जुकरबर्ग बोले-पाकिस्तान में मुझे मौत की सजा होने वाली थी:ईशनिंदा का आरोप था, फेसबुक यूजर की पोस्ट से छिड़ा था विवाद

फेसबुक के को-फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने एक इंटरव्यू में बताया कि एक बार उन्हें पाकिस्तान में मौत की सजा सुनाए जाने वाली थी। मंगलवार को एक इंटरव्यू में जुकरबर्ग ने कहा कि किसी यूजर ने फेसबुक पर प्रोफेट मोहम्मद की तस्वीर पोस्ट की थी, जिसे लेकर पाकिस्तान में उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया गया था। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि यह घटना किस साल हुई थी। इस मामले में पाकिस्तानी सरकार से अपील की गई थी कि वो जुकरबर्ग को ईशनिंदा के लिए व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार ठहराए। जुकरबर्ग का कहना है कि उनका पाकिस्तान जाने कोई इरादा नहीं था, हालांकि सुरक्षा को लेकर चिंता जरूर थी। यह खुलासा ऐसे वक्त में हुआ है जब मेटा (फेसबुक की पैरेंट कंपनी) और पाकिस्तानी सरकार के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है। पाकिस्तान में फेसबुक पर आरोप है कि वह देश के ईशनिंदा कानूनों का उल्लंघन करने वाली सामग्री की अनुमति दे रहा है। जुकरबर्ग ने बताया कि दुनिया में कई जगहों पर अभिव्यक्ति की आजादी के मूल्य हमारे मूल्यों से काफी अलग हैं। ये देश चाहते हैं कि हम उन चीजों पर कार्रवाई करें और और प्रतिबंध लगाएं जो उनके यहां मान्य नहीं हैं। पाकिस्तान में ईशनिंदा पर मौत की सजा तक का प्रावधान पाकिस्तान में दुनिया का सबसे कड़ा ईशनिंदा कानून है। यहां पर कुरान या पैगम्बर का अपमान करने पर आजीवन कारावास से लेकर मौत की सजा तक हो सकती है। हालांकि मौत की सजा सुनाए जाने के बावजूद देश में किसी को फांसी नहीं मिली है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक 1990 के बाद से अब तक 80 से ज्यादा लोगों को ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने मार डाला है। कई बार ऐसा होता है जब कुरान या पैगम्बर के अपमान करने की अफवाह मात्र से किसी भी जगह पर हजारों लोगों की भीड़ जुट जाती है और आरोपी पर हमला बोल देती है। पाकिस्तान में ईशनिंदा के चर्चित मामले जून 2024ः पाकिस्तान में बीते गुरुवार को गुस्साई भीड़ ने एक व्यक्ति को कुरान के अपमान करने के आरोप में जिंदा जला दिया था। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा के स्वात जिले के मदयान इलाके की है। मारे गए व्यक्ति का नाम मोहम्मद इस्माइल था, जो वहां पर घूमने आया था। मई 2024: पंजाब प्रांत के सरगोधा इलाके में एक भीड़ ने ईसाई शख्स पर कुरान का अपमान करने का आरोप लगाया और उसके घर और फैक्ट्री में आग लगा दी। लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में उस शख्स को बुरी तरह पीटा। कुछ दिन बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई। मई 2023: खैबर पख्तूनख्वा में पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी PTI की एक रैली के दौरान ईशनिंदा के आरोप में एक व्यक्ति की हिंसक भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। उस शख्स का गुनाह ये था कि उसने इमरान की तुलना पैगंबर मोहम्मद से कर दी थी। अप्रैल 2023: खैबर पख्तून इलाके में एक चीनी इंजीनियर को ईशनिंदा कानून के आरोप में हजारों लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से उसकी जान बचाई और उसे गिरफ्तार कर लिया ताकि वो जिंदा बच पाए। बाद में इंजीनियर ने कहा कि वह मजदूरों से सख्ती से पेश आता था। इसलिए उसे जानबूझकर मारने की कोशिश की गई।

Feb 13, 2025 - 15:34
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जुकरबर्ग बोले-पाकिस्तान में मुझे मौत की सजा होने वाली थी:ईशनिंदा का आरोप था, फेसबुक यूजर की पोस्ट से छिड़ा था विवाद
फेसबुक के को-फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने एक इंटरव्यू में बताया कि एक बार उन्हें पाकिस्तान में मौत की

जुकरबर्ग बोले-पाकिस्तान में मुझे मौत की सजा होने वाली थी:ईशनिंदा का आरोप था, फेसबुक यूजर की पोस्ट से छिड़ा था विवाद

Tagline: Kharchaa Pani

लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेतानागरी

भव्य इंटरव्यू के दौरान जुकरबर्ग का जवाब

फेसबुक और इंस्टाग्राम के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने हाल ही में एक बेमिसाल इंटरव्यू में पाकिस्तान में अपने खिलाफ उठे विवाद का जिक्र किया। जुकरबर्ग ने बताया कि उन्हें ईशनिंदा के आरोप में पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना करना पड़ा था। यह विवाद एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से शुरू हुआ, जिसने पूरे देश में हंगामा मचा दिया।

ईशनिंदा के आरोप का कारण

जुकरबर्ग के अनुसार, यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक पाकिस्तानी फेसबुक यूजर ने एक ऐसा पोस्ट डाल दिया, जिसे कुछ समूहों ने ईशनिंदा के तौर पर लिया। पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून बेहद कठोर हैं और इस प्रकार की बातों को देश में बर्दाश्त नहीं किया जाता। जिस पोस्ट से विवाद छिड़ा, उसके बाद जुकरबर्ग का नाम भी विवाद में शामिल हो गया। इसके चलते पाकिस्तान में उनके खिलाफ मौखिक और लिखित जैसे दोनों तरह की धमकियाँ आईं।

सुरक्षा का कड़ा खतरा

मार्क जुकरबर्ग ने यह भी बताया कि उन्हें यह बात सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ कि कैसे एक साधारण सोशल मीडिया पोस्ट उनकी जान को खतरे में डाल सकती है। उनकी पत्नी और बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी उन्हें चिंता थी। उन्होंने यह भी कहा कि यह मुद्दा केवल उनके लिए नहीं बल्कि हर सोशल मीडिया उपयोगकर्ता के लिए एक चेतावनी है।

सोशल मीडिया का प्रभाव

यह मामला न केवल जुकरबर्ग के लिए बल्कि पूरे विश्व में सोशल मीडिया के प्रभाव को दर्शाता है। आजकल हर कोई अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करता है, लेकिन इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि वो सोशल मीडिया का सही उपयोग करें। जुकरबर्ग का मानना है कि हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को समझने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी तरह की गलतफहमी की संभावना कम हो सके।

निष्कर्ष

इस विवाद ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि डिजिटल प्लेटफार्मों पर कैसे विचारों के मामले में सीमाएँ निर्धारित करने की आवश्यकता होती है। जुकरबर्ग का यह मामला केवल एक व्यक्ति के लिए ही नहीं, बल्कि समस्त मानवता के लिए एक सिख देने जैसा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उसके दुरुपयोग के बीच का अंतर क्या है।

अब यह देखना होगा कि भविष्य में ऐसे मामलों में सुधार कैसे किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार का अत्याचार न हो। जुकरबर्ग के इस अनुभव से हम सबको सीखने की आवश्यकता है।

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Facebook, Mark Zuckerberg, Pakistan, Eshaninda, Social Media Controversy, Free Speech, Digital Platforms, Freedom of Expression, Internet Safety, Social Media Impact

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