पश्चिम बंगाल CM की चुनाव आयोग में शिकायत:सुवेंदु अधिकारी बोले- ममता ने सभी हदें पार कीं; आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं
पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव आयोग (EC) में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता चुनाव आयोग की छवि खराब करने की कोशिश कर रही हैं। सुवेंदु ने X पर लिखा- आज मैंने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को चिट्ठी लिखकर ममता बनर्जी की चुनाव आयोग की छवि धूमिल करने की कोशिश को उजागर किया। उन्होंने सारी हदें पार कर दी हैं और बिना किसी आधार के आयोग पर आरोप लगाए हैं। दरअसल, ममता ने 27 फरवरी को आरोप लगाया था कि भाजपा ने दिल्ली और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव फर्जी वोटरों के जरिए जीता है। इसमें चुनाव आयोग ने भाजपा की मदद की है। इन आरोपों पर आज सुवेंदु की प्रतिक्रिया आई है। TMC ने वोटर लिस्ट की जांच के लिए पार्टी स्तर पर कमेटी बनाई ममता ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेताओं ने EC के ऑफिस में बैठकर ऑनलाइन फर्जी मतदाता सूची बनाई है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के हर जिले में फर्जी मतदाताओं को जोड़ा है। ज्यादातर वोटर गुजरात और हरियाणा से हैं। मैं बंगाल के लोगों से अपील करती हूं कि वे वोटर लिस्ट की जांच करें। किसी भी दिन NRC और CAA के नाम पर सही वोटर्स के नाम हटाए जा सकते हैं। भाजपा ऐसा करके किसी तरह TMC को हराना चाहती है। ममता ने वोटर लिस्ट की जांच के लिए पार्टी स्तर पर कमेटी भी बनाई है। भारतीयों को जंजीरों में बांधकर लाना शर्मनाक घटना ममता बनर्जी ने अमेरिका से भारतीयों को जंजीरों में जकड़कर वापस भेजने पर केंद्र सरकार का निंदा की। उन्होंने कहा- चुनाव आते ही भाजपा घुसपैठ की बात करती है, लेकिन हमारे नागरिकों को अमेरिका से जंजीरों में जकड़कर वापस भेजा जाता है। यह देश के लिए शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि जब कोलंबिया अपने नागरिकों के लिए विमान भेज सकता है तो भारत ने ऐसा क्यों नहीं किया। ममता बोलीं- बंगाल में 2026 में 215 सीटें जीतने का लक्ष्य ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होंगे। राज्य की 294 विधानसभा सीटों में से पार्टी ने इस बार 215 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। हमारी कोशिश होगी कि लोकसभा की तरी विधानसभा में भी भाजपा को कम से कम सीटों पर रोका जाए। 2021 विधानसभा चुनाव में TMC ने 213 सीटें जीती थीं। वहीं भाजपा को 77 सीटें हासिल हुई थी। -------------------------------------------- ये खबर भी पढ़ें.... ममता बोलीं- महाकुंभ 'मृत्युकुंभ' में बदल गया, कहा- गरीब तरस रहे, VIPs को खास सुविधाएं मिल रहीं प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ' यह महाकुंभ 'मृत्युकुंभ' में बदल गया है। मैं महाकुंभ का और पवित्र गंगा मां का सम्मान करती हूं।' उन्होंने कहा कि महाकुंभ के लिए कोई प्लानिंग नहीं की गई है। भगदड़ में कई लोग मारे गए, लेकिन उनके बारे में कुछ पता नहीं चल रहा है। कई लोग मिले ही नहीं। पूरी खबर पढ़ें....

पश्चिम बंगाल CM की चुनाव आयोग में शिकायत: सुवेंदु अधिकारी बोले- ममता ने सभी हदें पार कीं; आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं
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लेखक: सुरेखा वाघेल, टीम नेटानागरी
परिचय
पश्चिम बंगाल राज्य हमेशा से अपनी राजनीतिक हलचलों के लिए प्रसिद्ध रहा है। हाल ही में, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की है। सुवेंदु अधिकारी, जो मुख्य विपक्षी नेता हैं, ने ममता पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सभी हदें पार कर दी हैं। इस लेख में हम इस विवाद के विभिन्न पहलुओं पर नजर डालेंगे।
मुख्य घटनाक्रम
सुवेंदु अधिकारी ने अपनी हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ममता बनर्जी का व्यवहार किसी मुख्यमंत्री के लायक नहीं है और उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है। उनका यह भी कहना था कि ममता की शिकायत राजनीति का एक साधन बन चुकी है। सुवेंदु ने कहा, "जब से ममता ने सीएम की कुर्सी संभाली है, तब से पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है।"
ममता का आरोप
ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि वह राज्य में तटस्थता बनाए रखने में असफल रहा है। उन्होंने कहा, "राज्य के चुनावों में निष्पक्षता बनाए रखना आयोग की जिम्मेदारी है। मगर, ऐसा नहीं हो रहा है।" इसके जवाब में, अधिकारी ने ममता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह सिर्फ उनके डर का नतीजा है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
राजनीतिक हलकों में इस मुद्दे पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई नेताओं ने दोनों पक्षों के आरोपों को राजनीति का हिस्सा मानते हुए कहा है कि यह विवाद आगामी चुनावों में और भी बढ़ सकता है। वहीं, कुछ अन्य ने चुनाव आयोग को इस विवाद से अलग रखने की अपील की है।
चुनाव आयोग की निष्पक्षता
चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने का अधिकार राजनीतिक दलों को है, लेकिन उन्हें अपने आरोपों के लिए ठोस सबूत भी पेश करने चाहिए। इस मामले में दर्शक और मतदाता दोनों की राय महत्वपूर्ण हैं, जो भविष्य में राजनीतिक निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं।
निष्कर्ष
पश्चिम बंगाल की राजनीतिक परिस्थिति हमेशा से जटिल रही है, और यह नया विवाद केवल एक और परत जोड़ता है। हमें देखना होगा कि इस विवाद का परिणाम क्या होता है और चुनाव आयोग अपनी भूमिका कैसे निभाता है। भारतीय लोकतंत्र में हर किसी को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है, लेकिन यह भी जरूरी है कि यह आवाज तथ्यात्मक और सुसंगत हो।
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