लग्जरी कारों की कीमतों में होने जा रहा है इजाफा, जानें 40% जीएसटी का क्या है असर
नई दिल्ली: जीएसटी में बदलाव के बाद कुछ चीजे सस्ती होंगी तो लग्जरी चीजों की कीमतों में इजाफा देखने को मिल सकता है। जीएसटी के नए स्लैब लागू होने के बाद हुक्का और सिगरेट पीने वालों को इसकी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। दरअसल, सरकार तंबाकू उत्पादों पर लगने वाले टैक्स को लेकर कुछ […]

लग्जरी कारों की कीमतों में होने जा रहा है इजाफा, जानें 40% जीएसटी का क्या है असर
नई दिल्ली: हाल ही में जीएसटी में किए गए बदलावों के बाद, जहाँ कुछ वस्त्रों की कीमतों में कमी आई है, वहीं लग्जरी चीजों की कीमतों में इजाफा देखे जाने की संभावना है। नए जीएसटी स्लैब लागू होने के उपरांत, हुक्का और सिगरेट जैसे उत्पादों के उपभोक्ताओं को अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। सरकार तंबाकू उत्पादों पर लगने वाले अतिरिक्त टैक्स को लेकर गंभीर विचार कर रही है।
हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार जीएसटी दर को 40% करने के अलावा अन्य टैक्स लगाने पर भी विचार कर रही है, ताकि तंबाकू से होने वाली आय में कमी न आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी 2.0 सुधारों की घोषणा की है, जिसके अंतर्गत मुआवजा उपकर (compensation cess) को हटाने की योजना है।
सिन गुड्स और उनके प्रभाव
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अगुवाई में, दरों में बदलाव पर विचार करने वाला मंत्री समूह जीएसटी परिषद की आगामी बैठक से पहले इस विषय को पुनः चर्चा करेगा। सूत्रों के अनुसार, विभिन्न राज्य सरकारें अतिरिक्त तंबाकू टैक्स के बंटवारे को लेकर अपनी मांगें प्रस्तुत कर रही हैं।
आर्थिक टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार सिन गुड्स, जोकि तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पादों को दर्शाते हैं, पर जीएसटी लगाने की योजना बना रही है। एक सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर यह जानकारी दी कि चर्चा के दौरान कई राज्यों ने अतिरिक्त शुल्क में अपनी हिस्सेदारी की मांग की है।
प्रत्यक्ष कर और जीएसटी के प्रभाव
वर्तमान में, तंबाकू और इससे संबंधित उत्पादों, जैसे सिगरेट, सिगार, पान मसाला और हुक्का पर 28% जीएसटी लगाया जाता है। इसके साथ ही, इन पर मुआवजा उपकर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क भी लगाया जाता है। इस प्रकार, कुल मिलाकर लगभग 53% अप्रत्यक्ष कर लगता है। स्वतंत्रता दिवस पर, वित्त अधिकारियों ने जीएसटी को दो स्तरों में बाँटने का प्रस्ताव रखा था।
इस प्रस्ताव में 12% और 28% के स्लैब को समाप्त करके, तंबाकू जैसे सिन गुड्स के लिए 40% की श्रेणी बनाने की बात कही गई थी। यह भी प्रस्तावित किया गया है कि तंबाकू उत्पादों पर लगे टैक्स को पूर्ववत रखना आवश्यक होगा। बिना मुआवजा उपकर के, इसके लिए अतिरिक्त शुल्क लगाना अनिवार्य होगा।
जीएसटी की चार स्तरीय संरचना
ज्ञात हो कि वर्तमान में जीएसटी की चार स्तरों की संरचना है। मौजूदा व्यवस्था अंतर्गत 5%, 12%, 18% और 28% की दर पर जीएसटी लागू होता है। भोजन सामग्री को 0% या 5% टैक्स स्लैब में रखा गया है, जबकि लक्जरी वस्त्र और तंबाकू जैसे सिन गुड्स पर 28% टैक्स लगता है।
28% स्लैब के ऊपर इन हानिकारक और लग्जरी उत्पादों पर विभिन्न दरों से सेस भी लगाया जाता है। यदि सरकार द्वारा सुझाए गए बदलाव लागू होते हैं, तो निश्चित रूप से लग्जरी कारों की कीमतों में इजाफा होगा।
यह महत्वपूर्ण है कि उपभोक्ताओं को यह समझें कि ये बदलाव किस प्रकार से बाजार को प्रभावित करेंगे। जीएसटी परिषद की बैठक के बाद, इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा, जिसके बाद ही सटीक जानकारी प्राप्त होगी।
बातचीत का अन्य पहलू यह भी है कि जो उपभोक्ताएँ लग्जरी चीजों में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें आगामी परिवर्तनों पर नजर रखनी चाहिए। जीएसटी में होने वाले बदलावों से प्रभावित होने वाले उपभोक्ताओं को इसके बारे में जानकारी अवश्य लेनी चाहिए ताकि वे सही निर्णय ले सकें।
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लेख को अंकित किया है: टीम खर्चापानी
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