चंडीगढ़ का नया मेयर कौन, वोटिंग आज:बहुमत AAP-कांग्रेस गठबंधन का, BJP ने भी कैंडिडेट उतारा; पिछली बार गड़बड़ी हुई थी

चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर के लिए आज (30 जनवरी) को चुनाव होगा। इसके लिए भाजपा ने हरप्रीत कौर बबला और आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रेम लता को उम्मीदवार बनाया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस चुनाव की वीडियोग्राफी होगी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस जयश्री ठाकुर बतौर ऑब्जर्वर यहां मौजूद रहेंगी। इस दौरान AAP-कांग्रेस को पार्षदों की हॉर्स ट्रेडिंग का भी डर है। इसलिए चुनाव से पहले AAP पार्षदों को रोपड़ और कांग्रेस पार्षदों को लुधियाना में रखा गया। बता दें कि चंडीगढ़ में निगम के पार्षदों का चुनाव 5 साल में एक बार होता है लेकिन यहां मेयर का चुनाव हर साल होता है। वोटिंग 11 बजे शुरू होगी। चुनाव अधिकारी के तौर पर नॉमिनेटेड पार्षद रमनीक सिंह बेदी को लगाया गया। चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से सिरे चढ़ाने के लिए 6 ड्यूटी मजिस्ट्रेट और 1200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इस दौरान निगम की बिल्डिंग के भीतर वही लोग जा सकेंगे, जिनके पास आईकार्ड होंगे। मेयर का यह चुनाव 2 बातों को लेकर अहम है… पहला... पिछली बार यहां चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने गड़बड़ी की थी। मसीह ने बहुमत के बावजूद कांग्रेस–AAP के 8 पार्षदों के वोट इनवैलिड कर दिए। फिर BJP को जिता दिया। फिर सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर पर रीकाउंटिंग हुई, जिसमें AAP के कुलदीप कुमार मेयर बन गए। दूसरा… दिल्ली विधानसभा में AAP और कांग्रेस एक–दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही है। मगर, चंडीगढ़ निगम में मेयर के लिए दोनों का एक-दूसरे को सपोर्ट है। यही वजह है कि यहां कांग्रेस ने अपना मेयर उम्मीदवार नहीं उतारा है। सबसे पहले मेयर चुनाव का गणित जानिए चंडीगढ़ निगम में कुल 3 पार्षद हैं। मेयर चुनाव के वक्त यहां सांसद का भी वोट मान्य होता है। मेयर बनाने के लिए 19 पार्षदों के वोट चाहिए। मौजूदा वक्त में 16 पार्षदों के साथ BJP सबसे बड़ी पार्टी है। दूसरे नंबर पर 13 पार्षदों के साथ AAP और तीसरे नंबर पर 6 पार्षदों वाली कांग्रेस है। सांसद मनीष तिवारी का वोट भी कांग्रेस के खाते में जाएगा। इस लिहाज से देखें तो गठबंधन के पास बहुमत से एक ज्यादा यानी 20 वोट हैं। ऐसी सूरत में AAP की प्रेमलता का मेयर बनना तय है। BJP का मेयर कैसे बन सकता है? 1. AAP और कांग्रेस में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के कई दावेदार हैं। चूंकि वोटिंग सीक्रेट बैलेट के जरिए होनी हैं, ऐसी सूरत में अगर 3 पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की तो भाजपा के वोट 19 और कांग्रेस-AAP के 17 वोट ही रह जाएंगे। 2. क्रॉस वोटिंग की जगह अगर बैलेट पेपर पर निशान लगाकर वोट को इनवैलिड कर दिया जाए तो भी AAP कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है। ऐसी सूरत में सिर्फ मेयर नहीं बल्कि बाकी 2 पदों पर भी गठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 3. अगर वोटिंग के दिन गठबंधन के 5 या उससे ज्यादा पार्षद गैरहाजिर रहें यानी वोटिंग में हिस्सा न लें तो भी भाजपा 16 पार्षदों में ही मेयर बना सकती है। हालांकि इसकी संभावना कम है क्योंकि इससे गैरहाजिर होने वाले पार्षद एक्सपोज हो जाएंगे। कैसे होगा मेयर का चुनाव निगम में मेयर इलेक्शन बैलेट पेपर के जरिए होगा। इसमें सभी पार्षदों को बैलेट पेपर दिया जाएगा। जिसमें वह अपने उम्मीदवार को वोट देकर बैलेट बॉक्स में डालेंगे। चुनाव अधिकारी इसकी गिनती कर विजेता घोषित करेंगे। हालांकि मौजूदा मेयर कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि वोटिंग हाथ खड़े कर कराई जाए, मगर यह मांग स्वीकार नहीं हुई।

Jan 30, 2025 - 06:34
 99  501.8k
चंडीगढ़ का नया मेयर कौन, वोटिंग आज:बहुमत AAP-कांग्रेस गठबंधन का, BJP ने भी कैंडिडेट उतारा; पिछली बार गड़बड़ी हुई थी

चंडीगढ़ का नया मेयर कौन, वोटिंग आज: बहुमत AAP-कांग्रेस गठबंधन का, BJP ने भी कैंडिडेट उतारा; पिछली बार गड़बड़ी हुई थी

Kharchaa Pani - लेखिका: साक्षी कौल, टीम नेतानागरी

परिचय

चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में आज नई मेयर का चुनाव होना है। इस बार AAP और कांग्रेस का गठबंधन बहुमत持े जनादेश के साथ खड़ा है, जबकि भाजपा ने भी अपने कैंडिडेट को चुनावी मैदान में उतारा है। पिछली बार की चुनावी गड़बड़ी ने सरकार के लिए कई सवाल खड़े कर दिए थे, जिससे इन चुनावों की अहमियत और बढ़ गई है।

बहुमत की स्थिति

पिछले चुनावों में AAP ने स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया था, लेकिन इस बार कांग्रेस के समर्थन से उनका गठबंधन और मजबूत हो गया है। AAP के नेता और चंडीगढ़ के पूर्व मेयर द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, उनका विश्वास है कि वे इस चुनाव में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। दूसरी ओर, भाजपा ने भी अपनी रणनीतियों को मजबूत किया है, जिसमें प्रभावी प्रचार अभियान शामिल है।

भाजपा का कैंडिडेट

भाजपा ने इस बार मेयर पद के लिए एक युवा चेहरा उतारा है। पार्टी का उद्देश्य मतदाताओं के बीच एक नई नीति के तहत उत्कृष्टता को स्थापित करना है। भाजपा के प्रवक्ता का कहना है कि उनका कैंडिडेट चंडीगढ़ के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उनके समर्थक भी इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि यह चुनाव भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।

पिछली बार की घटनाएँ

पिछले साल हुए चुनाव में कई विवाद पैदा हुए थे, जिसमें मतगणना के दौरान भारी गड़बड़ी का आरोप लगा था। इससे मतदाताओं के बीच सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठे थे। इस बार चुनाव आयोग ने चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने का निर्णय लिया है, और समुचित निगरानी के लिए विशेष कार्यवाहियों की घोषणा की गई है।

निष्कर्ष

चंडीगढ़ के मेयर चुनाव की निर्णायक घड़ी आ गई है, और सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी है। आज की वोटिंग न केवल चंडीगढ़ बल्कि पूरे राज्य की राजनीति पर भी असर डालेगी। अब यह देखना होगा कि कौन सी पार्टी नजरिया बदलने में सफल होती है और चंडीगढ़ के विकास की जिम्मेदारी कौन संभालता है। यह चुनाव विभिन्न आंदोलन और नीतियों के कारण खास महत्व रखता है। विशेष रूप से भाजपा, AAP और कांग्रेस के बीच की संघर्ष की कहानी जारी रहेगी। अधिक अपडेट के लिए, कृपया [kharchaapani.com](http://kharchaapani.com) पर जाएं।

Keywords

Chandigarh mayor election, AAP Congress alliance, BJP candidate, Chandigarh news, local governance issues

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow