मायावती के ऑफर को आकाश आनंद के पिता ने ठुकराया:नेशनल कोऑर्डिनेटर बनने से इंकार, बसपा सुप्रीमो ने भाई से जिम्मेदारी वापस ली
बसपा में शुरू हुआ पारिवारिक विवाद बढ़ता जा रहा है। मायावती के भतीजे आकाश आनंद से अनबन के बाद भाई आनंद कुमार से भी नहीं बन पाई है। 3 दिन पहले आकाश को नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटाकर उनके पिता आनंद कुमार को जिम्मेदारी सौंपी थी। हालांकि, आकाश के पिता आनंद कुमार ने नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद पर काम करने से इनकार कर दिया। इसके बाद मायावती ने बुधवार सुबह X पर पोस्ट करते हुए कहा- आनंद कुमार ने एक पद पर काम करने की इच्छा जाहिर की। इसलिए, वह पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। जबकि नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद की जिम्मेदारी उनसे वापस ली जा रही है। इसके अलावा, मायावती ने पार्टी में कई बड़े फेरबदल का ऐलान किया है। सहारनपुर के रहने वाले रणधीर बेनीवाल को नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंप दी है। मायावती ने कहा- अब राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और रणधीर बेनीवाल, दोनों पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर के रूप में मेरे निर्देशन में काम करेंगे। इससे पहले, आकाश के ससुर और फिर उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। आकाश आनंद से पहले उत्तराधिकार छीना, फिर पार्टी से निकाला 2 दिन पहले ने मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकाल दिया था। कहा था- आकाश को पश्चाताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी, लेकिन आकाश ने जो प्रतिक्रिया दी, वह राजनीतिक मैच्योरिटी नहीं है। वो अपने ससुर के प्रभाव में स्वार्थी, अहंकारी हो गया है। इससे एक दिन पहले यानी 2 मार्च को बसपा सुप्रीमो ने आकाश को पार्टी के सभी पदों से हटाया था। कहा था- वे उनके उत्तराधिकारी नहीं हैं। मेरे जीते-जी और आखिरी सांस तक पार्टी में मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। मेरे लिए पार्टी और आंदोलन सबसे पहले हैं, परिवार और रिश्ते बाद में आते हैं। जब तक मैं जीवित रहूंगी, तब तक पूरी ईमानदारी से पार्टी को आगे बढ़ाती रहूंगी। आकाश को 15 महीने में 2 बार उत्तराधिकारी घोषित किया गया, लेकिन दोनों ही बार हटा दिया। सबसे पहले 10 दिसंबर, 2023 को उत्तराधिकारी बनाया। 7 मई, 2024 को गलतबयानी की वजह से सभी जिम्मेदारियां छीन ली गईं। 23 जून 2024 को फिर से उत्तराधिकारी बनाया और नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी सौंप दी, लेकिन 2 मार्च 2025 को उनसे फिर सारी जिम्मेदारियां छीन लीं। 3 मार्च को उन्हें पार्टी से ही बाहर कर दिया गया। अशोक सिद्धार्थ- 20 दिन पहले पार्टी से निकाला, गुटबाजी का आरोप 20 दिन पहले 12 फरवरी को मायावती ने भतीजे आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ और उनके करीबी नितिन सिंह को भी पार्टी से बाहर कर दिया। यह एक्शन संगठन में गुटबाजी और अनुशासनहीनता पर लिया था। कहा था- दक्षिणी राज्यों के प्रभारी रहे डॉ अशोक सिद्धार्थ और नितिन सिंह चेतावनी के बाद भी पार्टी में गुटबाजी कर रहे थे। इन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है। --------------------------- ये खबरें भी पढ़ें मायावती ने भतीजे आकाश से उत्तराधिकार छीना, एक साल में दूसरी बार सभी पद से हटाया; बोलीं- जीते-जी किसी को जिम्मेदारी नहीं दूंगी बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद से सभी जिम्मेदारियां छीन ली हैं। एक साल में दूसरी बार आकाश आनंद को उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया है। उन्होंने कहा- जीते-जी किसी को भी अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं करूंगी। यह खबर भी पढ़ें क्या आकाश की पॉपुलैरिटी से डर गईं मायावती, परिवार में दिखने लगी थी पार्टी की गुटबाजी; भतीजे को किनारे करने के 3 बड़े कारण 15 दिन पहले दिए गए अल्टीमेटम के बाद रविवार (2 मार्च) को बसपा सुप्रीमो मायावती ने कड़ी बात कहते हुए भतीजे आकाश आनंद को न सिर्फ अपने उत्तराधिकारी, बल्कि पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया। इससे पहले 12 फरवरी को मायावती ने उनके ससुर एवं दक्षिणी राज्यों के प्रभारी रहे डॉ. अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। उन पर गुटबाजी को बढ़ाने और पार्टी विरोधी गतिविधियों का गंभीर आरोप लगाया था। यहां पढ़ें पूरी खबर खबर अपडेट की जा रही है....

