दुखद घटना का कारण। आगे बढ़ने के लिए हमें चेतना और सहेजना जरूरी है ताकि हम ऐसे दर्दनाक मामलों से बच सकें।
इस प्रकार, यह घटना न केवल संटी के व्यक्तित्व की एक मर्मस्पर्शी कहानी है, बल्कि यह दर्शाती है कि हमें अपने आर्थिक फैसलों में कितना सतर्क रहना चाहिए।
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