वक्फ कानून की सुनवाई पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला लेगा:जम्मू-कश्मीर विधानसभा में NC मेंबर ने कॉपी फाड़ी, मणिपुर में भाजपा नेता का घर जलाया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देनी वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करने की सहमति दे दी है। CJI संजीव खन्ना ने कहा- मैं दोपहर में याचिका की मेंशनिंग लेटर देखूंगा और उस पर निर्णय लूंगा। हम इसे लिस्टेड करेंगे। दरअसल, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कोर्ट से आग्रह किया था कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद और अन्य संगठनों की ओर से दाखिल याचिकाएं बेहद अहम हैं और इन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए। वहीं, आज राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नए वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगा। सुप्रीम कोर्ट में अब तक 6 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं। इधर, जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को नए वक्फ कानून पर हंगामा हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के विधायक विधायक वक्फ कानून की कॉपी वेल में लेकर पहुंचे और उसे फाड़ दिया। स्पीकर ने सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस और सहित अन्य दलों ने एक बैठक कर विधानसभा में वक्फ कानून के खिलाफ रेजोल्यूशन लाने की बात कही थी। केरल के सुन्नी मुस्लिम संगठन जमीयतुल उलेमा, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, AAP विधायक अमानतुल्लाह खान, सिविल राइट्स संगठन एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स और जमीयत उलेमा-ए-हिंद याचिका लगा चुके हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 11 अप्रैल से पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी किया सरकार ने नए कानून को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग नोटिफिकेशन जारी करेगी। यह बिल (अब कानून) 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था। इस पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था- कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे पक्षपात, दुरुपयोग और अतिक्रमण को रोकना है। बिल को राज्यसभा में 128 सदस्यों ने समर्थन दिया था, 95 ने विरोध किया। लोकसभा में यह बिल 2 अप्रैल की आधी रात पारित हुआ था। इस दौरान 288 सांसदों ने समर्थन में और 232 ने विरोध में वोट डाला था। वक्फ संशोधन कानून का गजट नोटिफिकेशन... वक्फ बिल पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का विरोध ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने शनिवार शाम को वक्फ बिल के विरोध में दो पेज का लेटर जारी किया और 11 अप्रैल से पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की। AIMPLB ने कहा कि हम सभी धार्मिक, समुदाय-आधारित और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक संशोधन पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाते। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा- वक्फ संशोधन बिल इस्लामी मूल्यों, धर्म और शरीयत, धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता, सांप्रदायिक सद्भाव और भारतीय संविधान के आधारभूत ढांचे पर गंभीर हमला है। कुछ राजनीतिक दलों का भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे को दिए गए समर्थन ने उनके तथाकथित धर्मनिरपेक्ष मुखौटे को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। वक्फ बिल पर विपक्ष के नेताओं ने क्या कहा? ---------------------------------------------- वक्फ बिल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... बिहार के राज्यपाल बोले- वक्फ संपत्तियां अल्लाह की, इस पर गैर-मुस्लिमों का भी हक बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने लोकसभा और राज्यसभा से पास हुए वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा- वक्फ की संपत्तियां अल्लाह की मानी जाती हैं। इसका इस्तेमाल गरीबों, जरूरतमंदों और जनहित के लिए होना चाहिए। गैर मुस्लिमों का भी वक्फ की संपत्तियों में बराबर का हक है। पूरी खबर पढ़ें... मौलाना मदनी बोले- वक्फ बोर्ड में हिंदुओं को क्यों रख रहे, सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई जमीयत उलमा-ए-हिंद ने वक्फ कानून 2025 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। संगठन ने रविवार को ऑनलाइन याचिका दाखिल की है। अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा- हमने पहले ही कहा था कि अगर यह वक्फ कानून बना तो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। पूरी खबर पढ़ें...

वक्फ कानून की सुनवाई पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला लेगा: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में NC मेंबर ने कॉपी फाड़ी, मणिपुर में भाजपा नेता का घर जलाया
Kharchaa Pani
लेखक: स्नेहा शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा वक्फ कानून की सुनवाई पर ऐतिहासिक फैसला लिया जाने वाला है। यह मामला जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एनसी (नेशनल कॉन्फ्रेंस) के सदस्य द्वारा कॉपी फाड़ने की घटना और मणिपुर में भाजपा नेता के घर को जलाए जाने से जुड़ा है। इसे लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है।
श्रीनगर में एनसी सदस्य की हरकत
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एनसी के एक सदस्य ने उस समय बवाल खड़ा कर दिया जब उन्होंने वक्फ कानून की कॉपी को फाड़ दिया। इस कार्रवाई से विधानसभा में हंगामा मच गया और अन्य सदस्यों ने इसका विरोध किया। मान्यता प्राप्त विधायकों का यह कदम विभिन्न राजनीतिक धाराओं में और अधिक तनाव पैदा कर रहा है।
मणिपुर में भाजपा नेता का घर जलाया गया
वहीं, मणिपुर में भाजपा नेता का घर भी जलाने की घटना से स्थिति और बिगड़ गई है। इस हमले के पीछे भावनात्मक और राजनीतिक कारणों का होना बताया जा रहा है। भाजपा नेताओं ने इसे कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बताया है और इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट का संभावित फैसला
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून पर सुनवाई करना किसी भी पक्ष के लिए न केवल एक कानूनी मामला है, बल्कि यह समाज के विभिन्न वर्गों के लिए भी महत्वपूर्ण है। अदालत का फैसला उन मुस्लिम धार्मिक स्थलों के प्रबंधन के मुद्दे को संबोधित करेगा, जिनका प्रशासन वक्फ बोर्ड द्वारा किया जाता है। इस कानून के एक बार फिर से परिभाषित होने से भूमि विवादों में सुधार हो सकता है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
कानून के सुनवाई का निर्णय केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि समाज पर इसके दूरगामी प्रभाव भी होंगे। जम्मू-कश्मीर और मणिपुर की घटनाओं ने साफ दिखा दिया है कि राजनीतिक अस्थिरता के चलते सांप्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला सभी के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हम देखेंगे कि यह वक्फ कानून पर कितना सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालता है। उम्मीद है कि यह निर्णय न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक व्यापकता में भी सुधार लाएगा।
फिलहाल, सभी की नजरें इस फैसले पर टिकी हैं, जो आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर और मणिपुर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में स्थिरता लाने में मदद कर सकता है।
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