महाकुंभ में अब तक राजस्थान के 4 श्रद्धालुओं की मौत:भगदड़ में धौलपुर के किसान को भीड़ ने कुचला, बेटे ने मां को खींचकर बचाया
प्रयागराज महाकुंभ में मंगलवार (29 जनवरी) रात हुई भगदड़ में धौलपुर के एक श्रद्धालुओं की मौत हो गई। कौलारी थाना इलाके के निधेरा खुर्द गांव के किसान किशन बलदेव (71) अपने परिवार के 4 लोगों के साथ मौनी अमावस्या पर शाही स्नान करने के लिए प्रयागराज गए हुए थे। स्नान करने के बाद सभी लोग संगम के किनारे बैठे हुए थे। किशन बलदेव के पोते विशंभर सिंह (50) पुत्र लोहरे राम ने बताया कि गांव के सभी लोग 27 जनवरी को मेला स्पेशल ट्रेन से ग्वालियर रेलवे स्टेशन से प्रयागराज गए थे। 28 जनवरी को सुबह 11 बजे प्रयागराज स्टेशन पहुंचने के बाद सभी लोग 12 किलोमीटर पैदल चलकर शाम 4 बजे संगम तट पर पहुंचे। विशंभर सिंह ने बताया कि 28 जनवरी शाम 4 बजे स्नान करने के बाद किशन बलदेव (71) पुत्र गोकुल सिंह, विशंभर सिंह (50) पुत्र लोहरे राम, सोमवती देवी (48) पत्नी विशंभर सिंह, कमलेश कुमारी (50) पत्नी गीताराम और रामवती देवी (65) पत्नी लोहरे राम संगम किनारे 29 जनवरी को होने वाले शाही स्नान का इंतजार करने लगे। इसी दौरान रात करीब 2 बजे अचानक भगदड़ मच गई। एक के बाद एक कई लोग गिरे विशंभर सिंह ने बताया कि जिस समय भगदड़ मची। उस समय दादा किशन बलदेव और उनकी मां रामवती लोगों के पैरों के नीचे आ गए। इस दौरान उन्होंने अपनी मां को खींच लिया, लेकिन कृष्ण बलदेव लोगों के पैरों के नीचे फंस गए। जिनके ऊपर एक के बाद एक कई लोग गिर गए। जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकालकर अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। सरकार से मुआवजे की मांग विशंभर सिंह ने बताया कि उनके दादा की मौत के बाद गुरुवार को प्रयागराज के अस्पताल में पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई हुई। जिसके बाद परिजन शव को लेकर धौलपुर पहुंचे। शुक्रवार सुबह उनका अंतिम संस्कार किया गया है। किसान किशन बलदेव की मौत के बाद उनके परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिवार के लोगों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। बिना नंबर के दिया शव, सरकार बता रही कम मौतें विशंभर सिंह ने बताया कि अस्पताल की मॉर्चुरी में शवों के ढेर लगे हुए थे। किशन बलदेव के पोस्टमॉर्टम के बाद उनके शव को गुरुवार शाम को दिया गया। जिस पर कोई भी नंबर का टैग नहीं था। उन्होंने बताया कि कई शवों पर नंबर लिखे हुए थे। उन्होंने मौत का आंकड़ा सरकारी आंकड़ें से कई गुना ज्यादा होना बताया है। संगम से लौटकर फसल में देना था पानी किशन बलदेव के पुत्र रामलाल ने बताया कि शाही स्नान पर जाने से पूर्व उनके पिता खेतों की देखभाल करने के लिए कह कर गए थे। संगम स्नान से लौटने के बाद उनके पिता को खेतों में फसल में पानी देना था। किशन बलदेव के दोनों बेटे मजदूरी कर चलाते थे घर किशन बलदेव के दो पुत्र रेवती प्रसाद और रामलाल मजदूरी करके अपना घर चलते हैं, जबकि किशन बलदेव डेढ़ बीघा पुश्तैनी जमीन पर खेती करते थे। उनकी पत्नी मीरा की 16 साल पहले डिलीवरी के दौरान मौत हो गई थी। ..... राजस्थान के श्रद्धालुओं की महाकुंभ में मौत की ये खबर भी पढ़िए... महाकुंभ भगदड़ में राजस्थान के 3 श्रद्धालुओं की मौत:जयपुर की दो महिला लापता, ढूंढने निकले परिवार; पाली की गुम हुई प्यारी देवी मिलीं उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मंगलवार रात 1.30 बजे हुई भगदड़ में राजस्थान के तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई। ये मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए पहुंचे थे। भगदड़ में पति-पत्नी एक-दूसरे से बिछड़ गए। पूरी खबर पढ़िए...

