कॉलेज टाइम से RSS से जुड़ीं, इसलिए पसंद बनीं:जींद की रेखा का दिल्ली CM बनना लगभग फाइनल; पिता बैंक मैनेजर, दादा आढ़ती रहे

दिल्ली की CM के लिए जिन रेखा गुप्ता का नाम तय हुआ है, वह हरियाणा के जींद की रहने वाली हैं। उनके दादा आढ़ती और पिता बैंक मैनेजर रहे हैं। रेखा स्टूडेंट लाइफ से ही पॉलिटिक्स में आ गई थीं। वह कॉलेज टाइम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी हैं। इसी वजह से RSS ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे भाजपा ने मान लिया। भाजपा की 21 राज्यों में सरकार है। मगर कहीं भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है। नए सीएम की शपथ लेते ही रेखा गुप्ता भाजपा की पहली महिला मुख्यमंत्री बन जाएंगी। रेखा ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से जीत हासिल की। उन्होंने AAP की वंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया। वहीं शुरुआत से वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और BJP से जुड़ी हुई हैं। इस वक्त वे दिल्ली भाजपा की महासचिव और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। रेखा गुप्ता का पुश्तैनी मकान जींद में रेखा गुप्ता का पुश्तैनी गांव नंदगढ़ जींद के जुलाना हलके में है। यहां उनके दादा मनीराम और परिवार के लोग रहते थे। जुलाना के नंदगढ़ गांव के बलवान नंबरदार बताते हैं कि करीब 50 साल पहले तक रेखा के दादा मनीराम जिंदल और परदादा गंगाराम गांव में ही रहते थे। गांव में उन्होंने दुकान की हुई थी। इसके बाद इन्होंने जुलाना में आढ़त की दुकान कर ली और परिवार समेत वहीं शिफ्ट हो गए। गांव नंदगढ़ के नवीन फौजी बताते हैं कि उनकी छोटी ईंटों से बनी हवेली को गांव के ही चांदराम ने खरीद लिया था। इसके बाद उन्होंने वहां अपना मकान बना लिया। गांव के नवीन फौजी आगे बताते हैं कि जिंदल परिवार के लोगों ने गांव में शिव मंदिर भी बनाया हुआ है। यहां हर वर्ष परिवार के लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। रेखा के पिता जयभगवान के चाचा राजेंद्र तो हर महीने गांव का चक्कर लगाते हैं। गांव में रेखा के परिवार का अच्छा व्यवहार रहा। पिता बैंक मैनेजर बने तो दिल्ली शिफ्ट हो गए रेखा के पिता जयभगवान बैंक ऑफ इंडिया में काम करते थे। साल 1972-73 में वह मैनेजर बने तो उनकी बदली दिल्ली हो गई थी। इसके बाद परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। इस वजह से रेखा की स्कूल की पढ़ाई से लेकर ग्रेजुएशन और एलएलबी की पढ़ाई दिल्ली में ही हुई है। रेखा की साल 1998 में स्पेयर पार्ट्स कारोबारी मनीष गुप्ता से शादी हुई। दादा बोले- छात्र जीवन से ही राजनीति में आईं रेखा रेखा के दादा राजेंद्र जिंदल बताते हैं कि उनके भाई मनीराम के तीन बेटे हैं। इनमें बड़ा बेटा रामऋषि, उससे छोटा जयभगवान और सबसे छोटा सुशील है। जुलाना में उनकी गंगाराम, काशीराम के नाम से आढ़त की दुकान थी। रेखा का जन्म 19 जुलाई 1974 को हुआ था। छात्र जीवन से ही रेखा राजनीति में सक्रिय हो गई थीं। राजेंद्र ने बताया कि रेखा ने इससे पहले भी दो बार विधानसभा चुनाव लड़ा। पहली बार वह 11 हजार वोटों से हार गई थी तो पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी की वंदना से साढ़े चार हजार वोटों से हार गई थीं। रेखा गुप्ता बोलीं- दिल्ली में नया अध्याय शुरू होगा इस पर रेखा गुप्ता ने कहा- भाजपा में सीएम पद का कोई भी दावेदार नहीं है। यह सब पार्टी तय करती है, जिसे भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वह प्रतिबद्धता के साथ काम करेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि बीजेपी के सीएम के साथ दिल्ली में एक नया अध्याय शुरू होगा। दिल्ली बहुत सारे विकास कार्यों के साथ एक नई कहानी लिखेगी, लोगों को अधिकार मिलेंगे, सभी काम होंगे। कल के शपथ ग्रहण समारोह के लिए बहुत उत्साह है। लोग इसमें शामिल होना चाहते हैं। 26 साल बाद दिल्ली अपनी क्षमता का एहसास करने के लिए तैयार है। हमारे पास बहुत सारी विकास योजनाएं हैं और समय आ गया है।

