भास्कर वर्ल्ड अपडेट्स:ट्रम्प ने 9500 लोगों को सरकारी नौकरी से निकाला, पैसे की बर्बादी रोकने का हवाला दिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को करीब 9500 लोगों को सरकारी नौकरी से निकाल दिया। ट्रम्प ने इसके पीछे पैसे की बर्बादी रोकने का हवाला दिया। इससे पहले 75 हजार लोगों ने ट्रम्प और मस्क का बायआउट ऑफर (मर्जी से नौकरी छोड़ने पर भुगतान) स्वीकार करते हुए मर्जी से सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। यह 23 लाख सरकारी कर्मचारियों के लगभग 3% के बराबर है। ट्रम्प का कहना है कि केंद्रीय सरकार बहुत ज्यादा कर्ज में डूबी हुई है। हमें बर्बादी और धोखाधड़ी की वजह से बहुत ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ा है। पिछले साल के 1.8 ट्रिलियन डॉलर घाटे के साथ हमारे देश पर लगभग 36 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी आज की अन्य बड़ी खबरें... अमेरिका सेना अब ट्रांसजेंडर्स को भर्ती नहीं करेगी, मौजूदा सैनिकों के जेंडर चेंज में भी मदद नहीं करेगी अमेरिकी सेना ने ऐलान किया है कि अब ट्रांसजेंडर्स को सेना में भर्ती नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही सेना की तरफ से मौजूदा सैनिकों को जेंडर ट्रांजिशन यानी जेंडर बदलने की सर्जरी नहीं की जाएगी, न ही इसके लिए किसी तरह की मदद की जाएगी। यह जानकारी US आर्मी ने एक X पोस्ट में दी है।

Feb 15, 2025 - 12:34
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भास्कर वर्ल्ड अपडेट्स:ट्रम्प ने 9500 लोगों को सरकारी नौकरी से निकाला, पैसे की बर्बादी रोकने का हवाला दिया

भास्कर वर्ल्ड अपडेट्स: ट्रम्प ने 9500 लोगों को सरकारी नौकरी से निकाला, पैसे की बर्बादी रोकने का हवाला दिया

लेखिका: सीमांजलि, टीम नेटानागरी

कम शब्दों में कहें तो, ट्रम्प प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए लगभग 9500 लोगों को सरकारी नौकरी से निकाला है। यह निर्णय पैसे की बर्बादी रोकने के लिए लिया गया है।

ट्रम्प का विवादास्पद निर्णय

ट्रम्प प्रशासन ने हाल ही में एक निर्णय लिया है, जिसमें लगभग 9500 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। यह निर्णय उनके द्वारा की गई समीक्षा के आधार पर लिया गया, जिसमें पाया गया कि ये कर्मचारी अनावश्यक रूप से बजट का बोझ बढ़ा रहे थे। ट्रम्प का कहना है कि यह कदम सरकारी खर्चों में कटौती और संसाधनों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करेगा।

सरकारी नौकरी के दायरे में आ रहा है बदलाव

इस फैसले से सरकारी नौकरी के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों पर चर्चा हो रही है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय सरकार की अर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद कर सकता है। हालांकि, अन्य लोग इसे बेरोजगारी की स्थिति को बढ़ाने वाला मान रहे हैं। जानकारों का मानना है कि ये पद फिर से भरे जा सकते हैं यदि सरकार अन्य क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करती है।

पैसों की बर्बादी रोकने की जरूरत

ट्रम्प ने कहा कि सरकारी खर्चों में कमी लाना अनिवार्य है, खासकर तब जब देश की अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के बाद स्थिरता की आवश्यकता है। उनका सुझाव यह है कि कर्मचारियों की संख्या में कटौती से पैसे की बर्बादी को रोका जा सकता है। हालांकि, सवाल यह है कि क्या यह निर्णय सरकार के दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप है।

सामाजिक और नैतिक प्रश्न

इस कदम से समाज में कई नैतिक प्रश्न उठ रहे हैं। क्या सरकार को राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकालने का अधिकार है? इसके अलावा, एचआर विभाग पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि सरकार इस स्थिति को कैसे संभालती है और क्या यह बदलाव स्थायी होते हैं।

निष्कर्ष

ट्रम्प द्वारा 9500 लोगों की नौकरी से निकाले जाने का फैसला कई सारे विवादों और चर्चाओं को जन्म देता है। खर्चों में कटौती कर देश की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन इसके प्रभावों को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक है कि सरकार अन्य क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाए। ऐसे में आवाम को भी इस परिवर्तन के प्रति जागरूक रहना होगा।

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