कर्नाटक CM को MUDA केस में क्लीन चिट:लोकायुक्त बोला- सिद्धारमैया, उनकी पत्नी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ सबूत नहीं

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) जमीन घोटाला मामले में लोकायुक्त से क्लीन चिट मिल गई है। लोकायुक्त पुलिस ने कहा कि सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती समेत 4 आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले हैं। जांच अधिकारियों ने शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को बताया कि सबूतों के अभाव में दोनों पर आरोप साबित नहीं हो सके हैं। इस मामले में हाईकोर्ट को अंतिम रिपोर्ट दे दी है। सिद्धारमैया और उनकी पत्नी के अलावा उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और जमीन मालिक देवराजू भी आरोपी हैं। 7 फरवरी को हाईकोर्ट ने सिद्धारमैया को राहत देते हुए MUDA केस को CBI को ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने RTI एक्टिविस्ट स्नेहमयी कृष्णा की याचिका पर फैसला सुनाया था। 27 जनवरी- हाईकोर्ट ने ED के नोटिस पर रोक लगाई थी कर्नाटक हाईकोर्ट ने 27 जनवरी को सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को भेजे गए ED के नोटिस पर रोक लगा दी थी। पार्वती को मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) जमीन घोटाला केस में ED ने नोटिस जारी किया था। उन्हें ED के बेंगलुरु ऑफिस में 28 जनवरी को सुबह 11 बजे सबूत और रिकॉर्ड पेश करने के लिए बुलाया गया था। 17 जनवरी- 300 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की गईं ED ने 17 जनवरी को CM सिद्धारमैया और अन्य की 300 करोड़ कीमत की अचल संपत्तियां जब्त की थीं। जांच एजेंसी ने बताया था कि यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग केस में की गई है। इसके तहत इन लोगों की 142 प्रॉपर्टियां सीज की गई थीं। ED के जारी बयान में कहा था- जब्त की गई संपत्तियां अलग-अलग लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। ये लोग रियल एस्टेट व्यवसायी और एजेंट के तौर पर रूप में काम कर रहे हैं। MUDA केस क्या है साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई। सिद्धारमैया पर क्या-क्या आरोप लगे हैं --------------------------------------- MUDA स्कैम से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... खड़गे के बेटे ने कर्नाटक सरकार को जमीन लौटाई, ट्रस्ट के लिए दी गई थी 5 एकड़ जमीन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे राहुल एम खड़गे ने कर्नाटक सरकार को पांच एकड़ जमीन लौटाने का फैसला किया है, जो खड़गे परिवार के सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को दी गई थी। राहुल ने यह कदम मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) स्कैम की जांच के बीच उठाया है। पूरी खबर पढ़ें...

Feb 19, 2025 - 18:34
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कर्नाटक CM को MUDA केस में क्लीन चिट:लोकायुक्त बोला- सिद्धारमैया, उनकी पत्नी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ सबूत नहीं

कर्नाटक CM को MUDA केस में क्लीन चिट: लोकायुक्त बोला- सिद्धारमैया, उनकी पत्नी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ सबूत नहीं

Kharchaa Pani द्वारा, लेखिका: स्नेहा शर्मा, टीम नेटा नगरी

कर्नाटक CM सिद्धारमैया को MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) केस में लोकायुक्त ने क्लीन चिट दे दी है, जिससे राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार पाए गए। लोकायुक्त ने स्पष्ट किया कि सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और अन्य आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं।

कंडक्ट की समीक्षा

रिपोर्ट के अनुसार, लोकायुक्त ने जांच के दौरान विभिन्न साक्ष्यों की समीक्षा की। वे यह जानने को उत्सुक थे कि क्या CM और उनके परिजनों ने अपने पद का दुरुपयोग किया है या नहीं। बावजूद इसके, किसी भी कार्यवाही के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले, जिससे सिद्धारमैया को राहत मिली। यह निर्णय उन्होंने पूरी पारदर्शिता के साथ लिया है।

आरोपों का ब्यौरा

MUDA केस में आरोप थे कि CM सिद्धारमैया ने कुछ सरकारी योजनाओं का गलत तरीके से फायदा उठाया। उनकी पत्नी और अन्य सहयोगियों पर भी गंभीर आरोप लगाए गए थे। इन सभी आरोपों की जांच के लिए लोकायुक्त ने अपनी टीम बनाई थी, जिन्होंने कई दस्तावेज और गवाहों के बयान दर्ज किए। हालांकि, सभी जांचों का निष्कर्ष यही निकला कि सिद्धारमैया के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं।

राजनीतिक परिणाम

इस क्लीन चिट के बाद कर्नाटक में राजनीतिक माहौल में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है। सिद्धारमैया ने इसे अपनी ईमानदारी और सरकार की पारदर्शिता का प्रमाण बताया है। विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन अब यह सिद्ध होता है कि उनके द्वारा लगाए गए आरोप कितने गलत थे।

आगे की राह

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस निर्णय को अपनी सरकार के प्रति जनविश्वास बहाल करने का एक अवसर माना है। उन्होंने कहा कि वे भविष्य में भी पारदर्शिता के साथ जनता की सेवा करते रहेंगे। बहरहाल, उन्होंने भी इस निर्णय को लेकर अपने विरोधियों की आलोचना की है और यह कहा है कि उन्हें अब नए सिरे से काम करना चाहिए।

निष्कर्ष

Karnataka CM सिद्धारमैया को MUDA केस में मिली क्लीन चिट उनके लिए एक नई शुरुआत है। यह न केवल उन्हें बल्कि उनके समर्थकों को भी एक नई ऊर्जा देने का काम करेगा। इस पूरे मामले ने इस बात को भी स्पष्ट कर दिया है कि राजनीति में हर कदम पर सिर्फ आरोप लगाना ही काफी नहीं होता, बल्कि ठोस सबूत भी आवश्यक हैं। सिद्धारमैया का यह मामला कर्नाटक की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन सकता है।

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