महाकुंभ में अब तक राजस्थान के 4 श्रद्धालुओं की मौत: भगदड़ में धौलपुर के किसान को भीड़ ने कुचला, बेटे ने मां को खींचकर बचाया
Kharchaa Pani
लेखकों की टीम: नेतनागरी से आयुषी शर्मा, साक्षी चोपड़ा, और कविता वर्मा
परिचय
महाकुंभ का पर्व एक आध्यात्मिक महोत्सव है, जो भक्तों के लिए एक विशेष अवसर प्रदान करता है। लेकिन इस बार महाकुंभ से जुड़ी एक दुःखद खबर सामने आई है। राजस्थान के धौलपुर जिले से चार श्रद्धालुओं की मौत की खबर ने सभी को हैरान कर दिया। इस भीषण घटना में एक किसान को भीड़ ने कुचल दिया, जिसमें एक बेटे ने अपने मां को बचाने की अद्भुत कहानी भी शामिल है।
घटना का विवरण
महाकुंभ के मेले में धौलपुर निवासी किसान, रघुनाथ, अपनी मां के साथ श्रद्धालुओं में शामिल हुए थे। जैसे ही वे स्नान करने के लिए घाट की ओर बढ़े, अचानक भीड़ में भगदड़ मच गई। रघुनाथ ने देखा कि उसकी मां जमीन पर गिर गई हैं। उन्होंने अपनी मां को खींचकर बचाने की कोशिश की। परंतु इस प्रयास में रघुनाथ खुद भीड़ के पैरों तले आ गए और कुचले गए। ये घटना उनके परिवार के लिए एक बड़ा आघात बन गई।
श्रद्धालुओं की मौत पर प्रतिक्रिया
राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से आईं ऐसी कई घटनाएं हैं, जहां भगदड़ के कारण श्रद्धालुओं की जान गई है। महाकुंभ में अब तक चार श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जो कि प्रशासन की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं। स्थानीय प्रशासन ने इस घटना पर सख्त जांच की बात कही है, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
स्थानिक प्रशासन की स्थिति
महाकुंभ के आयोजकों ने सुरक्षा को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। अधिकारियों का कहना है कि उन्हें हमेशा इस बात की चिंता रहती है कि किसी भी श्रद्धालु को कोई हानि न पहुंचे। इसके लिए चिकित्सा टीमों को सभी स्थलों पर तैनात किया गया है। लेकिन फिर भी, ऐसे हादसों से बचने के लिए लोगों को भीड़ से सख्ती से निपटने के लिए संयमित रहने की जरूरत है।
समाज में शोक
इस दुखद घटना ने पूरे धौलपुर क्षेत्र में शोक का माहौल बना दिया है। ग्रामीणों ने एकता के साथ मृतकों के परिवारों को सहारा देने का निर्णय लिया है। स्थानीय लोग इस बात पर जोर दे रहे हैं कि हमें एकजुट होकर इस कार्यक्रम को और सुरक्षित बनाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो।
निष्कर्ष
महाकुंभ का आयोजन एक धार्मिक अनुष्ठान होते हुए भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखता है। प्रशासन को अपने स्तर पर सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि बिना किसी हादसे के लोग इस पर्व का आनंद ले सकें। रघुनाथ व अन्य मृतकों की आत्मा की शांति के लिए हम प्रार्थना करते हैं।
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