Feb 19, 2025 - 18:34
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कॉलेज टाइम से RSS से जुड़ीं, इसलिए पसंद बनीं:जींद की रेखा का दिल्ली CM बनना लगभग फाइनल; पिता बैंक मैनेजर, दादा आढ़ती रहे

कॉलेज टाइम से RSS से जुड़ीं, इसलिए पसंद बनीं:जींद की रेखा का दिल्ली CM बनना लगभग फाइनल; पिता बैंक मैनेजर, दादा आढ़ती रहे

Kharchaa Pani - दिल्ली की राजनीती में अगले कुछ महीनों में एक नई दिशा देखने को मिल सकती है। जींद की रेखा, जो कि कॉलेज के समय से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी रहीं हैं, वर्तमान में दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने की दावेदार मानी जा रही हैं। उनके परिवार की पृष्ठभूमि भी राजनैतिक है, जहाँ उनके पिता बैंक मैनेजर थे और दादा आढ़ती रहे हैं। इस लेख में हम रेखा की राजनीतिक यात्रा और उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।

कॉलेज जीवन और RSS से जुड़ाव

रेखा का कॉलेज जीवन हमेशा से ही राजनीति में रुचि के साथ गुजरा है। वे दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान RSS से जुड़ीं, जहाँ उन्होंने सामाजिक कार्यों में भाग लिया और युवा संगठन की गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाई। RSS के साथ उनके जुड़ाव ने उनकी व्यक्तित्व को निखारने में मदद की और उन्होंने नेतृत्व क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और अनुभव

रेखा का परिवार भी राजनीति में सक्रिय रहा है। उनके पिता, जो एक बैंक मैनेजर थे, हमेशा युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे हैं, जबकि उनके दादा ने अपने समय में काफी सवेरे कहा जाता था कि आढ़ती के रूप में उन्होंने स्थानीय व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस पृष्ठभूमि ने रेखा को समाज की समस्याओं को समझने और समाधान खोजने की प्रेरणा दी है।

दिल्ली मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएँ

हाल ही में पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रेखा का नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे है। उनकी पहचान, कार्यक्षमता और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अगर उन्हें मुख्यमंत्री पद मिलता है, तो यह उनके लिए एक बड़ी सफलता होगी और युवा नेताओं के लिए एक प्रेरणा।

आगे क्या?

राजनीति में रेखा की संभावनाएं न केवल उन्हें, बल्कि उनकी जड़ों और परिवार को भी गर्वित करेंगी। यदि वे दिल्ली की मुख्यमंत्री बनती हैं, तो हम उम्मीद कर सकते हैं कि यह युवा और नैतिक नेतृत्व के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह परिवर्तन आने वाली पीढ़ियों के लिए भी रास्ता प्रशस्त करेगा।

अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि रेखा का नाम आगामी चुनावों में चर्चित रहेगा। दिल्ली की राजनीति में उनका प्रभाव और उनकी सेवाएँ आगे चलकर एक नई कहानी लिख सकती हैं।

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