मायावती के ऑफर को आकाश आनंद के पिता ने ठुकराया: नेशनल कोऑर्डिनेटर बनने से इंकार, बसपा सुप्रीमो ने भाई से जिम्मेदारी वापस ली
Kharchaa Pani
लेखिका: सुषमा वर्मा, नेत्री टीम नेटानागरी
परिचय
हाल ही में, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने अपने परम मित्र आकाश आनंद के पिता को राष्ट्रीय समन्वयक बनने का प्रस्ताव दिया। लेकिन इस प्रस्ताव को आकाश आनंद के पिता ने ठुकरा दिया। यह घटना पार्टी के भीतर की राजनीति और परिवार संबंधों का दिलचस्प मुद्दा है जिसे समझना आवश्यक है।
आकाश आनंद के पिता का इंकार
आकाश आनंद के पिता, जो खुद एक अनुभवी नेता हैं, ने इस प्रस्ताव को ठुकराने का निर्णय लिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने अपने निर्णय के पीछे कई कारण गिनाए। उनके अनुसार, वह पार्टी की कार्यशैली और वर्तमान नेतृत्व से संतुष्ट नहीं हैं। उनका मानना है कि पार्टी के भीतर कुछ गंभीर समस्याएँ हैं, जिन्हें सुलझाना बेहद आवश्यक है।
मायावती का प्रतिक्रिया
मायावती ने इस परिस्थिति में उन्हें आलोचना का शिकार नहीं किया। बल्कि, उन्होंने खुद आकाश आनंद के भाई से जिम्मेदारी वापस ले ली, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी में अनुशासन और जिम्मेदारी का महत्व है। वे चाहती हैं कि हर सदस्य अपने कार्यों के प्रति सजग रहे और पार्टी के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझे।
पार्टी की स्थिति और नीतियां
बसपा हमेशा से समाज के पिछड़े और marginalised वर्गों की हितों की रक्षा के लिए स्थायी कार्यक्रमों के लिए जानी जाती है। हालांकि, आकाश आनंद के पिता का यह निर्णय पार्टी की आंतरिक चुनौतियों को दर्शाता है। इस बदलाव से पार्टी की कार्यशैली में क्या बदलाव आएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
निष्कर्ष
आकाश आनंद के पिता का प्रस्ताव ठुकराना और मायावती द्वारा जिम्मेदारी वापस लेना, बसपा की वर्तमान रुख को दर्शाता है। यह पार्टी के भीतर की राजनीति की एक नई कहानी को उजागर करता है। भविष्य में इस घटनाक्रम का प्रभाव क्या होगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। इस प्रकार की घटनाओं से हम समझ सकते हैं कि राजनीतिक दुनिया कितनी जटिल होती है।
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Keywords
Mayaawati, Akash Anand, National Coordinator, BSP, Political Dynamics, Party Leadership, Uttar Pradesh Politics, Responsibility Shift, Indian Politics, Family PoliticsWhat's Your Reaction?






