अमेरिकी संसद में चीनी AI डीपसीक के इस्तेमाल पर बैन:फोन-कंप्यूटर पर भी इंस्टॉल करने की मनाही, कहा- ये जांच के दायरे में
अमेरिका संसद कांग्रेस ने अपने ऑफिस में चीन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबोट डीपसीक इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। एक्सिओस की रिपोर्ट के मुताबिक इसे लेकर US कांग्रेस ने एक नोटिस जारी कर कहा है कि सिस्टम में खतरनाक सॉफ्टवेयर अपलोड करने के लिए कई चैटबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें डीपसीक से जुड़े जोखिमों के बारे में भी बताया गया है। यूएस कांग्रेस ने कहा कि AI टेक्नोलॉजी के तेजी से डेवलपमेंट की वजह से सिक्योरिटी और प्रशासनिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, कांग्रेस के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर का कहना है कि फिलहाल डीपसीक जांच के दायरे में है। इस वजह से US कांग्रेस ऑफिस में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। किसी भी तरह के संभावित खतरे को काम करने के लिए सदन की तरफ से जारी सभी डिवाइस में डीपसीक के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। साथ ही कर्मचारियों को ऑफिशियल फोन, कंप्यूटर और टैबलेट पर डीपसीक इंस्टॉल करने से बैन कर दिया गया है। डीपसीक की खासियतें डीपसीक एक AI चैटबोट है। इसे केवल कमांड देना है, उसके मुताबिक रिजल्ट आ जाता है। यह वे सभी काम कर सकता है जो ChatGPT, Meta जैसे बाकी AI मॉडल्स पर किए जा सकते हैं। डीपसीक AI कोडिंग और मैथ्स जैसे जटिल टास्क भी बेहद सटीक तरीके से पूरी कर पा रहा है। यह एक फ्री और ओपन सोर्स AI मॉडल है, यह दुनियाभर में सबके लिए आसानी से उपलब्ध है। चीनी AI मॉडल अमेरिकी कंपनियों से बेहद सस्ता डीपसीक पूरी तरह फ्री और ओपन सोर्स AI मॉडल है। इसके अलावा चीन का मॉडल बेहद कम लागत में तैयार हुआ है, जबकि अमेरिका की एनवीडिया, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा जैसी कंपनियों ने बहुत बड़ा इन्वेस्टमेंट करके AI मॉडल तैयार किए हैं। कुछ रिपोर्ट्स में दावा है कि डीपसीक कंपनी ने अपना AI मॉडल सिर्फ 48.45 करोड़ रुपए में डेवलप किया था। डीपसीक ने एप स्टोर पर ChatGPT को पीछे छोड़ा चीन के डीपसीक एप को कंपनी की वेबसाइट से और एपल के एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। AI कोडिंग और मैथ्स जैसे जटिल टास्क में बेहद सटीक नतीजे दे रहा है। हाल ही में अमेरिका और UK में एपल ऐप स्टोर से डाउनलोडिंग के मामले में यह पहली पोजिशन पर रहा। इसने दोनों ही जगह ओपन AI के ChatGPT को पीछे छोड़ दिया। 2023 में ChatGPT के इस्तेमाल पर लिमिट लगाई थी यह पहली बार नहीं है जब US कांग्रेस ने किसी AI प्रोडक्ट के इस्तेमाल को बैन किया हो। 2023 में ChatGPT के इस्तेमाल पर लिमिट लगाई थे। सिर्फ कुछ खाम कामों के लिए ChatGPT के पेड वर्जन को ही छूट गई थी। इसी तरह पिछले साल अप्रैल में Microsoft Copilot के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया था। --------------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... चीनी AI मॉडल की एंट्री से अमेरिकी मार्केट 3% गिरा:एनवीडिया की वैल्यू 51.31 लाख करोड़ रुपए घटी, ट्रम्प बोले- ये अलर्ट होने का समय चीन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल डीपसीक की एंट्री से सोमवार को अमेरिकी टेक कंपनी एनवीडिया की वैल्यू करीब 600 अरब डॉलर (51.31 लाख करोड़ रुपए) गिर गई। ये अमेरिका के इतिहास में किसी कंपनी में एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट है। यहां पढ़ें पूरी खबर...

