अयाना पावर की 100% हिस्सेदारी खरीदेंगी ONGC- NTPC:CCI ने अप्रूवल दिया, पिछले महीने ₹19,500 करोड़ में डील हुई थी

ONGC- NTPC मिलकर रिन्यूएबल पावर फर्म आयाना की 100% हिस्सेदारी खरीदेंगी। कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने मंगलवार (11 मार्च) को इसकी मंजूरी दी है। ये खरीदारी 19,500 करोड़ रुपए में की जाएगी। आयाना रिन्यूएबल पावर प्राइवेट लिमिटेड में ONGC और NTPC की 50-50% हिस्सेदारी होगी। दोनों कंपनियों ने पिछले महीने आयाना को खरीदने की डील की थी। ये डील ONGC- NTPC और आयाना के वर्तमान शेयरहोल्डर नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (51% हिस्सेदार), ब्रिटिश इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट पीएलसी (32% हिस्सेदार) और एवरसोर्स कैपिटल (17%) के बीच साइन की गई थी। रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की दूसरी सबसे बड़ी डील ये रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर का दूसरा सबसे बड़ा सौदा है। इससे पहले अक्टूबर 2021 में अडाणी ग्रीन एनर्जी ने SB एनर्जी इंडिया को 30.52 हजार करोड़ रुपए (3.5 बिलियन डॉलर) में खरीदा था। आयाना पावर के पास 4.1 गीगावाट के ऑपरेशनल और अंडर कंस्ट्रक्शन एसेट हैं। सालाना आधार पर 17% कम हुआ ONGC का प्रॉफिट ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 8,240 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ है। इसमें सालाना आधार पर 17% की कमी आई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 9,892 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था। FY25 की दूसरी तिमाही में 10,273 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ था। सालाना आधार पर इसमें 25 % की कमी आई थी। वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में ONGC का कॉन्सोलिडेटेड ऑपरेशनल रेवेन्यू 1,58,329 करोड़ रुपए (1.58 लाख करोड़ रुपए) रहा। सालाना आधार पर यह 7.25% बढ़ा है। एक साल पहले की समान तिमाही (जुलाई-सितंबर 2023) में कंपनी ने 1,47,614 करोड़ रुपए (1.48 लाख करोड़ रुपए) का रेवेन्यू जनरेट किया था। ONGC का भारतीय घरेलू उत्पादन में लगभग 71% का योगदान महारत्न ONGC क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की भारत की सबसे बड़ी कंपनी है। यह भारत के डोमेस्टिक प्रोडक्शन में लगभग 71% का योगदान करती है। ONGC इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), BPCL, HPCL और MRPL कंपनियों में रॉ-मटेरियल के तौर पर इस्तेमाल होने वाले क्रूड ऑयल का उत्पादन करती है। ये कंपनियां पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, नेफ्था और कुकिंग गैस एलपीजी जैसे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स बनाती हैं। ONGC की स्थापना 1960 के दशक में हुई थी। 1955 में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के तहत ऑयल एंड गैस डिविजन के रूप में ओएनजीसी की नींव रखी गई थी। कुछ महीने बाद, इसे ऑयल और नेचुरल गैस डायरेक्टरेट में बदल दिया गया। 14 अगस्त 1956 को डायरेक्टरेट को कमीशन में बदल दिया गया और इसका नाम ऑयल एंड नेचुरल गैस कमीशन रखा गया। 1994 में,ऑयल एंड नेचुरल गैस कमीशन को एक कॉर्पोरेशन में परिवर्तित कर दिया गया, और 1997 में इसे भारत सरकार ने नवरत्नों में से एक के रूप में मान्यता दी। इसके बाद, वर्ष 2010 में इसे महारत्न का दर्जा दिया गया।

Mar 11, 2025 - 21:34
 119  86k
अयाना पावर की 100% हिस्सेदारी खरीदेंगी ONGC- NTPC:CCI ने अप्रूवल दिया, पिछले महीने ₹19,500 करोड़ में डील हुई थी

अयाना पावर की 100% हिस्सेदारी खरीदेंगी ONGC- NTPC:CCI ने अप्रूवल दिया, पिछले महीने ₹19,500 करोड़ में डील हुई थी

Kharchaa Pani - यह निर्णय भारतीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। ओएनजीसी और एनटीपीसी ने अयाना पावर की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए सौदा किया है, जिसे प्रतियोगिता आयोग (CCI) ने मंजूरी दे दी है।

प्रस्तावना

पिछले महीने, ओएनजीसी और एनटीपीसी ने अयाना पावर के साथ ₹19,500 करोड़ का एक बड़ा सौदा किया था। इस सौदे के तहत ओएनजीसी और एनटीपीसी मिलकर अयाना पावर की पूरी हिस्सेदारी प्राप्त करेंगे। यह कदम न केवल दोनों कंपनियों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता और वृद्धि को भी बढ़ावा देगा।

सौदे का महत्व

यह सौदा भारतीय ऊर्जा क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ओएनजीसी, जो मुख्य रूप से तेल और गैस उत्पादन में प्रमुख है, अब ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भी कदम रख रहा है। वहीं, एनटीपीसी, जो भारतीय पावर सेक्टर की अग्रणी कंपनी है, अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए इस मौके को भुना रही है। इस सौदे के फलस्वरूप, अयाना पावर के संसाधनों का उपयोग करते हुए, ऊर्जा उत्पादन की क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है।

CCI की मंजूरी

प्रतियोगिता आयोग के द्वारा इस सौदे की मंजूरी मिलने से यह स्पष्ट हो गया है कि यह सौदा प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित नहीं करेगा। आयोग ने इस बात को ध्यान में रखा कि यह खरीददारी भारतीय ऊर्जा बाजार में सकारात्मक प्रभाव डालेगी। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों कंपनियाँ इसे कैसे आगे बढ़ाएंगी।

भविष्य की संभावनाएँ

इस सौदे के परिणामस्वरूप, ओएनजीसी और एनटीपीसी को अयाना पावर से मिलने वाले संसाधनों का लाभ मिलेगा। यह भारतीय ऊर्जा क्षेत्र को न केवल ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा, बल्कि पर्यावरण संबंधी नियमों के पालन में भी सहयोग करेगा। इससे ऊर्जा उत्पादन को स्थायी और स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

ओएनजीसी और एनटीपीसी का यह सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से भारतीय ऊर्जा सेक्टर में नई दिशा देगा। यह न केवल दोनों कंपनियों के लिए, बल्कि देश के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे ऊर्जा की मांग बढ़ती जा रही है, ऐसे में यह सौदा ऊर्जा संकट से निपटने में प्रभावी साबित हो सकता है।

अधिक अपडेट के लिए, visit kharchaapani.com.

Keywords

Ayyana Power, ONGC, NTPC, CCI Approval, ₹19,500 Crores Deal, Indian Energy Sector, Power Acquisition, Energy Sustainability, Renewable Energy in India, Energy Market Dynamics

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow