भास्कर अपडेट्स:इंफोसिस को-फाउंडर क्रिस गोपालकृष्णन समेत 18 लोगों पर SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज

इंफोसिस के को-फाउंडर क्रिस गोपालकृष्णन समेत 18 लोगों पर एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। इनमें आईआईएससी के पूर्व निदेशक बलराम का नाम भी शामिल है । बेंगलुर के 71वें सिटी सिविल और सेशन कोर्ट (सीसीएच) के निर्देश पर सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। आदिवासी बोवी समुदाय के शिकायतकर्ता दुर्गाप्पा ने दावा किया कि 2014 में उन्हें हनी ट्रैप मामले में झूठा फंसाया गया और बाद में IISC के फैकल्टी मेंबर की सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि उन्हें जातिवादी गाली और धमकियां दी गईं। इस मामले में आरोपी अन्य व्यक्तियों में गोविंदन रंगराजन, श्रीधर वारियर, संध्या विश्वेश्वरैया, हरि केवीएस, दासप्पा, बलराम पी, हेमलता मिशी, चट्टोपाध्याय के, प्रदीप डी सावकर और मनोहरन शामिल हैं। आज की अन्य बड़ी खबरें... बुराड़ी बिल्डिंग हादसा- अब तक 12 लोगों का रेस्क्यू किया गया दिल्ली के बुराड़ी इलाके में सोमवार शाम 7 बजे एक 4 मंजिला बिल्डिंग गिर गई है। यह बिल्डिंग ऑस्कर पब्लिक स्कूल के पास कौशिक एन्क्लेव में थी। इस हादसे में बिल्डिंग में काम कर रहे कुछ मजदूर दब गए। घटनास्थल पर पुलिस, फायर बिग्रेड की 9 गाड़ियां और एनडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। देर रात तक करीब 12 लोगों को मलबे में से निकाला गया। घायलों में एक बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है। जबकि बाकी खतरे से बाहर हैं। भाजपा सांसद मनोज तिवारी भी हादसे वाली जगह पहुंचे। उन्होंने कहा कि बिल्डिंग का निर्माण पूरा हो चुका था। फिनिशिंग के लिए पीओपी का काम चल रहा था। पुलिस का कहना है मलबे में 20-22 लोग फंसे हुए थे।

Jan 28, 2025 - 06:34
 135  501.8k
भास्कर अपडेट्स:इंफोसिस को-फाउंडर क्रिस गोपालकृष्णन समेत 18 लोगों पर SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज

भास्कर अपडेट्स: इंफोसिस को-फाउंडर क्रिस गोपालकृष्णन समेत 18 लोगों पर SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज

लेखक: प्रिया शर्मा, नीता मेहता, टीम नेतानागरी

खर्चा पानी

परिचय

हाल ही में भारतीय सुप्रीम कोर्ट (SC) ने एक महत्वपूर्ण मामले में निर्णय लिया, जिसमें इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन समेत 18 व्यक्तियों पर SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह मामला जातिगत भेदभाव और अत्याचारों की गंभीरता को उजागर करता है। भारत में जब भी समाज में इस तरह के मुद्दे उठते हैं, तब लोगों का ध्यान इस ओर आ जाता है, और यह मामला भी अलग नहीं है।

मामले का पृष्ठभूमि

यह मामला तब शुरू हुआ जब एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसे क्रिस गोपालकृष्णन सहित अन्य ने जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा। इस घटना ने न केवल संबंधित लोगों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गंभीर चिंताओं को जन्म दिया। अंततः, पीड़ित ने स्थानीय अदालत में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मामला SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया गया।

न्यायालय की भूमिका

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए इसकी गंभीरता को समझा और जल्दी ही संबंधित सभी पक्षों को नोटिस जारी किया। ऐसे मामलों में न्यायालय की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि समाज में शिक्षा और जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम का उद्देश्य दुर्बल वर्गों को सुरक्षित करना है, और ऐसे मामले इस कानून की प्रासंगिकता को और अधिक स्पष्ट करते हैं।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

इस खबर के बाद, सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक ओर जहां कुछ लोग न्याय की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे एक संयोग मानते हैं। इस मामले ने चर्चा का मुद्दा बना दिया है, और यह तय है कि समाज में शिकायत और न्याय के लिए आवाज़ उठाने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

क्रिस गोपालकृष्णन और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज होना एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि जातिगत भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह मामला भारत में सामाजिक न्याय की दिशा में एक और अभ्यास है। हमें उम्मीद है कि न्यायपालिका इस मामले में उचित कार्रवाई करेगी और समाज में समानता का आधार बनाएगी।

Keywords

SC/ST Atrocities Act, Chris Gopalakrishnan, Infosys co-founder, Supreme Court India, caste discrimination, social justice, legal action in India, discrimination issues, recent news in India, law and order

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow