उत्तराखंड सरकार की पैनी नज़र: बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप पर चढ़ाई, मेडिकल स्टोरों से हुई जब्ती

केंद्र सरकार द्वारा बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप को लेकर जारी गाइडलाइन के सख्त अनुपालन हेतु उत्तराखंड सरकार ने कार्रवाई तेज कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों में खाद्य … read more

Oct 9, 2025 - 09:34
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उत्तराखंड सरकार की पैनी नज़र: बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप पर चढ़ाई, मेडिकल स्टोरों से हुई जब्ती

उत्तराखंड सरकार की पैनी नज़र: बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप पर चढ़ाई, मेडिकल स्टोरों से हुई जब्ती

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड सरकार ने बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरपों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, जिसका उद्देश्य बच्चों की सेहत को सुरक्षित रखना है।

केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरपों के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। इस दिशा में कदम उठाते हुए, उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग की टीमों ने औचक निरीक्षण अभियान तेज कर दी है। यह अभियान प्रदेशभर में लागू किया जा रहा है, जिसके तहत देहरादून क्षेत्र में औषधि विभाग ने कई मेडिकल स्टोरों और शिशु रोग अस्पतालों में व्यापक निरीक्षण किए हैं। निरीक्षण के दौरान पेडियाट्रिक कफ सिरप के नमूने जब्त कर लिए गए हैं, जो परीक्षण के लिए राज्य औषधि प्रयोगशाला भेजे गए हैं।

सख्त निरीक्षण अभियान

स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार के आदेशों के तहत, औषधि विभाग की टीम ने देहरादून क्षेत्र के मेडिकल स्टोरों और शिशु रोग अस्पतालों के मेडिकल स्टोरों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें कई मेडिकल स्टोरों में Dextromethorphan Hydrobromide, Chlorpheniramine Maleate एवं Phenylephrine Hydrochloride जैसे अवयवों से युक्त पेडियाट्रिक कफ सिरप्स का भंडारण मिला। इन औषधियों को नियमानुसार जब्त करने की प्रक्रिया अपनाई गई। टीम ने कुल छह पेडियाट्रिक कफ सिरप के नमूने एकत्रित किए हैं, जिन्हें परीक्षण के लिए राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजा जाएगा।

नियमों का सख्त पालन

अपर आयुक्त एफडीए एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि कई मेडिकल स्टोरों पर Coldrif, Respifresh TR, Relife जैसे कफ सिरप उपलब्ध नहीं थे। विभाग ने स्पष्ट किया कि नए नियमों का पालन सुनिश्चित करना मुख्य उद्देश्य है ताकि केवल अनुमोदित, सुरक्षित और चिकित्सकीय रूप से स्वीकृत औषधियां ही उपलब्ध हों। सभी औषधि विक्रेताओं को चेतावनी दी गई है कि बिना अनुमति या प्रतिबंधित औषधियों के पाए जाने पर उनके खिलाफ खाद्य, औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम, 1940 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जनस्वास्थ्य की रक्षा में सरकार की प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार की प्राथमिकता प्रदेशवासियों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण औषधियां उपलब्ध कराने की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि औषधि विक्रेताओं और अस्पतालों में नियमित निरीक्षण और सैंपलिंग प्रक्रिया को और तेज किया जाए।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि औषधि विभाग का यह अभियान जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक कदम है। वे सभी लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे कोई भी संदिग्ध या बिना लेबल औषधि की जानकारी नजदीकी औषधि निरीक्षक या विभागीय हेल्पलाइन को दें, ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।

निरीक्षण टीम का नेतृत्व

इस निरीक्षण अभियान का नेतृत्व उप औषधि नियंत्रक हेमंत सिंह नेगी ने किया है। उनके साथ सहायक औषधि नियंत्रक सुधीर सिंह, औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा, औषधि निरीक्षक श्रीमती निधि रतूड़ी और औषधि निरीक्षक विनोद जगूड़ी के टीम में शामिल थे। यह टीम भविष्य में भी सभी जिलों में मेडिकल स्टोरों की निरंतर निगरानी करेगी, ताकि आमजन तक केवल सुरक्षित और मानक औषधियों की पहुँच हो सके।

यह अभियान वास्तव में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हमें यह याद दिलाता है कि बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए। हमें अनधिकृत और असुरक्षित औषधियों से दूरी बनानी चाहिए।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट kharchaapani.com पर जाएँ।

टीम खर्चा पानी

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