पाकिस्तान में पैसेंजर ट्रेन हाईजैक:बलूच आर्मी का दावा-120 यात्री बंधक, 6 सैनिकों की हत्या, कहा- एक्शन लिया तो बंधक मारे जाएंगे
पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने मंगलवार को पैसेंजर ट्रेन हाईजैक कर लिया। BLA ने दावा किया कि उनकी आर्मी ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक किया और 120 यात्रियों को बंधक बना लिया है। ट्रेन क्वेटा से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद के हवाले से रिपोर्ट दी है। शाहिद ने बताया, 'क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर पेहरो कुनरी और गदलार के बीच भारी गोलीबारी की खबरें हैं। इस दौरान 6 सैनिकों की मौत हो गई है।' ट्रेन में 500 लोग सवार थे शाहिद के मुताबिक, इस ट्रेन में 500 लोग सवार हैं। BLA ने चेतावनी दी है कि अगर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई, तो वे 120 बंधकों की हत्या कर देंगे। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक BLA ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला किया, जिसमें ट्रेन का ड्राइवर घायल हो गया। इस हमले के बाद इलाके के सभी अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। BLA ने बयान जारी किया, कहा- पटरियां उड़ा दीं एक बयान में BLA ने कहा कि हमारे लड़ाकों ने माशकाफ, धादर और बोलान में इस ऑपरेशन को प्लान किया है। रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया गया है, जिसकी वजह से जाफर एक्सप्रेस रुकना पड़ा। इसके बाद हमारे लड़ाकों ने इस ट्रेन पर कब्जा कर लिया और यात्रियों को बंधक बना लिया। बंधकों में पाकिस्तानी सेना, पुलिस, एंटी-टेररिज्म फोर्स (ATF) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एजेंट्स शामिल हैं, जो पंजाब जा रहे थे। अगर किसी तरह का सैन्य हस्तक्षेप हुआ, तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा। हमने महिलाओं, बच्चों और बलूच यात्रियों को छोड़ दिया है और सिर्फ पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के कर्मियों को बंधक बनाया गया है। इस ऑपरेशन का नेतृत्व BLA की फिदायीन यूनिट और मजीद ब्रिगेड कर रही है, जिन्हें फतेह स्क्वाड, STOS और जिराब इंटेलिजेंस विंग का समर्थन प्राप्त है। अगर हमारे खिलाफ कोई मिलिट्री ऑपरेशन करने की कोशिश की गई तो हम सभी बंधकों को मार देंगे। इस कत्ल-ए-आम की जिम्मेदारी पाकिस्तानी सेना की होगी। नवंबर में इसी ट्रेन में ब्लास्ट में 26 लोग मारे गए 14 नवंबर को क्वेटा रेलवे स्टेशन पर ब्लास्ट में 26 लोगों की मौत हुई थी। 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। तब भी हमले की जिम्मेदारी मिलिटेंट ग्रुप बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली थी। इससे पहले 25 और 26 अगस्त 2024 की दरमियानी रात बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने कोलपुर और माच के बीच एक ब्रिज को उड़ा दिया था। जिसके बाद ट्रेन की सर्विस रोक दी गई थी। 11 अक्टूबर 2024 से ट्रेन सर्विस फिर से शुरू हुई। 16 फरवरी 2023 को भी जाफर एक्सप्रेस में ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई थी। ब्लास्ट तब हुआ था, जब ट्रेन चिचावतनी रेलवे स्टेशन को पार कर रही थी। हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली थी। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है बलूचिस्तान में कई लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वे एक आजाद देश के तौर पर रहना चाहते थे। लेकिन बिना उनकी मर्जी से उन्हें पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया था। ऐसा नहीं हुआ इस वजह से बलूचिस्तान में सेना और लोगों का संघर्ष आज भी जारी है। BBC के मुताबिक बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वाले कई संगठन हैं मगर बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) सबसे ताकतवर संगठन है। ये संगठन 70 के दशक में अस्तित्व में आया लेकिन 21वीं सदी में इसका प्रभाव बढ़ा है। BLA बलूचिस्तान को पाकिस्तानी सरकार और चीन से मुक्ति दिलाना चाहता है। उनका मानना है कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर उनका हक है। पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को 2007 में आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया था। ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर सिडनी स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस की तरफ से जारी वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (GTI) रिपोर्ट 2025 में पाकिस्तान को दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित देश बताया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे ज्यादा आंतक प्रभावित इलाके हैं। देश भर की कुल आतंकी घटनाओं में से 90% इसी इलाके में हुईं। रिपोर्ट में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को लगातार दूसरे साल पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन बताया गया। 2024 में इस ग्रुप ने 482 हमले किए, जिसकी वजह से 558 मौतें हुई थीं, जो 2023 के मुकाबले 91% ज्यादा हैं।

पाकिस्तान में पैसेंजर ट्रेन हाईजैक: बलूच आर्मी का दावा-120 यात्री बंधक, 6 सैनिकों की हत्या
Kharchaa Pani
लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेटानागरी
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक पैसेंजर ट्रेन को हाईजैक करने की बेहद चिंताजनक घटना सामने आई है। बलूच आर्मी ने दावा किया है कि उन्होंने ट्रेन में 120 यात्रियों को बंधक बना लिया है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्रवाई में 6 पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या कर दी गई है। इस तरह की खबरें न केवल पाकिस्तान, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं।
जानकारी का संक्षेप
हाईजैक का यह मामला उस समय सामने आया जब ट्रेन बलूचिस्तान के एक दूरदराज के इलाके में जा रही थी। बलूच आर्मी के एक प्रवक्ता ने कहा है कि अगर सरकार ने गंभीर कदम उठाए तो बंधक बनाए गए यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है। इस बंधक स्थिति ने सरकार और सुरक्षा बलों के लिए एक गंभीर चुनौती पेश की है।
घटनाक्रम का विवरण
जानकारी के अनुसार, बलूच आर्मी ने यह कार्रवाई तब की जब ट्रेन अपने निर्धारित मार्ग पर चल रही थी। उन्हें पहले से ही ट्रेन के रूट और समय का पता था। प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो बंधकों की जान को खतरा हो सकता है। यह घटना पाकिस्तान के लिए एक नई सुरक्षा चुनौती प्रस्तुत करती है।
बलूच आर्मी का उद्देश्य
बलूच आर्मी को एक आतंकवादी संगठन माना जाता है, जिसका उद्देश्य बलूचिस्तान को स्वतंत्रता दिलाना है। इनके द्वारा अक्सर ऐसे हमले किए जाते हैं, जो सरकार को परेशान करने और अपने मुद्दों को उठाने के लिए होते हैं। इस बार उन्होंने भले ही बंधकों के रूप में आम नागरिकों को लिया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि उनका पैरवी करने का तरीकाषण वही पुराना है।
सरकार की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान सरकार ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया है। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि सरकार किस प्रकार की रणनीति अपनाएगी। यह एक कठिन परिस्थिति है, क्योंकि बंधकों की सुरक्षा और आतंकवादी संगठनों के दबाव के बीच संतुलन बनाना जरूरी है।
सामाजिक मीडिया पर प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस घटना के बारे में चर्चा तेज हो गई है। लोग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं और बंधकों के सुरक्षित लौटने की दुआ कर रहे हैं। ऐसी घटनाएं न केवल बलूचिस्तान या पाकिस्तान के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए चिंता का विषय बन गई हैं।
निष्कर्ष
इस उच्च संवेदनशील स्थिति में, यह आवश्यक है कि सरकार द्वारा ठोस कार्रवाई की जाए। सभी की आंखें अब इस ओर हैं कि क्या सरकार बंधकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएगी या बलूच आर्मी अपनी मांगों में सफल होगी। यह घटनाएं हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करती हैं और हमें एकजुट होकर सोचने की जरूरत है कि हम इस स्थिति से कैसे निपट सकते हैं।
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