कर्नाटक में मराठी न बोलने पर बस कंडक्टर की पिटाई:पीड़ित बोला- महिलाओं की फ्री टिकट पुरुष मांग रहा था, मना करने पर विवाद हुआ
कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (KRTC) के बस कंडक्टर पर बेलगावी में मराठी में बात नहीं करने पर लोगों ने उसकी पिटाई की। अधिकारियों के अनुसार, यह घटना शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे सुलेभावी के पास हुई। पूरा मामला फ्री टिकट से जुड़ा है। कर्नाटक में महिलाओं की बस टिकट मुफ्त रहती है। एक पुरुष पैसेंजर फ्री टिकट मांग रहा था। मना करने पर बोला कि मराठी में बोलो, जबकि बस कंडक्टर ने बताया कि, उसे कन्नड़ आती है। जिससे विवाद बढ़ गया। पीड़ित बोला- बस रुकते ही 6-7 लोग आए और पीटने लगे बस कंडक्टर महादेव हुक्केरी ने बताया कि, मैं जब टिकट काट रहा तभी बस में एक महिला और एक पुरुष बैठे थे। पुरुष के साथ बैठी महिला ने मुफ्त में दो टिकट मांगी, मैंने उसे एक दे दिया और पूछा आप दूसरी टिकट किसके लिए चाहते हैं। महिला ने पुरुष की ओर इशारा किया। मगर मैंने यह बताया कि कर्नाटक में पुरुषों के लिए बस में मुफ्त सफर की सुविधा नहीं है तो उन्होंने मुझसे मराठी में बात करने को कहा। मैंने कहा कि मुझे मराठी नहीं आती है। मैंने उनसे कन्नड़ में बात करने को कहा। इतने पर ही बस में सवार 6-7 लोगों ने हमला कर दिया। बस के रुकते ही वहां लगभग 50 लोग और पहुंच गए। इस मारपीट में बस कंडक्टर को चोटें आईं हैं। कंडक्टर हॉस्पिटल में एडमिट, 4 लोग अरेस्ट DCP रोहन जगदीश ने बेलगावी के BIMS अस्पताल जाकर कंडक्टर के स्वास्थ्य की जानकारी ली। कर्नाटक की मरिहाल पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एक नाबालिग को हिरासत में भी लिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मारुति तुरुमुरी, राहुल नायडू और बालू गोजगेकर के तौर पर हुई है। DCP रोहन जगदीश ने आश्वासन दिया कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। तीनों आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां अदालत ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। ------------------------------------------------------ ये खबर भी पढ़े....... जोधपुर में रोडवेज-कंडक्टर से मारपीट मामले में 4 गिरफ्तार:बस में सवार 15 महिला-पुरुष ने हमला कर की थी तोड़फोड़ राजस्थान रोडवेज जोधपुर आगार के एक बस कंडक्टर को हाल ही में तिंवरी कस्बे में पीटा गया था। मथानिया पुलिस ने चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। मारपीट, राजकार्य में बाधा और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से जुड़े इस मामले में अन्य आरोपियों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। पूरी खबर पढ़े...

कर्नाटक में मराठी न बोलने पर बस कंडक्टर की पिटाई:पीड़ित बोला- महिलाओं की फ्री टिकट पुरुष मांग रहा था, मना करने पर विवाद हुआ
Kharchaa Pani - कर्नाटक में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बस कंडक्टर को केवल इसलिए पीटा गया क्योंकि वह मराठी में बात नहीं कर सका। इस स्थिति ने ना केवल समाज में भाषा के प्रति असहिष्णुता को बढ़ाया है, बल्कि यह भी स्पष्ट किया है कि किस प्रकार की अराजकता कुछ लोगों के बीच पैदा हो रही है। इस घटना के पीड़ित ने मीडिया से बात करते हुए खुलासा किया कि विवाद उस समय शुरू हुआ जब वह एक पुरुष यात्री से महिलाओं के लिए फ्री टिकट की मांग करने पर मना कर रहा था।
घटना का विवरण
यह घटना कर्नाटक के एक प्रमुख शहर में हुई, जहां एक बस कंडक्टर ने यात्रियों को उचित सेवा प्रदान करने का प्रयास किया। पीड़ित ने कहा कि जब उसने एक पुरुष यात्री को यह समझाने की कोशिश की कि महिलाओं का फ्री टिकट केवल महिलाओं के लिए है, तो उसे उनके शब्दों के बारे में आपत्ति हुई। इस पर बातचीत गर्म हुई और फिर लात-घूसों का दौर शुरू हो गया। यह सुधारात्मक कदम लेना चाहने वाले कंडक्टर के लिए भारी पड़ गया।
समाज में भाषा का मुद्दा
इस घटना ने समाज में भाषा और इसके उपयोग की गहराई पर विचार करने का एक अवसर प्रदान किया है। जब से भाषा को एक पहचान और गरिमा का प्रतीक माना जाने लगा है, तब से कई वजहों से विवाद उत्पन्न होने लगे हैं। पीड़ित ने यह भी बताया कि कई बार बसों में यात्री केवल अपनी भाषा की अपेक्षा करते हैं और यदि कोई अन्य भाषा बोलने की कोशिश करता है, तो उन्हें तिरस्कार और अन्याय का सामना करना पड़ता है।
प्रतिक्रिया और समर्थन
इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और बस कंपनी ने कंडक्टर के समर्थन में प्रतिक्रिया दी है। नागरिक समाज और अन्य स्थानीय संगठनों ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है। कई लोगों ने यहाँ तक कहा है कि भाषा का उपयोग केवल संवाद का एक माध्यम होना चाहिए, ना कि किसी के लिए अनादर या हिंसा का कारण।
निष्कर्ष
कर्नाटक में यह घटना भारी चर्चा का कारण बनी हुई है और इसे केवल एक सामान्य घटना नहीं माना जा सकता। यह एक संकेत है कि समाज में कितनी गहरी असहिष्णुता बन चुकी है, जिसे दूर करने की आवश्यकता है। पीड़ित कंडक्टर ने इस मामले की गंभीरता को उजागर करते हुए सभी से अपील की कि हमें इस स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें एकजुट होना चाहिए और सामाजिक एकता की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
Keywords
Karnataka bus conductor assault, Marathi language, free ticket controversy, social intolerance, language issue in IndiaFor more updates, visit kharchaapani.com.
What's Your Reaction?






