काश पटेल ने भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ लिया:FBI डायरेक्टर पद की संभाली जिम्मेदारी; ट्रम्प बोले- वे सबसे काबिल अफसर बनेंगे
भारतवंशी कश्यप काश पटेल ने शनिवार को भगवद गीता पर हाथ रखकर अमेरिकी जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के डायरेक्टर पद की शपथ ली। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी उनकी तारीफ की और कहा कि वे FBI एजेंट्स के बीच काफी लोकप्रिय हैं, इसलिए वे उन्हें यह अहम जिम्मेदारी देना चाहते थे। ट्रम्प ने कहा कि उन्हें यकीन है कि पटेल अब तक के सबसे काबिल FBI डायरेक्टर के रूप में जाने जाएंगे। पटेल बोले- अमेरिकन ड्रीम को जी रहा हूं काश पटेल FBI का नेतृत्व करने वाले नौंवे अधिकारी हैं। उन्होंने शपथ लेने के बाद कहा कि कई लोग कहते हैं कि ‘अमेरिकन ड्रीम’ खत्म हो चुका है। लेकिन उन्हें यह देखना चाहिए कि मैं अमेरिकन ड्रीम को जी रहा हूं। पटेल ने कहा- आप पहली पीढ़ी के भारतीय से बात कर रहे हैं जो दुनिया के सबसे महान राष्ट्र की एक अहम सरकारी एजेंसी का नेतृत्व करने जा रहा है। ऐसा कहीं और नहीं हो सकता। 2 रिपब्लिकन सीनेटर ने काश पटेल के खिलाफ वोटिंग की अमेरिकी सीनेट में काश पटेल की नियुक्ति की मंजूरी गुरुवार को 51-49 मतों के अंतर से मिली थी मिली। डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों के अलावा पटेल के विरोध में दो रिपब्लिकन सांसद सुसान कॉलिन्स और लिसा मर्कोव्स्की दोमात्र ने वोट किया था। विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों को इस बात का डर है कि काश पटेल पद संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प के आदेशों का पालन करेंगे और उनके विरोधियों को निशाना बनाएंगे। गुजराती परिवार में जन्मे, माता-पिता युगांडा से भागे काश पटेल भारतीय प्रवासी के बेटे हैं। उनका जन्म एक गुजराती परिवार में हुआ था। काश पटेल के माता-पिता युगांडा के शासक ईदी अमीन के देश छोड़ने के फरमान से डरकर 1970 के दशक में भागकर कनाडा के रास्ते अमेरिका पहुंचे थे। 1988 में पटेल के पिता को अमेरिका की नागरिकता मिलने के बाद एक एरोप्लेन कंपनी में नौकरी मिली। 2004 में कानून की डिग्री हासिल करने के बाद जब पटेल को किसी बड़ी लॉ फर्म में नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने एक सरकारी वकील के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। हालांकि, ड्रीम जॉब के लिए उन्हें 9 साल तक इंतजार करना पड़ा। काश पटेल 2013 में वॉशिंगटन में न्याय विभाग में शामिल हुए। यहां तीन साल बाद 2016 में पटेल को खुफिया मामले से जुड़ी एक स्थायी समिति में कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया। इस विभाग के चीफ डेविड नून्स थे, जो ट्रम्प के कट्टर सहयोगी थे। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति रहने के दौरान ट्रम्प ने 2019 में जो बाइडेन के बेटे के बारे में जानकारी जुटाने के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाया था। इस वजह से विपक्ष उन पर नाराज हो गया। किसी कानूनी पचड़े से बचने के लिए ट्रम्प ने इस मामले में मदद के लिए सलाहकारों की एक टीम बनाई। इसमें काश पटेल का भी नाम था। तब उनका नाम देख हर किसी को हैरानी हुई थी। काश पटेल 2019 में ट्रम्प प्रशासन से जुड़ने के बाद तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते गए। ट्रम्प प्रशासन में वे सिर्फ 1 साल 8 महीने रहे, लेकिन सबकी नजरों में आ गए। मैगजीन द अटलांटिक की एक रिपोर्ट में पटेल को 'ट्रम्प के लिए कुछ भी करने वाला' शख्स बताया गया है। ट्रम्प प्रशासन में जहां पहले से लगभग सभी लोग ट्रम्प के वफादार थे, वहां भी उन्हें ट्रम्प के सबसे वफादार लोगों में गिना जाने लगा था। यही वजह है कि कई अधिकारी उनसे डरते थे। ट्रम्प पर किताब लिखी, उसमें भी मददगार बने काश पटेल नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर के सीनियर एडवाइजर के तौर पर काम कर चुके हैं। इस दौरान वे 17 खुफिया एजेंसियों का कामकाज देखते थे। इस पद को संभालने के दौरान पटेल कई अहम मामलों में शामिल थे। वे ISIS लीडर्स, अल-कायदा के बगदादी और कासिम अल-रिमी जैसे नेताओं के खात्मे के अलावा कई अमेरिकी बंधकों को वापस लाने के मिशन में भी शामिल रहे हैं। ट्रम्प के पद छोड़ने के बाद काश पटेल पूर्व राष्ट्रपति के एजेंडे को बढ़ाने की कोशिश करते रहे हैं। काश ने "गवर्नमेंट गैंगस्टर्स: द डीप स्टेट, द ट्रुथ, एंड द बैटल फॉर अवर डेमोक्रेसी" नाम की एक किताब लिखी है। इसमें उन्होंने