रहीम अल-हुसैनी इस्माइली मुसलमानों के नए धार्मिक लीडर होंगे:समुदाय के 50वें इमाम; पिता आगा खान चतुर्थ की वसीयत में उत्तराधिकारी का नाम

रहीम अल-हुसैनी को आगा खान का उत्तराधिकारी घोषित किया गया है। वह दुनिया के करोड़ों इस्माइली मुसलमानों के नए धार्मिक लीडर होंगे। आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क के मुताबिक, प्रिंस रहीम अल-हुसैनी आगा खान (V) को बुधवार को इस्माइली समुदाय का 50वां आध्यात्मिक नेता नामित किया गया। आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क ने X पर लिखा- प्रिंस रहीम अल-हुसैनी आगा खान (V) को बुधवार को शिया इस्माइली मुसलमानों का 50वां वंशानुगत इमाम (धार्मिक लीडर) नामित किया गया है। उनके दिवंगत पिता प्रिंस करीम अल-हुसैनी आगा खान चतुर्थ (IV) की वसीयत को खोलने के बाद प्रिंस रहीम के नाम का ऐलान किया गया। इस्माइली मुसलमानों के धार्मिक और आध्यात्मिक नेता और अरबपति आगा खान का मंगलवार को 88 साल की उम्र में पुर्तगाल में निधन हो गया था। वे शिया इस्माइली मुसलमानों के 49वें वंशानुगत इमाम थे। आगा खान के 3 बेटे और एक बेटी है। आगा खान को उनके अनुयायी पैगंबर मुहम्मद का प्रत्यक्ष वंशज मानते हैं और उन्हें राष्ट्राध्यक्ष के रूप में माना जाता है। इस्माइली मुसलमानों के 1400 साल के इतिहास में हमेशा जीवित वंशानुगत इमाम ने उनका नेतृत्व किया है। इस्माइली 35 से अधिक देशों में रहते हैं और उनकी संख्या लगभग 12 से 15 मिलियन है। कौन हैं इस्माइली मुस्लिम? इस्माइली मुस्लिम शिया इस्लाम का एक मस्लक, यानी उप-संप्रदाय है, इसे खोजा मुसलमान, आगाखानी मुसलमान और निजारी मुसलमान भी कहते हैं। ये अनुयायियों के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा शिया उप-संप्रदाय है। इस्माइली मुस्लिम कुरान की व्याख्या को इमाम के जरिए मानते हैं। इस्माइली मुस्लिम जहां इबादत करते हैं उस जगह को जमातखाना कहते हैं। आगा खान 20 साल की उम्र में आध्यात्मिक नेता बनाए गए आगा खान का असली नाम प्रिंस शाह करीम अल हुसैनी था। उनका जन्म 13 दिसंबर, 1936 को जिनेवा में हुआ था और उन्होंने अपना शुरुआती बचपन केन्या के नैरोबी में बिताया। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से इस्लामी हिस्ट्री में ग्रेजुएशन करने वाले आगा खान 20 साल की उम्र में इस्माइली मुसलमानों के आध्यात्मिक नेता बन गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स में उनकी अनुमानित संपत्ति 800 मिलियन डॉलर से 13 अरब डॉलर तक मानी जाती है। उन्होंने विकासशील देशों में घरों, अस्पतालों और स्कूलों के लिए बड़ा दान दिया। 1957 में दी गई आगा खान की उपाधी 19 अक्टूबर 1957 को तंजानिया के दार-एस-सलाम में उन्हें आधिकारिक रूप से आगा खान चतुर्थ की उपाधि दी गई। आगा खान के अनुयायी उन्हें पैगंबर मुहम्मद का वंशज मानते थे। उनके पास ब्रिटिश, फ्रांसीसी, स्विस और पुर्तगाली नागरिकता थी। उन्हें घोड़े पालने का भी शौक था। हमारे यहां पैसे कमाने को बुराई नहीं माना जाता है। इस्लामी नैतिकता यह है कि अगर खुदा ने आपको समाज में एक खास जगह दी है तो समाज के लिए आपकी नैतिक जिम्मेदारी बढ़ जाती है। मुस्लिम समाज और पश्चिम दुनिया के बीच ब्रिज माना जाता था इस्लामी संस्कृति के समर्थक आगा खान को मुस्लिम समाज और पश्चिम दुनिया के बीच ब्रिज माना जाता था। उन्होंने बांग्लादेश, ताजिकिस्तान और अफगानिस्तान में कई हॉस्पिटल बनवाए। आगा खान ने दो बार शादी की थी। पहली शादी 1969 में पूर्व ब्रिटिश मॉडल सारा क्रोकर पूल से हुई, जिनसे उनकी एक बेटी और दो बेटे थे। 1995 में दोनों का तलाक हो गया। 1998 में उन्होंने जर्मनी में जन्मी गैब्रिएल लीनिंगन से शादी की, जिनसे उनका एक बेटा हुआ। 2014 में दोनों का तलाक हो गया। --------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... ट्रम्प बोले- ईरान मेरी हत्या करे, तो नेस्तनाबूद कर देना:प्रतिबंध लगाने से जुड़े आदेश पर साइन किए, ईरान का तेल निर्यात निशाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को अपने सलाहकारों को निर्देश दिया कि अगर ईरान उनकी हत्या करता है तो उसे पूरी तरह नष्ट कर दिया जाए। ट्रम्प का ये बयान मीडिया से बातचीत के दौरान आया। उस वक्त ट्रम्प ईरान पर दबाव डालने से जुड़े आदेश पर साइन कर रहे थे। यहां पढ़ें पूरी खबर...

Feb 6, 2025 - 02:34
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रहीम अल-हुसैनी इस्माइली मुसलमानों के नए धार्मिक लीडर होंगे:समुदाय के 50वें इमाम; पिता आगा खान चतुर्थ की वसीयत में उत्तराधिकारी का नाम

रहीम अल-हुसैनी इस्माइली मुसलमानों के नए धार्मिक लीडर होंगे: समुदाय के 50वें इमाम; पिता आगा खान चतुर्थ की वसीयत में उत्तराधिकारी का नाम

Kharchaa Pani

लेखिका: स्नेहा शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

इस्माइली मुस्लिम समुदाय में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व समय परिभाषित क्षण आया है, जब रहिम अल-हुसैनी को इस्माइली मुस्लिमों के 50वें इमाम के रूप में चुना गया है। उनके पिता आगा खान चतुर्थ की वसीयत में उन्हें उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया गया। इस खबर ने न केवल इस्माइली समुदाय को, बल्कि पूरे मुस्लिम जगत को भी प्रभावित किया है।

रहीम अल-हुसैनी का परिचय

रहीम अल-हुसैनी, जो पहले एक प्रतिष्ठित बिजनेस लीडर और समाजसेवी के रूप में जाने जाते थे, इस्माइली समाज में अपने विद्वेषु और गुणकारी व्यक्तित्व के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी शिक्षा और कार्य नीति ने उन्हें न केवल धार्मिक नेता बल्कि एक समाजिक प्रोग्रेसिव लीडर की छवि दी है। इस नये पद की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है, जहां उन्हें अपने अनुयायियों के आध्यात्मिक और सामाजिक कल्याण की दिशा में मार्गदर्शन करना होगा।

आगा खान चतुर्थ की वसीयत

आगा खान चतुर्थ, जिनका निधन हाल ही में हुआ, ने अपने अनुयायियों को एक मजबूत वसीयत दी है। इसमें रहिम अल-हुसैनी को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया गया, जो यह दर्शाता है कि आगा खान चतुर्थ ने उन्हें अपनी तीव्रता और क्षमता के कारण चुना। इस वसीयत ने इस्माइली समुदाय में एक नई आशा और विश्वास जगाया है।

समुदाय में प्रतिक्रिया

समुदाय में रहिम अल-हुसैनी को लेकर उत्साह और समर्थन की लहर है। इस्माइली मुसलमानों का मानना है कि वह सामूहिक विश्वास और समानता को बढ़ावा देने में सक्षम होंगे। “हमें उन पर पूरा विश्वास है,” एक समुदाय के सदस्य ने कहा।

निष्कर्ष

रहीम अल-हुसैनी का इमाम बनना न केवल इस्माइली समुदाय के लिए एक नया अध्याय है, बल्कि यह दर्शाता है कि आगे की यात्रा में किस प्रकार का नेतृत्व मिलेगा। उनकी जिम्मेदारियों का बोझ बड़ा है, परंतु उनकी क्षमता और समाज के प्रति प्रतिबद्धता से वह इस चुनौती का सामना करने में सक्षम होंगे। जैसे-जैसे वह अपने भाईचारे का नेतृत्व करेंगे, उनकी समुदाय के प्रति योजनाएँ और सुधारों के माध्यम से इस्माइली मुसलमानों की एक नई पहचान बनेगी।

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