मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन और जनसुविधाओं पर जोर देने के दिए निर्देश
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तथा वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को आपदा प्रबंधन, कानून व्यवस्था, पुनर्निर्माण कार्यों, पर्यटन एवं जनसुविधाओं से संबंधित व्यापक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता जनता को त्वरित राहत, सुरक्षा एवं सुविधाएं उपलब्ध कराना […]

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन और जनसुविधाओं पर जोर देने के दिए निर्देश
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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन, कानून व्यवस्था और जनसुविधाओं पर सख्त दिशा-निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि सरकार की प्राथमिकता जनता को त्वरित राहत और सुरक्षा प्रदान करना है।
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तथा वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को आपदा प्रबंधन, कानून व्यवस्था, पुनर्निर्माण कार्यों, पर्यटन एवं जनसुविधाओं से संबंधित व्यापक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में कहा कि वर्तमान में प्रदेश में आपदा प्रबंधन की स्थिति और टीकाकरण अभियान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने आवश्यक निर्देश दिए कि बरसात समाप्त होने के बाद तेजी से मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाने चाहिए। प्रशासनिक मशीनरी को सक्रिय रहना होगा ताकि राहत सामग्री एवं खाद्य वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। आपदा प्रभावितों के लिए ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था भी प्राथमिकता से की जाए। फसलों, पेयजल लाइन और सरकारी संपत्तियों को हुए नुकसान का उचित आकलन कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाए।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि कानून व्यवस्था में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न होने पर सख्त कार्रवाई की जाए। बिना अनुमति के आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र जारी करने वालों पर विशेष निगरानी रखी जाए। बाहरी व्यक्तियों और संदिग्ध गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जाए और सीमावर्ती क्षेत्रों में चैकिंग को बढ़ाया जाए।
संरक्षण और विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने होंगे
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए कि आपदा प्रभावितों को त्वरित सहायता राशि प्रदान की जाए और अस्पतालों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए। स्वास्थ्य विभाग की नियमित बैठकें आयोजित की जाएं ताकि डेंगू, मलेरिया और अन्य जल जनित रोगों से बचाव सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि अगले चरण में बरसात के बाद पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। सरकारी निर्माण कार्यों में स्थानीय मजदूरों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था को प्राथमिकता से सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि मानसून के बाद चारधाम यात्रा की प्रक्रिया सुरक्षित एवं सतर्कता के साथ संचालित हो, ताकि श्रद्धालुओं को मौसम की दौरान समस्याओं का सामना न करना पड़े। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि 15 दिनों के अंदर प्रत्येक जनपद की मुख्यमंत्री घोषणाओं और चालू कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
इसके साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री के जन्मदिवस से गांधी जयंती तक सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम की योजना बनाने पर जोर दिया और कहा कि इस दौरान जनसुविधा और स्वच्छता को प्राथमिकता दी जाए।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, डीजीपी दीपम सेठ, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय और कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत शामिल थे।
हमारी जिम्मेदारी है कि हम जनता की सुरक्षा और विकास की दिशा में और अधिक ठोस कदम उठाएं। आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की है कि सरकार सभी आवश्यक कार्यों को तेजी से प्राथमिकता दे रही है।
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संकेत के साथ, हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के इस दिशा-निर्देश का प्रभाव प्रदेश में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
टीम खर्चा पानी - सानिया वर्मा
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