यमुना के प्रदूषण पर केंद्रीय मंत्री पाटिल बोले:मैं 16 साल से पानी पी रहा; जीवित हूं, जहर होता तो आपके बीच नहीं होता
दिल्ली विधानसभा चुनाव में यमुना के प्रदूषण को लेकर मचे घमासान के बाद अब केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "मैं 16 साल से दिल्ली का पानी पी रहा हूं, मैं तो जीवित हूं। अगर जहर होता तो आपके बीच नहीं होता। यमुना 90 प्रतिशत दिल्ली में कचरे और अन्य कारणों से गंदी हुई है, लेकिन अब दिल्ली में BJP की सरकार आ गई है, जैसे गंगा नदी को साफ को किया है, वैसे ही यमुना को भी साफ किया जाएगा। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने हरियाणा-पंजाब के बीच चल रहे सतलुज यमुना लिंक नहर (SYL) को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा, सतलुज यमुना लिंक नहर मामले में सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार गई थी, पंजाब और हरियाणा के बीच केंद्र सरकार संवाद के जरिए मामले को सुलझाने का काम कर रही है। दोनों राज्यों को साथ बैठाकर संवाद के जरिए इस मामले को सुलझा लेंगे। हरियाणा को 76000 करोड़ रुपए दिए पत्रकारों के सवालों के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, "अभी तक 15 करोड़ घरों में शुद्ध पानी केंद्र सरकार द्वारा दिया गया है। 2028 तक हर घर तक शुद्ध जल पहुंचाने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने रखा है। पाटिल ने बताया कि हरियाणा को केंद्र सरकार की ओर से 76000 करोड़ रुपए का बजट दिया है। किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को बीजेपी की सरकार सम्मान दे रही है। हरियाणा के 13.8 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि योजना का लाभ अब तक मिला है। हरियाणा में कई डार्क जोन चिह्नित किए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री पाटिल ने ने कहा, पानी का संरक्षण करना जरूरी हो गया है। हरियाणा में भी जल संरक्षण पर काम किया जा रहा है। हालांकि हरियाणा में भी भूजल स्तर काफी गिर रहा है। प्रदेश में कई डार्क जोन चिन्हित किए गए हैं, जिस पर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले सालों में इस समस्या से भी सूबे को निजात मिलेगी, और सूबे के जल स्तर में सुधार होगा। केंद्र के बजट की तारीफ की पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री ने 12 लाख तक सलाना आय को कर मुक्त कर दिया है। दस साल में हमारी अर्थव्यवस्था पांचवें नंबर पर आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके है कि भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व में तीसरे नंबर पर लाया जाएगा। बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। जल शक्ति मंत्रालय को इस बार 67 हजार करोड़ बजट में दिया गया है।

यमुना के प्रदूषण पर केंद्रीय मंत्री पाटिल बोले: "मैं 16 साल से पानी पी रहा; जीवित हूं, जहर होता तो आपके बीच नहीं होता"
खर्चा पानी
लेखिका: सिम्मी वर्मा, टीम नेतानागरी
परिचय
हाल ही में, केंद्रीय मंत्री पाटिल ने यमुना के प्रदूषण से संबंधित एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वह पिछले 16 वर्षों से यमुना का पानी पी रहे हैं और यदि यह पानी जहरीला होता, तो वह जीवित नहीं होते। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
बयान का संदर्भ
केंद्रीय मंत्री ने यह बयान तब दिया जब दिल्ली में यमुना नदी के प्रदूषण की समस्याओं पर चर्चा हो रही थी। यमुना, जो हिंदुओं के लिए एक पवित्र नदी मानी जाती है, पिछले कई वर्षों से गंभीर प्रदूषण का सामना कर रही है। मंत्री पाटिल का यह बयान कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि ज्यादातर लोग यमुना के पानी की गुणवत्ता को लेकर चिंतित हैं।
प्रदूषण की समस्या
यमुना में औद्योगिक अपशिष्ट, सीवेज, और प्लास्टिक प्रदूषण काफी बढ़ गया है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) कई बार इस मुद्दे पर सख्त आदेश भी दे चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि यमुना का पानी मनुष्य के लिए स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम पैदा करता है। ऐसे में मंत्री का यह बयान कई सवाल उठाता है।
केंद्रीय मंत्री का उत्तर
मंत्री पाटिल ने अपने बयान का समर्थन करते हुए कहा कि वह हमेशा साफ-सुथरे पानी का उपयोग करते हैं और उनका स्वास्थ्य इस बात का प्रमाण है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यमुना का पानी इतना जहरीला होता, तो वह एक स्वस्थ जीवन जीने में सक्षम नहीं होते। उनका यह बयान लोगों के बीच हालात को सही तरीके से मानने का प्रयास है।
सामाजिक प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर विभिन्न सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने प्रतिक्रिया दी है। बहुत से लोगों ने मंत्री के बयान की निंदा की है और कहा है कि यह एक संवेदनहीनता का प्रतीक है। उनका मानना है कि यमुना के प्रदूषण के खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
केंद्रीय मंत्री पाटिल का यह बयान भारतीय राजनीति में यमुना के प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा को तीव्र कर देगा। यह सवाल उठता है कि क्या हमें इस प्रदूषण को नजरअंदाज करना चाहिए या इसके खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए? यमुना की सफाई के लिए सभी को साथ आकर प्रयास करने की जरूरत है। हमें अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सजग रहना होगा।
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