जर्मनी में AFD पार्टी सरकार बनाने की दौड़ में आगे:80 साल में पहली बार कट्टरपंथी पार्टी को बढ़त; चुनाव में ट्रम्प का मॉडल अपनाया

जर्मनी में 23 फरवरी को आम चुनाव होने हैं। इस बार के चुनाव नतीजे बेहद दिलचस्प होने वाले हैं। चांसलर ओलाफ शुल्ज का सत्तारूढ़ SDP गठबंधन प्री-पोल सर्वे में बुरी तरह से पिछड़ रहा है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 80 साल में पहली बार कट्‌टरपंथी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी पार्टी (AFD) तेजी से आगे बढ़ी है। अभी AFD सरकार बनाने की रेस में दूसरे नंबर पर है। जबकि पिछले चुनाव में ये पार्टी 7वें नंबर पर रही थी। AFD अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के चुनाव मॉडल पर प्रचार कर रही है। पार्टी का एजेंडा भी ट्रम्प की लाइन पर है। इस पार्टी ने जर्मनी फर्स्ट का नारा दिया है। AFD की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाज इसी बात से लग सकता है कि ये पार्टी हाल में हुए प्रांतीय चुनाव में पांच में से दो प्रांतों में बहुमत हासिल कर चुकी है। संघीय चुनावों में भी इस बार AFD को रिकॉर्ड वोट मिलने की संभावना है। AFD युवाओं में लोकप्रिय, प्रवासियों पर सख्ती AFD युवाओं में बेहद लोकप्रिय है। 50 साल से कम उम्र के लगभग 70% वोटर AFD को वोट देने की बात कह रहे हैं। जर्मनी में कुल लगभग 6 करोड़ वोटर हैं। AFD की नेता एलिस वीडल प्रवासियों के मुद्दे पर अपने सख्त रुख के लिए जानी जाती हैं। उनका एजेंडा प्रवासियों को वीसा देने में कटौती करना और यूरोपीय यूनियन के साथ संबंधों पर फिर से विचार करना है। यानी AFD यदि सरकार बनाने में सफल रहती है तो अमेरिका के साथ संबंधों को बढ़ाएगी। एलिस की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए सीडीयू के फेडरिच मर्ज और एसडीपी के ओलाफ शुल्ज भी अब प्रवासियों को वीसा में कटौती के मुद्दे को उठा रहे हैं। भारतीयों पर असर: स्किल और स्टूडेंट वीसा में कटौती की आशंका AFD की जीत भारतीय हितों पर भारी पड़ सकती है। हाल ही में जर्मनी ने इस साल से भारतीयों को चार गुना अधिक स्किल वीसा जारी करने का ऐलान किया है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शुल्ज ने अक्टूबर में अपनी भारत यात्रा के दौरान कहा था कि हमारे देश को भारतीय टैलेंट की जरूरत है। लेकिन इन चुनावों में कट्टरपंथी AFD पार्टी को जीत मिलती है तो उसकी जर्मनी फर्स्ट की नीति के तहत जर्मन लोगों को पहले जॉब ऑफर किए जाएंगे। फिलहाल जर्मनी हर साल 20 हजार भारतीयों को स्किल वीसा जारी करता है। शुल्ज ने इसे बढ़ाकर 80 हजार करने की बात कही थी। अभी जर्मनी में 2 लाख 85 हजार भारतीय रहते हैं। AFD की सरकार बनने के बाद वर्क वीसा और परमानेंट रेजिडेंसी में भी दिक्कत आ सकती है। जर्मनी में भारतीय छात्रों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। 2021 में जहां 25 हजार भारतीय छात्र थे, ये संख्या 2024 में बढ़ कर लगभग दो गुनी हो गई है। जर्मनी में भारतीय छात्र यूरोप में दूसरे नंबर पर हैं। पहले नंबर पर भारतीय छात्र ब्रिटेन में हैं। पुतिन और मस्क AFD पार्टी को समर्थन दे रहे हैं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और टेस्ला के सीईओ इलॉन मस्क कट्‌टरपंथी AFD पार्टी को खुला समर्थन दे रहे हैं। पुतिन का कहना है कि AFD के सत्ता में आने से रूस के जर्मनी के साथ संबंध और बेहतर होंगे। जबकि मस्क का कहना है कि AFD की जीत से जर्मनी यूरोप में फिर से शक्तिशाली देश के रूप में उभरेगा। पुतिन-मस्क के समर्थन से AFD की लोकप्रियता बढ़ रही है। चुनाव में पहली बार भारतवंशी भी मैदान में हैं। सिद्धार्थ मुद्गल CSUपार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुख्य मुद्दा जर्मनी की इकोनॉमी को और बेहतर बनाकर यहां के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। ------------------------- चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... मस्क ने भारतीय चुनाव में अमेरिकी फंडिंग रोकी:182 करोड़ मिलते थे, भाजपा बोली- कांग्रेस-सोरोस ने इलेक्शन प्रॉसेस में दखल दिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगी इलॉन मस्क ने भारत के चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए दी जाने वाली 182 करोड़ रुपए की फंडिंग रद्द कर दी है। मस्क के नेतृत्व वाले डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) ने शनिवार को ये फैसला लिया। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Feb 17, 2025 - 08:34
 109  501.8k
जर्मनी में AFD पार्टी सरकार बनाने की दौड़ में आगे:80 साल में पहली बार कट्टरपंथी पार्टी को बढ़त; चुनाव में ट्रम्प का मॉडल अपनाया

जर्मनी में AFD पार्टी सरकार बनाने की दौड़ में आगे:80 साल में पहली बार कट्टरपंथी पार्टी को बढ़त; चुनाव में ट्रम्प का मॉडल अपनाया

Kharchaa Pani - लेखिका: सुमिता शर्मा, टीम नीतानागरी

परिचय

जर्मनी में हाल के चुनावों में AFD (Alternativ für Deutschland) पार्टी ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। लगभग 80 वर्षों में पहली बार कट्टरपंथी पार्टी को इस प्रकार की बढ़त मिली है। यह चुनाव अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मॉडल पर आधारित रहा, जहाँ populism और nationalism प्रमुख मुद्दे बने। इस लेख में हम AFD की सफलता के पीछे के कारणों, इसकी चुनावी रणनीतियों, और जर्मनी की राजनीति पर इसके प्रभाव का विश्लेषण करेंगे।

AFD का उभार

जर्मनी की राजनीतिक परिवेश में AFD ने पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि की है। पार्टी ने 2013 में अपनी स्थापना के बाद से लगातार अपना आधार बढ़ाया है, और अब यह प्रमुख राजनीतिक दलों की कतार में खड़ी है। इस बार के चुनावों में पार्टी ने अपने विचारधारा को और मजबूत करते हुए, अति राष्ट्रवाद और आव्रजन विरोधी नीतियों को बढ़ावा दिया।

चुनाव में ट्रम्प का मॉडल

AFD ने हाल के चुनावों में डोनाल्ड ट्रम्प की चुनावी रणनीतियों को अपनाने का प्रयास किया। ट्रम्प की तरह, AFD ने भी मीडिया की नजर में आने के लिए विवादास्पद मुद्दों को उठाया। पार्टी ने लोगों के समक्ष ऐसे मुद्दे रखे जो नागरिकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ते हैं, जैसे कि आव्रजन, सुरक्षा, और जर्मन संस्कृति की रक्षा। इस प्रकार की रणनीति ने उनके प्रति जनता का समर्थन मजबूत किया।

AFD की चुनावी नीतियाँ

AFD ने चुनाव में जो नीतियाँ अपनाई, उनमें एक प्रमुख पहलू यह था कि उन्होंने युवा मतदाताओं को ध्यान में रखा। सोशल मीडिया का उपयोग करके, पार्टी ने अपने विचारों को तीव्रता से फैलाया। इसने युवा मतदाताओं को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, पार्टी ने अपने प्रचार सामग्री में जर्मनी के नागरिकों के आर्थिक और सामाजिक समस्याओं पर जोर दिया, जिससे मतदाता उनकी ओर ज्यादा आकर्षित हुए।

जर्मन राजनीति पर प्रभाव

AFD की सफलता ने जर्मन राजनीति में एक नई दिशा दी है। चुनाव के परिणाम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जर्मनी के नागरिक अब传统 राजनीतिक दलों के बजाय वैकल्पिक विचारधाराओं की ओर बढ़ रहे हैं। इससे जर्मनी की आंतरिक राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है, जिसमें मुख्यधारा दलों को अपने चुनावी मुद्दों को पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।

निष्कर्ष

जर्मनी में AFD पार्टी की जीत सत्तारूढ़ दलों के लिए एक गंभीर चेतावनी है। यह दर्शाता है कि कट्टरपंथी विचारधाराएँ अब ज्यादा स्वीकार्य हो गई हैं। जर्मन नागरिकों की जागरूकता और उनकी आकांक्षाएँ अब नए दिशा में बदल गई हैं। आने वाले समय में, AFD और ऐसी अन्य पार्टियों का प्रभाव जर्मनी की राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह से बदल सकता है। यह चुनाव न केवल जर्मनी बल्कि समस्त यूरोप के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।

Keywords

Germany elections, AFD party, extreme right party, Trump model, political implications, German politics, immigration policy, nationalism, populism, voter awareness

For more updates, visit kharchaapani.com.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow