तीसरी तिमाही में टाटा केमिकल्स को ₹21 करोड़ का लॉस:पिछले साल ₹194 करोड़ प्रॉफिट में थी कंपनी, रेवेन्यू 4% घटकर 3,590 करोड़ रुपए रहा
टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा केमिकल्स लिमिटेड को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 21 करोड़ रुपए का लॉस (कॉन्सोलिडेटेड नेट लॉस) हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी 194 करोड़ रुपए मुनाफे में थी। वहीं, पिछली तिमाही (जुलाई-सितंबर) में कंपनी को 267 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में संचालन से टाटा केमिकल्स ने 3,590 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया। सालाना आधार पर इसमें 3.75% की कमी आई है। पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर में कंपनी ने 3,730 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिलने वाला टैक्स-फ्री पैसा रेवेन्यू होता है। तिमाही आधार पर नेट इनकम 12% कम हुई दूसरी तिमाही (Q2FY25) में कंपनी के पास 3,999 करोड़ रुपए रेवेन्यू के रूप में आया था। अन्य कमाई को मिला दें तो कुल कमाई 4,107 करोड़ रुपए रही थी। तीसरी तिमाही (Q3FY25) में नेट इनकम में 11.91% की कमी आई है। तीसरी तिमाही में टाटा केमिकल्स की कमाई 4% कम हुई सालाना आधार पर तिमाही आधार पर नोट: आंकड़े करोड़ रुपए में हैं। क्या होता है स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड? कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है। टाटा केमिकल्स का शेयर 6 महीने में 10% गिरा तिमाही नतीजों के बाद टाटा केमिकल्स का शेयर आज यानी सोमवार (3 फरवरी) को 1.69% गिरकर 948 के स्तर पर बंद हुआ। बीते एक महीने में कंपनी का शेयर 7.77% , छह महीने में 9.99% और एक साल में 3.19% गिरा है। टाटा ग्रुप की इस कंपनी का मार्केट कैप 24,150 करोड़ रुपए है। कंपनी को 1939 में स्थापित किया गया था टाटा ग्रुप की टाटा केमिकल्स लिमिटेड एक इंडियन मल्टीनेशनल कंपनी है। यह कंपनी केमिकल्स, क्रॉप प्रोटेक्शन और स्पेशियलिटी केमिस्ट्री प्रोडक्ट्स बनाने का काम करती है। इस कंपनी को 1939 में स्थापित किया गया था। कंपनी का हेडक्वार्टर मुंबई में है और इसका ऑपरेशन भारत, यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और अफ्रीका में है। ------------------------ ये खबर भी पढ़ें... तीसरी तिमाही में टाटा स्टील का मुनाफा 43% कम हुआ: रेवेन्यू भी 3% गिरकर ₹53,231 करोड़ रहा; 6 महीने में 22.30% गिरा शेयर टाटा स्टील को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 295 करोड़ रुपए का मुनाफा (कॉसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार पर इसमें 43% की कमी आई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 522.14 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। टाटा स्टील ने सोमवार (27 जनवरी) को अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। इस दौरान कंपनी ने ऑपरेशन से 53,648 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया। सालाना आधार पर इसमें 3% की गिरावट हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में कंपनी ने 55,312 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिलने वाली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहते हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

तीसरी तिमाही में टाटा केमिकल्स को ₹21 करोड़ का लॉस: पिछले साल ₹194 करोड़ प्रॉफिट में थी कंपनी, रेवेन्यू 4% घटकर 3,590 करोड़ रुपए रहा
Kharchaa Pani
लेखिका: राधिका शर्मा, नेता नगरी टीम
परिचय
टाटा केमिकल्स ने हाल ही में अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा की है, जिसमें तीसरी तिमाही में ₹21 करोड़ का लॉस दर्ज किया गया है। पिछले वर्ष इस तिमाही में कंपनी ने ₹194 करोड़ का प्रॉफिट कमाया था। इस लेख में हम विस्तृत रूप से जानेंगे कि यह गिरावट किन कारणों से हुई और कंपनी का रेवेन्यू क्या स्थिति में है।
वित्तीय परिणामों का विश्लेषण
कंपनी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, तीसरी तिमाही में टाटा केमिकल्स का रेवेन्यू 4% घटकर 3,590 करोड़ रुपए रह गया है। पिछले वर्ष की तुलना में यह काफी कम है और यह कंपनी के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति को दर्शाता है। कारणों में प्रमुख हैं: वैश्विक बाजार में मंदी, कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि और प्रतिस्पर्धी दबाव।
गिरते रेवेन्यू के कारण
हाल के महीनों में, टाटा केमिकल्स को विभिन्न उद्योगों में प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा है। कोविड-19 के प्रभावों के चलते मांग में कमी आई है, जिससे कंपनी को कीमतें कम करनी पड़ी हैं। इसके अलावा, कच्चे माल की बढ़ती कीमतें और परिवहन लागत में वृद्धि ने भी कंपनी की मुनाफा कमाई पर नकारात्मक असर डाला है।
भविष्य की योजनाएँ
कंपनी ने कहा है कि वह अपने उत्पादPortfolio को मजबूत करने के लिए नए उपायों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। टाटा केमिकल्स Sustainable Development और नवाचार पर जोर देने वाली नीतियों को आगे बढ़ाने का इरादा रखती है। इस संदर्भ में, कंपनी ने कुछ नए प्रोजेक्ट्स का निर्माण भी किया है, जिससे अगले वित्तीय वर्ष में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
निष्कर्ष
टाटा केमिकल्स की तीसरी तिमाही के परिणाम एक चुनौतीपूर्ण समय को दर्शाते हैं, लेकिन कंपनी के लिए भविष्य की संभावनाएं भी हैं। तेजी से विकसित होती तकनीक और बाजार की मांग के अनुरूप खुद को ढालते हुए, टाटा केमिकल्स अपनी स्थिति को मजबूत कर सकती है। इन सबके बीच, निवेशकों को अब देखना होगा कि अगली तिमाही में कंपनी अपने प्रदर्शन को कैसे सुधारती है।
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