अमेरिकी संसद में चीनी AI डीपसीक के इस्तेमाल पर बैन: फोन-कंप्यूटर पर भी इंस्टॉल करने की मनाही, कहा- ये जांच के दायरे में
खर्चा पानी
लेखन टीम: नीतू शर्मा, साक्षी वर्मा, टीम नेतनागरी
परिचय
हाल ही में अमेरिकी संसद ने चीनी एआई कंपनी डीपसीक के सॉफ्टवेयर पर बैन लगाने का ऐलान किया है। यह निर्णय अमेरिकी सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अब इस तकनीक को फोन और कंप्यूटर पर इंस्टॉल करने की अनुमति नहीं होगी। आइए जानते हैं इस बैन के पीछे का कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में विस्तार से।
डीपसीक का परिचय
चीनी एआई कंपनी डीपसीक ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी तकनीक से बाजार में खास पहचान बनाई है। यह कंपनी कंप्यूटर विजन और मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में अग्रणी है। लेकिन यह कंपनी हाल के समय में विवादों में रही है, विशेषकर डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के मामलों में। अमेरिकी सरकार ने इसे देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए इस पर बैन लगाने का फैसला किया है।
बैन का कारण
यूएस संसद के अनुसार, डीपसीक के सॉफ्टवेयर का उपयोग करने से अमेरिका के नागरिकों की जानकारी और डेटा चुराने का खतरा बढ़ सकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि चीनी कंपनियाँ अपने सॉफ्टवेयर के माध्यम से सेंसिटिव जानकारी को अपने देश में भेजने का प्रयास कर सकती हैं। इसके चलते यह बैन लगाया गया है, जिससे अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके।
मतदाता की प्रतिक्रियाएँ
इस निर्णय पर अमेरिकी नागरिकों की मिश्रित प्रतिक्रियाएँ रही हैं। कुछ लोग इसे सही ठहरा रहे हैं, तो अन्य इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैन का असर वैश्विक टेक्नोलॉजी बाजार पर पड़ा सकता है और इससे विदेशी निवेश में कमी आ सकती है।
कंप्यूटर और फोन पर असर
डीपसीक पर लगे बैन का सीधा असर फोन और कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं पर पड़ेगा, क्योंकि अब उन्हें इस तकनीक का उपयोग नहीं करने दिया जाएगा। इससे सम्पूर्ण टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम में एक शून्य उत्पन्न होगा और यङ्ग इंजीनियर्स को अपने प्रोजेक्ट्स के लिए नई तकनीक खोजने की आवश्यकता पड़ेगी।
भविष्य की चुनौतियाँ और विकल्प
आगामी समय में अमेरिकी कंपनियों को अपने सॉफ्टवेयर के विकास में नई रणनीतियों को अपनाना होगा। उनकी चुनौतियों में यह भी होगा कि वे बेहतर प्रतिस्पर्धा कर सकें और अपने लोकतांत्रिक मानकों के अनुरूप सुरक्षा को बनाए रख सकें। इस संदर्भ में, स्थानीय कंपनियाँ नई अपडेशन और अनअथराइज्ड सॉफ्टवेयर की प्रत्याशा में और विकसित होंगी।
निष्कर्ष
अमेरिकी संसद का डीपसीक पर बैन लगाने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल अमेरिकी सुरक्षा को प्राथमिकता देता है, बल्कि यह संकेत भी है कि वैश्विक टेक समुदाय में सुरक्षा जितनी महत्वपूर्ण है, उतनी ही प्रौद्योगिकीय उद्यमिता भी। भविष्य में अपने डेटा और सुरक्षा को लेकर सजग रहना हर यूजर की जिम्मेदारी होगी। इस बैन के साथ, अमेरिका में टेक्नोलॉजी की दिशा भी बदल सकती है। इस मामले में और अपडेट्स के लिए, visit kharchaapani.com.
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