जल संकट: देहरादून में शुद्ध पानी की कमी पर बोले एन के गुसाईं

देहरादून। भाजपा नेता एडवोकेट एन के गुसाईं ने कहा कि जहां वर्तमान समय में एक ओर गर्मी चरम पर है वहीं दूसरी ओर जल संस्थान की पेयजल व्यवस्था भी चरमराई दिखाई दे रही है। देहरादून शहर के अधिकांश क्षेत्रों में लोग पीने के पानी की कमी के कारण परेशान हैं,कतिपय जगहों पर गंदा,बदबूदार अथवा मटमैला पानी […]

Jun 20, 2025 - 00:34
 139  501.8k
जल संकट: देहरादून में शुद्ध पानी की कमी पर बोले एन के गुसाईं
देहरादून। भाजपा नेता एडवोकेट एन के गुसाईं ने कहा कि जहां वर्तमान समय में एक ओर गर्मी चरम पर है वही

जल संकट: देहरादून में शुद्ध पानी की कमी पर बोले एन के गुसाईं

देहरादून। भाजपा नेता एडवोकेट एन के गुसाईं ने हाल ही में जल संस्थान की पेयजल व्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा कि इस भीषण गर्मी में पानी की कमी समस्या बन चुकी है। राजधानी देहरादून के अधिकांश क्षेत्रों में लोग पीने के साफ पानी के लिए व्याकुल हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में बढ़ रहा आक्रोश साफ नजर आ रहा है। यह जानकारी उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में साझा की। इस गंभीर स्थिति की ओर इशारा करते हुए उन्होंने स्थानीय प्रशासन और जल संस्थान की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।

वर्तमान स्थिति की गंभीरता

गुसाईं ने उल्लेख किया कि देहरादून में पेयजल का संकट अत्यंत चिंता का विषय है। कई क्षेत्रों में लोग गंदा, बदबूदार और मटमैला पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं, जो न केवल स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर रहा है, बल्कि आम जनजीवन में भी बाधाएं उत्पन्न कर रहा है। गुसाईं ने जल संकट के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जिससे लोगों की दैनिक जिंदगी में सुधार हो सके।

स्थानीय प्रशासन की भूमिका

गुसाईं ने आगे बताया कि स्थानीय जिलाधिकारी ने पहले ही जल व्यवस्था में सुधार के लिए योजना बनाने का आश्वासन दिया था, किन्तु स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि अगर जल संस्थान की व्यवस्थाएं शीघ्र नहीं सुधरीं, तो वे इस मामले को संबंधित मंत्री और मुख्यमंत्री के सामने उठाने के लिए मजबूर होंगे।

समाज का आक्रोश

गुसाईं ने जानकारी दी कि जल संस्थान की लापरवाही से भाजपा की छवि प्रभावित हो रही है। जनता में लगातार बढ़ते आक्रोश को देखते हुए उन्होंने कहा कि हमें इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस जल संकट को गंभीरता से लें और एकजुट होकर इसके समाधान में सहयोग करें।

भविष्य के लिए सुझाव

गुसाईं ने सुझाव दिया कि जल संस्थान को मानसून से पहले अपनी रणनीतियों को मजबूत करना चाहिए, ताकि भविष्य में पेयजल की समस्या उत्पन्न न हो। उन्होंने संकेत दिया कि आवश्यक उपकरणों और संसाधनों का उचित प्रबंधन बेहद जरूरी है। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो जल संस्थान को आलोचना का सामना करना पड़ेगा, जो केवल प्रशासन की छवि नहीं, बल्कि जनजीवन की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है।

कम शब्दों में कहें तो, एन के गुसाईं का यह बयान जल संस्थान की कार्य प्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। अगर वर्तमान संकट का समाधान नहीं हुआ, तो आम जनमानस का आक्रोश बढ़ता जाएगा। अब यह देखना होगा कि क्या जल संस्थान इन समस्याओं का उचित समाधान कर पाता है या नहीं।

अगर आप इस विषय में और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो यहाँ देखें.

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Kharchaa Pani

Written by Neha Sinha | Team Kharchaa Pani

Keywords:

drinking water, water supply, Nilkanth Gusain, Dehradun, BJP, water crisis, public health, municipal services, severe heat, pure water, Uttarakhand, water quality issues, administration response.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow