उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्तर का फ़िल्म महोत्सव: मुख्य सचिव की नई पहल
देहरादून। उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिन उपाध्याय ने गुरुवार को मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन से शिष्टाचार भेंट की और परिषद की गतिविधियों की जानकारी दी। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में फ़िल्म निर्माण से जुड़े इको सिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने इस बात […]

उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्तर का फ़िल्म महोत्सव: मुख्य सचिव की नई पहल
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देहरादून। उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिन उपाध्याय ने गुरुवार को मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन से शिष्टाचार भेंट की और परिषद की गतिविधियों के साथ-साथ राज्य में फ़िल्म निर्माण से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। इस बैठक में मुख्य सचिव ने फ़िल्म निर्माण से जुड़े इको सिस्टम के विकास के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुख्य सचिव के दिशानिर्देश
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में फ़िल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जाना चाहिए, जिसमें भारतीय सरकार का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि ये कदम न केवल फ़िल्म उद्योग के लिए उपयोगी होंगे बल्कि यह रूप में एक राष्ट्रीय स्तर का फ़िल्म महोत्सव भी आयोजित करने की दिशा में एक अहम कदम होगा।
पर्वतीय क्षेत्रों में सिनेमा हॉल निर्माण
बैठक में यह भी चर्चा की गई कि किस प्रकार दूरदराज के पर्वतीय क्षेत्रों में लो-कॉस्ट सिनेमा हॉल की स्थापना की जा सकती है। इसके साथ ही, स्थानीय युवाओं और कलाकारों को फ़िल्म उद्योग में शामिल करने के लिए और अधिक अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया। उपाध्याय ने मुख्य सचिव को जानकारी दी कि राज्य की फ़िल्म नीति को लागू करने के संबंध में क्या-क्या कार्य किए जा रहे हैं।
भारत सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका
मुख्य सचिव ने भारत सरकार के समर्थन को फ़िल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अत्यावश्यक बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को केंद्रीय मंत्रालय से उचित वित्तीय सहायता प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि फ़िल्म महोत्सव की सफलता सुनिश्चित हो सके। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सभी संबंधित प्रयासों में भारत सरकार की भागीदारी हो।
सरकारी पहल और प्रक्रियाएं
उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड में फ़िल्म निर्माण के लिए अनुमति प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए एक सिंगल विंडो सिस्टम पहले से मौजूद है। पिछले वर्ष प्रदेश में लगभग 30 क्षेत्रीय फ़िल्मों का निर्माण हुआ है, साथ ही कई बड़े बैनर की हिंदी फ़िल्में और वेब सीरीज़ भी यहाँ शूट हो रही हैं। यह इस बात का संकेत है कि उत्तराखंड फ़िल्मकारों के लिए एक आकर्षक केंद्र बनता जा रहा है।
निष्कर्ष
मुख्य सचिव के इस औपचारिक आह्वान का अर्थ यह है कि उत्तराखंड फ़िल्म निर्माण और फ़िल्म महोत्सव के क्षेत्र में एक नई दिशा लेने के लिए तत्पर है। सही सरकारी नीतियों और समुचित सहयोग से उत्तराखंड जल्दी ही एक प्रमुख फ़िल्म गंतव्य बन सकता है। इससे न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि स्थानीय कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने के लिए एक सुनहरा अवसर भी प्राप्त होगा।
कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड फ़िल्म महोत्सव की दिशा में उठाए गए कदम स्थानीय फ़िल्म उद्योग के विकास के साथ-साथ अनंत संभावनाएं प्रस्तुत करते हैं। इसके लिए सशक्त नीतियों और प्रशासनिक सहायता की आवश्यकता है।
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टीम ख़र्चापानी द्वारा
राधिका शर्मा
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