राहुल बोले-केजरीवाल छोटी कार से आए, लेकिन शीशमहल में रहे:मोदी के नाम से कांपते हैं, जब-जब गरीब को जरूरत पड़ी, ये कहीं नहीं दिखे

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार शाम को दिल्ली के पटपड़गंज में रैली में कहा- अरविंद केजरीवाल जब आए थे, उनके पास छोटी सी गाड़ी थी। आपने केजरीवाल के घर की तस्वीर भी देख ली, वे 'शीशमहल' में रहते हैं। उन्होंने कहा कि बाकी पार्टी वाले मोदी से डरें या न डरें, पता नहीं। लेकिन केजरीवाल जरूर कांप जाते हैं। जब दिल्ली में हिंसा हुई तो केजरीवाल कहीं नहीं दिखे। उन्होंने कहा था साफ राजनीति करूंगा और सबसे बड़ा शराब घोटाला कर दिया। देश में विचारधारा की लड़ाई है। एक तरफ BJP-RSS के लोग हैं, जो देश में नफरत और हिंसा फैलाते है। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी और हमारी विचारधारा है। हम लोग नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलते हैं। हमें नफरत, डर और हिंसा वाला हिंदुस्तान नहीं चाहिए। हमें मोहब्बत की दुकान चाहिए। राहुल की स्पीच की बड़ी बातें... सीलमपुर रैली में कहा था- मोदी-केजरीवाल एक जैसे दिल्ली चुनाव में यह राहुल गांधी की दूसरी रैली है। इससे पहले उन्होंने 13 जनवरी को सीलमपुर विधानसभा इलाके में रैली की थी। उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल एक जैसे हैं। दोनों अडाणी के बारे में एक भी शब्द नहीं बोलते हैं। देश में 150 अरबपति लोग हैं, जो भारत को कंट्रोल करते हैं। देश का पूरा फायदा इन अरबपतियों को मिलता है। अडाणी-अंबानी, मोदी की मार्केटिंग करते हैं। कांग्रेस अरबपतियों का देश नहीं चाहती है। पूरी खबर पढ़ें... भाजपा ने केजरीवाल के घर को अय्याशी का शीशमहल बताया था भाजपा ने 26 जनवरी को दिल्ली के CM हाउस का नया वीडियो जारी किया था। इस बंगले में पूर्व CM केजरीवाल रहते थे। भाजपा ने X पर वीडियो शेयर करके लिखा- आइए आपको सैर कराएं महाठग अरविंद केजरीवाल की अय्याशी के शीशमहल की। यूट्यूब पर इस वीडियो को शेयर करने के साथ भाजपा ने घर में मौजूद चीजों का रेट भी बताया था। भाजपा के मुताबिक, केजरीवाल के घर में 4 करोड़ से 5.6 करोड़ के बॉडी सेंसर और रिमोट वाले 80 पर्दे लगे हैं, 64 लाख रुपए के 16 टीवी, 10-12 लाख रुपए की टॉयलेट सीट, 36 लाख रुपए के सजावटी खंभे हैं। पूरी खबर पढ़ें... राहुल गांधी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... राहुल बोले- भाजपा-संघ के साथ इंडियन स्टेट से लड़ रहे कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने 15 जनवरी को कहा था कि भाजपा और RSS ने देश की सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस न सिर्फ भाजपा और RSS, बल्कि इंडियन स्टेट (भारत सरकार) से भी लड़ाई लड़ रही है। राहुल ने यह बयान दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के मौके पर कही थी। पूरी खबर पढ़ें...

Jan 28, 2025 - 20:34
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राहुल बोले-केजरीवाल छोटी कार से आए, लेकिन शीशमहल में रहे:मोदी के नाम से कांपते हैं, जब-जब गरीब को जरूरत पड़ी, ये कहीं नहीं दिखे

राहुल बोले-केजरीवाल छोटी कार से आए, लेकिन शीशमहल में रहे: मोदी के नाम से कांपते हैं, जब-जब गरीब को जरूरत पड़ी, ये कहीं नहीं दिखे

Kharchaa Pani - लेखकों की टीम: नेत्तानगरी, लेखकों के नाम: प्रिया शर्मा, साक्षी वर्मा

परिचय

भारतीय राजनीति में स्थिति हमेशा बदलती रहती है, लेकिन कुछ बयानों की गूंज लंबे समय तक सुनाई देती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केजरीवाल छोटी कार से आए, लेकिन शीशमहल में रहते हैं। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

राहुल गांधी का बयान

राहुल गांधी ने आगामी चुनावी रणनीतियों को लेकर बोलते हुए केजरीवाल के राजनीतिक कदमों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "जब-जब गरीब को जरूरत पड़ी, ये कहीं नहीं दिखे।" उनके इस बयान ने यह स्पष्ट किया कि राहुल का उद्देश्य गरीबों की मदद के मुद्दे को उजागर करना है।

मोदी के नाम से कांपते हैं केजरीवाल

राहुल ने आगे कहा कि जब भी नरेंद्र मोदी का नाम लिया जाता है, केजरीवाल कांपने लगते हैं। यह बयान कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच की प्रगाढ़ता को दर्शाता है। राहुल ने यह भी कहा कि केजरीवाल की लाइफ स्टाइल और राजनीति में निरंतरता के खिलाफ सवाल खड़ा किया।

क्या है इसमें छिपा संदेश?

राहुल गांधी ने अपनी टिप्पणी से यह दिखाया कि राजनीति में जनता का विश्वास बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने गरीबों के सामने आकर खड़ा रहना और उनके मुद्दों को उठाने पर जोर दिया। यह सुझाव देते हुए कि नेता केवल विलासिता में रहने के बजाय जनता की समस्याओं के समाधान में सक्रियता से भाग लें।

राजनीतिक सफर में आगे का रास्ता

यह भारत की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा सकता है। राहुल का यह बयान न केवल केजरीवाल पर कटाक्ष है, बल्कि यह कांग्रेस पार्टी की आगामी रणनीतियों को भी दर्शाता है। आगामी चुनाव में बाकी नेताओं के राजनीतिक दृष्टिकोण का सामना कैसे किया जाएगा, यह देखने लायक होगा।

निष्कर्ष

अंततः, राहुल गांधी के ये शब्द साबित करते हैं कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में केवल बातों की नहीं, बल्कि जनता की आवश्यकताओं की भी प्रासंगिकता है। जब तक नेता अपने कार्यों से जनता का विश्वास जीतने में सफल नहीं होते, तब तक उनके बयानों का कोई मूल्य नहीं।

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