बताया है कि सरकार में किस कदर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। काश पटेल ने ट्रम्प को बच्चों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए एक किताब द प्लॉट अगेंस्ट द किंग भी लिखी है। इसमें उन्होंने एक जादूगर का किरदार निभाया है, जो हिलेरी क्लिंटन से ट्रम्प को बचाने में उनकी मदद करता है। कहानी के अंत में जादूगर लोगों को यकीन दिलाने में कामयाब हो जाता है कि ट्रम्प ने हिलेरी क्लिंटन को धोखा देकर सत्ता हासिल नहीं की है। काश पटेल, डोनाल्ड ट्रम्प के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ का कामकाज भी देखते हैं। पटेल ने 2022 फीफा विश्व कप के दौरान कतर के लिए सुरक्षा सलाहकार के रूप में भी काम किया था। --------------------------------- डोनाल्ड ट्रम्प से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... ट्रम्प सरकार का एक महीना, 16 फैसले:पहले दिन बाइडेन के 78 आदेश पलटे, दुनियाभर में जैसे-को-तैसा टैक्स लगाया; भारतीयों को जंजीरों में डिपोर्ट किया अमेरिका में ट्रम्प सरकार का 1 महीना पूरा हो चुका है। 20 जनवरी को राष्ट्रपति बनते ही ट्रम्प ने 100 से ज्यादा एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स पर दस्तखत कर इतिहास बना दिया था। उन्होंने बाइडेन के 78 आदेशों को पलटा था। पूरी खबर यहां पढ़ें...

काश पटेल ने भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ लिया: FBI डायरेक्टर पद की संभाली जिम्मेदारी; ट्रम्प बोले- वे सबसे काबिल अफसर बनेंगे
Kharchaa Pani
लेखिका: सुमन वाधवा, टीम नेतानागरी
परिचय
हालही में काश पटेल ने FBI डायरेक्टर के पद की शपथ ली, जिसमें उन्होंने भगवद गीता पर हाथ रखकर अपनी जिम्मेदारी ग्रहण की। उनके इस कदम ने न केवल राजनैतिक हलकों में हलचल पैदा की, बल्कि उनके प्रति लोगों की उम्मीदें भी बढ़ा दी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस अवसर पर काश पटेल की प्रशंसा करते हुए उन्हें सबसे काबिल अफसर की उपाधि दी। इस लेख में हम काश पटेल की उपलब्धियों, उनके वर्तमान कार्य और ट्रम्प के बयान पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
काश पटेल: एक परिचय
काश पटेल भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं और उनका राजनीतिक करियर काफी दिलचस्प रहा है। वे पहले भी कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं और विवेकपूर्ण निर्णय लेने के लिए जाने जाते हैं। उनके FBI डायरेक्टर बनने से पहले, वे यूएस के होमलैंड सुरक्षा विभाग में भी काम कर चुके हैं।
भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ
काश पटेल ने अपनी शपथ के दौरान भगवद गीता पर हाथ रखकर भारत और अमेरिका के बीच सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक प्रस्तुत किया। यह क्षण न केवल भारतीय समुदाय के लिए गौरव का विषय था, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर मान्यता मिल रही है। उनका यह कार्य कई लोगों के दिलों को छू गया और उन्होंने अपनी नीति में धैर्य और संयम को महत्वपूर्ण बताया।
ट्रम्प का बयान
डोनाल्ड ट्रम्प ने काश पटेल के शपथ ग्रहण के अवसर पर कहा, "काश पटेल सबसे काबिल अफसर बनेंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि काश के नेतृत्व में FBI और अधिक प्रभावी हो जाएगी। ट्रम्प के इस बयान ने अमेरिका में राजनीतिक चर्चाओं को और गति दी है। कई विश्लेषक मानते हैं कि पटेल के कार्यकाल में FBI की सुरक्षा नीतियों में बदलाव लाया जाएगा।
क्या उम्मीद करें?
काश पटेल के FBI डायरेक्टर बनने से कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जिसमें साइबर सुरक्षा, आतंकवाद से निपटारे और कानून व्यवस्था में सुधार शामिल हैं। उनके अनुभव और दक्षता को देखते हुए, सुरक्षा विषयक मामलों में नई रणनीतियों की उम्मीद की जा सकती है।
निष्कर्ष
काश पटेल ने अपनी जिम्मेदारी ग्रहण करने के साथ ही भारतीय संस्कृति को एक नया मानक स्थापित किया है। उनके FBI डायरेक्टर बनने का निर्णय न केवल उनके लिए एक नई शुरुआत है, बल्कि यह रुतबा भारतीय समुदाय के लिए भी गर्व का विषय है। आने वाले दिनों में पटेल के नेतृत्व में अमेरिका की सुरक्षा नीतियों में क्या बदलाव आते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।
अधिक जानकारी के लिए, देखें kharchaapani.com।
Keywords
FBI Director, Kash Patel, Bhagavad Gita Oath, Trump Statement, Indian American Leadership, US Politics, Homeland Security, Cultural Symbolism.What's Your Reaction?






